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राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड: प्रसंग
- हाल ही में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन को अधिसूचित किया है जो भारत की अग्रणी सड़क सुरक्षा परिषद के रूप में कार्य करेगा।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड: मुख्य बिंदु
- इसकी स्थापना का प्रावधान सर्वप्रथम 2019 के मोटर वाहन संशोधन अधिनियम में किया गया था।
- इसकी एक सलाहकारी भूमिका होगी एवं यह केंद्र सरकार को सड़क सुरक्षा के उपायों की सिफारिश करेगी।
विश्व का सर्वाधिक लंबा एक्सप्रेस-वे: दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का प्रधान कार्यालय
- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होगा एवं बोर्ड भारत में अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकता है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड की संरचना
- इसमें अध्यक्ष एवं न्यूनतम तीन, किन्तु सात से अधिक सदस्य नहीं होंगे, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के उद्देश्य
- बोर्ड सड़क सुरक्षा, नवाचार को बढ़ावा देने एवं नई तकनीक को अपनाने तथा यातायात एवं मोटर वाहनों को विनियमित करने हेतु उत्तरदायित्व होगा।
- इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करने एवं सुरक्षा के सभी पहलुओं में सुधार हेतु राज्यों के सहयोग से प्रयासों को एकीकृत करना है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के प्रमुख कार्य
- निम्नलिखित का निरूपण
- पहाड़ी क्षेत्रों के लिए सड़क सुरक्षा, यातायात प्रबंधन एवं सड़क निर्माण हेतु विशिष्ट मानक
- यातायात पुलिस के लिए क्षमता निर्माण तथा कौशल विकास हेतु दिशा-निर्देश,
- ट्रॉमा संस्थानों/सुविधाओं एवं पैरा-मेडिकल संस्थानों/सुविधाओं की स्थापना एवं संचालन हेतु दिशा-निर्देश।
- सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन पर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों तथा स्थानीय प्राधिकरणों को तकनीकी सलाह एवं सहायता प्रदान करना;
भारत में सड़क दुर्घटनाएं – एनसीआरबी रिपोर्ट 2020
- निम्नलिखित को प्रोत्साहन
- दयालु व्यक्ति;
- सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन में श्रेयस्कर परिपाटियां
- वाहन अभियांत्रिकी के क्षेत्र में नवीन वाहन प्रौद्योगिकी;
- अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय; तथा
- अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी मानकों एवं घरेलू तकनीकी मानकों के मध्य एकरूपता।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड: इसकी आवश्यकता क्यों है?
- 2019 की सड़क दुर्घटना रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में देश में लगभग 5 लाख दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.5 लाख से अधिक मौतें हुईं एवं 4.5 लाख से अधिक घायल हुए।
- राष्ट्रीय राजमार्ग, जो कुल सड़क नेटवर्क के 03 प्रतिशत भाग का गठन करता है है, 2019 में 35.7 प्रतिशत मौतों के असंगत हिस्से हेतु उत्तरदायी रहा।
- सड़क सुरक्षा संपूर्ण विश्व में मृत्यु एवं अभिघात का एक प्रमुख कारण बना हुआ है, वैश्विक स्तर पर 35 मिलियन से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु, जैसा कि सड़क सुरक्षा 2018 पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है, इनमें से 90% हताहतों की संख्या विकासशील देशों में एवं 11% अकेले भारत में होती हैं।
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने हेतु सरकार के कदम
- सरकार ने 2024 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
- सड़क सुरक्षा से व्यापक रूप से निपटने के लिए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को क्रियान्वित किया गया था।
- सरकार ने जागरूकता को बढ़ावा देने, सड़क सुरक्षा सूचना डेटाबेस स्थापित करने, सुरक्षित सड़क आधारिक अवसंरचना को प्रोत्साहित करने हेतु राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति को स्वीकृति प्रदान की है।
- चिन्हित ब्लैक स्पॉट को ठीक करने हेतु कदम उठाए जा रहे हैं।
- राजमार्ग के विकास के सभी चरणों में सड़क सुरक्षा लेखा परीक्षा की जा रही है।
- ब्रासीलिया घोषणा पत्र को हस्ताक्षरित किया है एवं सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध है।
- हाल ही में, दयालु व्यक्तियों को पुरस्कार देने हेतु योजनाएं आरंभ की जा रही हैं।