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राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति: यह इस क्षेत्र में अधिक प्रतिस्पर्धी, आत्मनिर्भर, सुदृढ़ एवं आविष्कारशील बनने के लिए भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग को समर्थन एवं मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा तैयार की गई एक नीति है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न सरकारी नीतियां एवं कार्यक्रम) के लिए भी राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को स्वीकृति प्रदान की।
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति से संबंधित विवरण
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 का उद्देश्य भारत तथा शेष विश्व दोनों की स्वास्थ्य संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी, आत्मनिर्भर, मजबूत एवं आविष्कारशील बनाना है।
- फोकस क्षेत्र: राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति रोगी की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने एवं बदलती स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं के साथ गति बनाए रखने के लिए चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में विकास को गति देने पर केंद्रित है।
- दृष्टिकोण:रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ त्वरित विकास पथ एवं आगामी 25 वर्षों में बढ़ते वैश्विक बाजार में 10-12% हिस्सेदारी हासिल करके चिकित्सा उपकरणों के निर्माण तथा नवाचार में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरना।
- इस नीति से 2030 तक चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को वर्तमान 11 बिलियन डॉलर से 50 बिलियन डॉलर तक वृद्धि करने में सहायता प्राप्त होने की संभावना है।
- उद्देश्य: नीति चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए एक रोडमैप निर्धारित करती है ताकि निम्नलिखित मिशनों, पहुंच एवं सार्वभौमिकता, सामर्थ्य, गुणवत्ता, रोगी केंद्रित एवं गुणवत्ता देखभाल, निवारक तथा प्रोत्साहक स्वास्थ्य, सुरक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार तथा कुशल जनशक्ति को प्राप्त किया जा सके।
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 की प्रमुख विशेषताएं
चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को रणनीतियों के एक समुच्चय के माध्यम से सुविधा एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा जो नीतिगत अंतःक्षेप के छह व्यापक क्षेत्रों को समाहित करेगा:
विनियामक सरलीकरण
अनुसंधान एवं व्यवसाय करने में सुगमता में वृद्धि करने हेतु तथा एईआरबी, डीईआईटीवाई, डीएएचडी जैसे सभी हितधारक विभागों/संगठनों को सहयोग करने वाले चिकित्सा उपकरणों के लाइसेंस के लिए ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम’ के निर्माण जैसे उत्पाद नवाचार उपायों के साथ रोगी सुरक्षा को संतुलित करने इत्यादि के लिए, बीआईएस जैसे भारतीय मानकों की भूमिका को बढ़ाने एवं एक सुसंगत मूल्य निर्धारण विनियमन को डिजाइन करने का अनुसरण किया जाएगा।
अवसंरचना को सक्षम करना
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम (नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोग्राम) तथा पीएम गति शक्ति के दायरे में प्रस्तावित राष्ट्रीय रसद नीति 2021 के तहत आवश्यक रसद संपर्क के साथ आर्थिक क्षेत्रों के निकट विश्व स्तरीय सामान्य आधारिक अवसंरचनाओं से सुसज्जित बड़े चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना तथा सुदृढ़ीकरण, चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ बेहतर अभिसरण एवं विगत एकीकरण के लिए राज्य सरकारों तथा उद्योग जगत के साथ प्रयास किया जाएगा
अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार को सुगम बनाना
इस नीति में भारत में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने तथा भारत में फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार पर विभाग की प्रस्तावित राष्ट्रीय नीति को पूरक बनाने की परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य अकादमिक एवं अनुसंधान संस्थानों, नवाचार केंद्रों, ‘प्लग एंड प्ले’ आधारिक अवसंरचना में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना एवं स्टार्ट-अप को समर्थन देना भी है।
क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना
मेक इन इंडिया, आयुष्मान भारत कार्यक्रम, हील-इन-इंडिया, स्टार्ट-अप मिशन जैसी हालिया योजनाओं एवं अंतःक्षेपों के साथ, नीति निजी निवेश, उद्यम पूंजीपतियों से वित्त पोषण की श्रृंखला एवं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप/पीपीपी) को भी प्रोत्साहित करती है।
मानव संसाधन विकास
वैज्ञानिक, नियामकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, प्रबंधकों, तकनीशियनों, इत्यादि सदृश मूल्य श्रृंखला में कुशल कार्यबल की निरंतर आपूर्ति के लिए, नीति निम्नलिखित की परिकल्पना करता है:
- चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में पेशेवरों की स्किलिंग, रीस्किलिंग एवं अपस्किलिंग के लिए हम कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय में उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठा सकते हैं।
