Home   »   gati shakti master plan upsc   »   National Industrial Corridor Development Programme
Top Performing

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम

एनआईसीडीपी यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

हिंदी

एनआईसीडीपी एडीबी: प्रसंग

  • हाल ही में, केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम/एनआईसीडीपी) के लिए शीर्ष अनुश्रवण प्राधिकरण की  प्रथम बैठक दिल्ली में आयोजित की गई थी।

 

एनआईसीडीपी की बैठक: प्रमुख बिंदु

  • बैठक में उन राज्यों के 6 मुख्यमंत्रियों एवं उद्योग मंत्रियों ने भाग लिया, जहां से औद्योगिक गलियारा गुजर रहा है।
  • वित्त मंत्री ने नीति आयोग से एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है जिसमें औद्योगिक गलियारों, लॉजिस्टिक्स पार्कों एवं फार्मा हब सहित सभी औद्योगिक क्षेत्रों को पीएम गति शक्ति पहल के अंतर्गत सम्मिलित किया जाएगा।
  • उन्होंने जहाजरानी मंत्रालय से उन संपर्कों का पता लगाने का भी आग्रह किया है जो बंदरगाहों एवं औद्योगिक गलियारों के मध्य प्राप्त किए जा सकते हैं।

 

एनआईसीडीपी क्या है?

  • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम भारत का सर्वाधिक महत्वाकांक्षी आधारिक अवसंरचना कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य भारत में भविष्य के औद्योगिक शहरों को विकसित करना है जो विश्व में सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण तथा निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
  • एनआईसीडीपी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्र सरकार का एक प्रयास है जो नवाचार को  प्रोत्साहन देने, निवेश की सुविधा प्रदान करने, कौशल विकास को बढ़ाने  एवं विश्व स्तर नवीन आधारिक अवसंरचना के निर्माण तथा वर्तमान औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने हेतु समर्पित है।
  • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) संपूर्ण देश में इन औद्योगिक गलियारों के समग्र तथा समन्वित विकास को क्रियान्वित कर रहा है।
  • एनआईसीडीपी रोजगार के अवसर एवं आर्थिक विकास का सृजन करेगा जिससे समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
  • 2021 में, एशियाई विकास बैंक (एशियन डेवलपमेंट बैंक/ADB) ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) का समर्थन करने हेतु 250 मिलियन डॉलर के ऋण को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।

 

एनआईसीडीसी की परियोजनाएं

निम्नलिखित 11 औद्योगिक गलियारों के तहत 4 चरणों में 32 परियोजनाएं हैं जो राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का हिस्सा हैं

  • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर/डीएमआईसी)
  • अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी)
  • चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (सीबीआईसी)
  • विजाग-चेन्नई औद्योगिक गलियारा (वीसीआईसी)
  • बेंगलुरु-मुंबई औद्योगिक गलियारा (बीएमआईसी)
  • ओडिशा आर्थिक गलियारा (ओईसी)
  • हैदराबाद नागपुर औद्योगिक गलियारा (एचएनआईसी)
  • हैदराबाद वारंगल औद्योगिक गलियारा (एचडब्ल्यूआईसी)
  •  हैदराबाद बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (एचडब्ल्यूआईसी)
  • कोयंबटूर के रास्ते कोच्चि तक सीबीआईसी का विस्तार
  • दिल्ली नागपुर औद्योगिक गलियारा (डीएनआईसी)

हिंदी

पीएम गति शक्ति का अर्थ

  • गति शक्ति एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो रेलवे एवं सड़क मार्ग सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना  एवं आधारिक अवसंरचना संपर्क परियोजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन हेतु एक साथ लाएगा।
  • यह भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, शुष्क/भूमि बंदरगाहों, उड़ान इत्यादि जैसे विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की आधारिक अवसंरचना योजनाओं को समाविष्ट करेगा।
  • वस्त्र संकुल (टेक्सटाइल क्लस्टर्स), फार्मास्युटिकल क्लस्टर्स, डिफेंस कॉरिडोर, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, फिशिंग क्लस्टर्स, एग्री ज़ोन जैसे आर्थिक क्षेत्रों के संपर्क में सुधार लाने एवं भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु समाहित किया जाएगा।
  • यह बीआईएसएजी-एन (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइंफॉर्मेटिक्स) द्वारा विकसित इसरो इमेजरी के साथ स्थानिक नियोजन उपकरण सहित व्यापक रूप से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा।

 

मिशन वात्सल्य योजना लैंगिक बजटिंग अधिनियम संपादकीय विश्लेषण- बीटिंग द हीट रोहिणी आयोग को 13वां विस्तार मिला
संपादकीय विश्लेषण- रुपये की गिरावट का अर्थ समझना ब्रिक्स के संचार मंत्रियों की बैठक 2022 उष्ण कटिबंध पर ओजोन का क्षरण  अंतरिक्ष स्थिरता हेतु सम्मेलन 2022 
राज्यसभा सचिवालय की संस्तुतियां पशु स्वास्थ्य सम्मेलन 2022 संपादकीय विश्लेषण: जीएसटी के 5 वर्षों का जायजा लेना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम

Sharing is caring!

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम_3.1