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2017-18 हेतु भारत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान

राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान- संदर्भ

  • 2017-18 हेतु भारत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखाओं का अनुमान हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया था।
  • 2017-18 के निष्कर्षों के लिए भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखाओं (एनएचए) के अनुमानों से ज्ञात होता है कि कुल स्वास्थ्य व्यय एवं स्वास्थ्य के लिए विदेशी सहायता के हिस्से के रूप में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (ओओपीई) दोनों में कमी आई है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान 2017-18: प्रमुख निष्कर्ष

  • कुल स्वास्थ्य व्यय के एक अंश के रूप में, ओओपीई 2017-18 में घटकर 8% हो गया, जो 2013-14 में 64.2% था।
  • प्रति व्यक्ति ओओपीई के मामले में भी, 2013-14 से 2017-18 के मध्य 2,336 रुपए से 2,097 रुपए तक की गिरावट आई है।
  • सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत( %) के रूप में सरकारी स्वास्थ्य व्यय के अंश में वृद्धि: यह 2013-14 में 15 प्रतिशत से बढ़कर 2017-18 में 1.35 प्रतिशत हो गया है।
  • कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी स्वास्थ्य व्यय की हिस्सेदारी में वृद्धि: यह 2013-14 में 6% से बढ़कर 2017-18 में 40.8% हो गई है।
  • प्रति व्यक्ति सरकारी स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि: यह 2013-14 से 2017-18 के मध्य 1,042 रुपए से 1,753 रुपए तक बढ़ गया है।
  • वर्तमान सरकारी स्वास्थ्य व्यय में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि: यह 2013-14 में 1% से बढ़कर 2017-18 में 54.7% हो गई है।
  • कुल सरकारी स्वास्थ्य व्यय में प्राथमिक, माध्यमिक एवं तृतीयक स्वास्थ्य व्यय का अंश:
    • प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाएं वर्तमान सरकारी स्वास्थ्य व्यय के 80% से अधिक का गठन करती है।
    • सरकारी स्वास्थ्य व्यय के मामले में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाओं के अंश में वृद्धि हुई है।
    • सरकारी क्षेत्र में 2016-17 एवं 2017-18 के मध्य प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाओं का हिस्सा 75% से बढ़कर 86% हो गया है।
  • कुल निजी स्वास्थ्य व्यय में प्राथमिक, माध्यमिक एवं तृतीयक स्वास्थ्य व्यय का अंश:
    • तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के अंश में वृद्धि हुई है किंतु प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट की प्रवृत्ति  प्रदर्शित हो रही है।
    • प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाओं का 84% से घटकर 74% हो गया है।
  • स्वास्थ्य पर सामाजिक सुरक्षा व्यय के अंश में वृद्धि: इसमें सामाजिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम, सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ एवं सरकारी कर्मचारियों को की गई चिकित्सा प्रतिपूर्ति शामिल हैं।
    • कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में, वृद्धि 2013-14 में छह प्रतिशत से 2017-18 में लगभग नौ प्रतिशत हो गई है।
  • स्वास्थ्य हेतु विदेशी सहायता के अंश में कमी: यह भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करते हुए 5% तक आ गया है।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) का अनुमान 2017-18

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) के बारे में: भारत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट है, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा तकनीकी सचिवालय के रूप में नामित किया गया है।
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) का अनुमान है कि 2017-18 राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र द्वारा तैयार की गई पांचवीं रिपोर्ट है।
  • आकलन पद्धति: राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा उपलब्ध कराए गए स्वास्थ्य लेखाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रणाली 2011 के आधार पर एक लेखा संरचना का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं।
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