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राष्ट्रीय रेल योजना विजन: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
राष्ट्रीय रेल योजना दृष्टिकोण: संदर्भ
- हाल ही में, रेल मंत्रालय ने 2030 तक ‘भविष्य हेतु तैयार‘ रेलवे प्रणाली निर्मित करने के लिए भारत – 2030 हेतु एक राष्ट्रीय रेल योजना (नेशनल रेल प्लान/NRP) तैयार किया है।
राष्ट्रीय रेल योजना विजन: मुख्य बिंदु
- एनआरपी का उद्देश्य परिचालन क्षमता एवं वाणिज्यिक नीति पहल दोनों के आधार पर रणनीति तैयार करना है ताकि माल ढुलाई में रेलवे के आदर्श हिस्से को 45% तक बढ़ाया जा सके।
- योजना का उद्देश्य मांग से पूर्व क्षमता का निर्माण करना है, जो बदले में 2050 तक मांग में भविष्य की वृद्धि को भी पूरा करेगा और माल ढुलाई में रेलवे की आदर्श हिस्सेदारी को बढ़ाकर 45% कर देगा एवं इसे बनाए रखना जारी रखेगा।
राष्ट्रीय रेल योजना विजन के उद्देश्य
- माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी को 45% तक बढ़ाने के लिए परिचालन क्षमता एवं वाणिज्यिक नीति पहल दोनों के आधार पर रणनीति तैयार करना।
- मालगाड़ियों की औसत गति को 50 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाकर पारवहन (माल ढुलाई) के समय को काफी हद तक कम करना।
- राष्ट्रीय रेल योजना के हिस्से के रूप में, 2024 तक कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन के लिए विजन 2024 प्रारंभ किया गया है जैसे 100% विद्युतीकरण, भीड़भाड़ वाले मार्गों की बहु रेल-पथ (मल्टी-ट्रैकिंग), दिल्ली-हावड़ा एवं दिल्ली-मुंबई मार्गों पर 160 किमी प्रति घंटे की गति का उन्नयन अन्य सभी स्वर्णिम चतुर्भुज-स्वर्ण विकर्ण (जीक्यू/जीडी) मार्गों पर गति को 130 किमी प्रति घंटे तक अपग्रेड करना तथा सभी जीक्यू/जीडी मार्गों पर सभी समपारों को हटाना।
- नए समर्पित फ्रेट कॉरिडोर की पहचान करना।
- नए हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की पहचान करना।
- यात्री यातायात के लिए रोलिंग स्टॉक की आवश्यकता के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए वैगन की आवश्यकता का आकलन करना।
- 100% विद्युतीकरण (हरित ऊर्जा) एवं माल ढुलाई में आदर्श हिस्सेदारी (फ्रेट मोडल शेयर) बढ़ाने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लोकोमोटिव की आवश्यकता का आकलन करना।
- पूंजी में कुल निवेश का आकलन करना जिसकी समय-समय पर वियोजन (ब्रेक अप) के साथ आवश्यकता होगी।
- रोलिंग स्टॉक के संचालन एवं स्वामित्व, माल ढुलाई कथा यात्री टर्मिनलों के विकास, रेल पथ संबंधी आधारिक संरचना का विकास / संचालन इत्यादि जैसे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की निरंतर भागीदारी।
रेलवे के आधुनिकीकरण की आवश्यकता क्यों है?
- भारतीय रेलवे में जिन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास की आवश्यकता है, उनमें उच्च गति युक्त रेलगाड़ियां, सुरक्षा, रेल पथ का आधुनिकीकरण, लोकोमोटिव, सिग्नलिंग सिस्टम एवं अत्यधिक वजन ढुलाई प्रणाली (हेवी हॉल सिस्टम) का विकास जहां एक्सल लोड एवं ट्रेनों की लंबाई तथाप्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग सम्मिलित है।
- सरकार ने इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण पहल प्रारंभ की है एवं रेलवे के नेटवर्क विस्तार, नवीन आधारिक अवसंरचना के निर्माण तथा तकनीकी उन्नयन में महत्वपूर्ण नीतिगत पहलों की घोषणा करने पर भी विचार कर रही है।
राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के लिए फोकस क्षेत्र
- भारतीय रेलवे में नीति एवं नियामक उन्नयन
- भारतीय रेलवे में दक्षता एवं सुरक्षा में वृद्धि करने हेतु प्रभावी साधन
- अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तथा संयुक्त उद्यम
- रेल संपर्क का सहभागी मॉडल
- रेलवे में निजी पूंजी का लाभ उठाने हेतु रणनीतियां
- क्षमता वृद्धि एवं आधारिक अवसंरचना