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आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन II- स्वास्थ्य एवं शिक्षा।
आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिंस/एनएलईएम): चर्चा में क्यों है?
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में 34 नई दवाएं जोड़ी गईं एवं 26 पुरानी दवाओं को पिछली सूची से हटा दिया गया।
आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम): परिभाषा
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन/डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, आवश्यक दवाएं वे हैं जो जनसंख्या की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
- अतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 1996 में भारत की आवश्यक दवाओं की पहली राष्ट्रीय सूची तैयार की एवं जारी की जिसमें 279 दवाएं सम्मिलित थीं।
- यह सूची रोग की व्यापकता, प्रभावकारिता, सुरक्षा एवं दवाओं की तुलनात्मक लागत-प्रभावशीलता को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
- ऐसी दवाएं पर्याप्त मात्रा में, उचित खुराक रूपों में तथा सुनिश्चित गुणवत्ता के साथ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के लिए अभिप्रेत हैं।
- उन्हें इस तरह से उपलब्ध होना चाहिए कि कोई व्यक्ति या समुदाय वहन कर सके।
भारत में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम)
- एनएलईएम के तहत सूचीबद्ध दवाएं – जिन्हें अधिसूचित दवाओं के रूप में भी जाना जाता है – सस्ती होंगी क्योंकि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी/एनपीपीए) दवा की कीमतों को सीमित करता है एवं मात्र थोक मूल्य सूचकांक-आधारित मुद्रास्फीति के आधार पर परिवर्तन करता है।
- सूची में मधुमेह के उपचार हेतु रोगजनक-रोधी (एंटी-इन्फेक्टिव) दवाएं जैसे इंसुलिन – एचआईवी, तपेदिक, कैंसर, गर्भनिरोधक, हार्मोनल दवाएं एवं निश्चेतक (एनेस्थेटिक्स) सम्मिलित हैं।
- 1.6 लाख करोड़ रुपये के घरेलू दवा बाजार में इनकी हिस्सेदारी 17-18 प्रतिशत है।
- गैर- अधिसूचित दवाओं का विक्रय करने वाली कंपनियां प्रत्येक वर्ष कीमतों में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
- आमतौर पर, एनएलईएम जारी होने के पश्चात, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत औषधि विभाग उन्हें औषधि मूल्य नियंत्रण प्रणाली (ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर) में जोड़ता है, जिसके बाद एनपीपीए कीमतों का निर्धारण करता है।
आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम):
- आवश्यक दवाओं की एक सूची (एसेंशियल मेडिसिंस लिस्ट/ईएमएल) तैयार करने से चिकित्सा देखभाल की बेहतर गुणवत्ता, दवाओं के बेहतर प्रबंधन एवं स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों के लागत प्रभावी उपयोग के रूप में परिणत होने की संभावना है।
- यह भारत जैसे संसाधन सीमित देश के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
- आवश्यक दवाओं की सूची का उद्देश्य दवाओं की उपलब्धता एवं तर्कसंगत उपयोग पर सकारात्मक प्रभाव डालना है।