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नीली अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय नीति- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन और चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
नीली अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय नीति चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने सूचित किया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय देश के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय नीति को अंतिम रूप दे रहा है।
ब्लू इकोनॉमी पर राष्ट्रीय नीति के बारे में
- ब्लू इकोनॉमी पर राष्ट्रीय नीति के बारे में: ब्लू इकोनॉमी फ्रेमवर्क पर प्रारूप राष्ट्रीय नीति में तटीय क्षेत्रों के सतत विकास के लिए समुद्री क्षेत्र के सभी क्षेत्रों, (जीवित, निर्जीव संसाधन, पर्यटन, समुद्री ऊर्जा इत्यादि) के इष्टतम उपयोग की परिकल्पना की गई है।
- मंत्रालय: आम जनता एवं समस्त संबंधित हितधारकों की टिप्पणियों एवं प्रतिक्रिया के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा नीली अर्थव्यवस्था नीति (ब्लू इकोनॉमी पॉलिसी) तैयार की जा रही है।
- नीति निर्माण में भागीदारी: मंत्रालयों/विभागों, संसद सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों, उद्योग प्रतिनिधियों एवं आम जनता से प्राप्त अनेक बहुमूल्य टिप्पणियों/सुझावों पर विचार किया गया है तथा नीति दस्तावेज को तदनुसार संशोधित किया गया है।
- नीति के अंतर्गत सम्मिलित क्षेत्र: ब्लू इकोनॉमिक पॉलिसी दस्तावेज़ में निम्नलिखित विषयों पर प्रमुख संस्तुतियां सम्मिलित हैं-
- नीली अर्थव्यवस्था एवं महासागर शासन हेतु राष्ट्रीय लेखा ढांचा,
- तटीय समुद्री स्थानिक योजना एवं पर्यटन प्राथमिकता,
- समुद्री मत्स्य पालन,
- जल-कृषि (एक्वाकल्चर) एवं मछली प्रसंस्करण
- विनिर्माण, उदीयमान उद्योग, व्यापार, प्रौद्योगिकी, सेवाएं एवं कौशल विकास,
- सम्भारिकी (लॉजिस्टिक्स), अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) एवं शिपिंग,
- तटीय तथा गहरे समुद्र में खनन एवं
- अपतटीय ऊर्जा तथा सुरक्षा,
- सामरिक आयाम एवं अंतर्राष्ट्रीय संबद्धता।
- नेशनल ब्लू इकोनॉमी एडवाइजरी काउंसिल (बीईएसी): राष्ट्रीय आर्थिक नीति (नेशनल इकोनॉमी पॉलिसी) में नेशनल ब्लू इकोनॉमी एडवाइजरी काउंसिल (बीईएसी) की स्थापना का प्रस्ताव है।
- बीईएसी में सदस्यों के रूप में संबंधित मंत्रालयों/विभागों के सचिव होंगे।
- इसमें तटीय राज्यों के मुख्य सचिव/प्रधान सचिव एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
नीली अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय नीति- स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर
- स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर के बारे में: स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर, तटीय समुद्र तटों की सफाई एवं जागरूकता में वृद्धि करने हेतु सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया एक 75-दिवसीय तटीय सफाई अभियान है।
- तटीय जिलों के साथ कम से कम 75 समुद्र तटों की सफाई के लिए तटीय सफाई अभियान 05 जुलाई 2022 को प्रारंभ हुआ एवं 17 सितंबर 2022 को ‘अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस’ पर समाप्त होगा।
- आयोजक मंत्रालय: MoES द्वारा भारतीय तटरक्षक, MoEFCC, MoYAS, NDMA, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि एवं सरकारी विभागों, स्वयंसेवी संगठनों, जनता तथा छात्रों के साथ संयुक्त रूप से स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर का आयोजन किया जा रहा है।
- प्रमुख क्रियाकलाप: स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर में विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पृथ्वी दिवस, महासागर दिवस इत्यादि के माध्यम से मुद्दों पर जागरूकता अभियानों, प्रतियोगिताओं एवं कार्यशालाओं / सेमिनारों के लिए समर्थन सम्मिलित होगा।