- नीति मौजूदा संस्थानों में चिकित्सा उपकरणों के लिए समर्पित बहु-विषयक पाठ्यक्रमों का समर्थन करेगी ताकि भविष्य के लिए तैयार मेडटेक मानव संसाधनों का उत्पादन करने एवं क्षेत्र की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भविष्य की चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उच्च अंत निर्माण एवं अनुसंधान के लिए कुशल जनशक्ति की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
- विश्व बाजार के साथ समान गति में बने रहने के लिए चिकित्सा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने हेतु विदेशी अकादमिक/उद्योग संगठनों के साथ साझेदारी विकसित करना।
ब्रांड स्थापना एवं जागरूकता निर्माण
नीति में विभाग के अधीन क्षेत्र के लिए एक समर्पित निर्यात संवर्धन परिषद के निर्माण की परिकल्पना की गई है जो विभिन्न बाजार पहुंच मुद्दों के प्रबंधन हेतु सक्षम होगी:
- विनिर्माण एवं कौशल प्रणाली की सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों से सीखने के लिए अध्ययन एवं परियोजनाएं प्रारंभ करना ताकि भारत में ऐसे सफल प्रतिमानों को अपनाने की व्यवहार्यता का पता लगाया जा सके।
- ज्ञान साझा करने एवं संपूर्ण क्षेत्र में मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाने के लिए अधिक मंचों को प्रोत्साहित करना।
चिकित्सा उपकरण उद्योग के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति
2023 के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति पहुंच, सामर्थ्य, गुणवत्ता एवं नवाचार के सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चिकित्सा उपकरण उद्योग के व्यवस्थित विस्तार को प्रोत्साहित करने हेतु निर्धारित है।
- इस क्षेत्र से विभिन्न रणनीतियों को लागू करके अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने की संभावना है, जैसे कि विनिर्माण एवं नवाचार के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना, एक मजबूत एवं कुशल नियामक ढांचा विकसित करना, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण की पहल के लिए सहायता प्रदान करना तथा उच्च शिक्षा को कुशल बनाने के लिए प्रोत्साहित करना एवं प्रतिभाशाली पेशेवर जो उद्योग की आवश्यकताओं के साथ संरेखित होते हैं।
- घरेलू निवेश एवं चिकित्सा उपकरणों के स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” तथा “मेक इन इंडिया” पहल के अनुरूप है।
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति का महत्व
विकास को गति प्रदान करने तथा चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की क्षमता को अधिकतम करने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे की तत्काल आवश्यकता है। हालांकि विभिन्न सरकारी विभागों ने इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने हेतु कार्यक्रमों को लागू किया है, राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 समन्वित रीति से विकास फोकस क्षेत्रों का एक सुसंगत समुच्चय स्थापित करना चाहती है।
- इसके अतिरिक्त, उद्योग की विविध एवं अंतःविषय प्रकृति के कारण, चिकित्सा उपकरण उद्योग के लिए नियम, कौशल पहल कथा व्यापार संवर्धन के प्रयास केंद्र एवं राज्य दोनों स्तरों पर अनेक सरकारी विभागों में फैले हुए हैं।
- इसलिए, प्रासंगिक एजेंसियों द्वारा क्षेत्र के लिए कुशल एवं केंद्रित समर्थन तथा सुविधा प्रदान करने के लिए इन अंतःक्षेपों को एक सुसंगत तरीके से एक साथ लाना आवश्यक है।
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति क्या है?
उत्तर. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग को समर्थन एवं सुदृढ़ करने हेतु भारत सरकार द्वारा विकसित एक नीतिगत ढांचा है। नीति का उद्देश्य न केवल भारत बल्कि विश्व की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी, आत्मनिर्भर, लोचशील एवं अभिनव बनाना है।
प्र. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति की घोषणा कब की गई थी?
उत्तर. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति की घोषणा अप्रैल 2023 में की गई थी।
प्र. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति के प्रमुख उद्देश्यों में चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में अनुसंधान तथा विकास को प्रोत्साहित करना, चिकित्सा उपकरणों के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करना, किफायती चिकित्सा उपकरणों तक पहुंच में सुधार करना एवं चिकित्सा उपकरणों के लिए नियामक ढांचे को संवर्धित करना शामिल है।
प्र. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की योजना कैसे बनाती है?
उत्तर. राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके, चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना करके, घरेलू विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन प्रदान करके, नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके तथा चिकित्सा उपकरण उद्योग में नवाचार एवं उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण कर अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की योजना बना रही है।