Home   »   राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ)

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ)

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय अर्थव्यवस्था- आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

 राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) – संदर्भ

  • हाल ही में, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के तिमाही आंकड़े जारी किए हैं।
  • मुख्य निष्कर्ष:
    • अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) 2020-21 की पहली तिमाही में 2% की गिरावट के पश्चात 18.8% बढ़ा।
    • भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2021-22 की पहली तिमाही में, विगत वर्ष इसी तिमाही में दर्ज किए गए 24,4% के संकुचन की तुलना में 1% की वृद्धि हुई।

UPSC Current Affairs

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ)- प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बारे में: सरकार ने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ), कंप्यूटर केंद्र एवं केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ( सीएसओ) का विलय कर एक व्यापक निकाय एनएसओ का गठन किया है।
    • एनएसओ की परिकल्पना सर्वप्रथम रंगराजन आयोग द्वारा सांख्यिकीय मानकों को लागू करने एवं अनुरक्षित रखने तथा राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) द्वारा निर्धारित केंद्रीय एवं राज्य अभिकरणों की सांख्यिकीय गतिविधियों के समन्वय हेतु की गई थी।
    • एनएसओ के प्रमुख, सचिव (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन) होंगे।
    • सीएसओ देश में सांख्यिकीय गतिविधियों का समन्वय करता है एवं सांख्यिकीय मानकों को भी विकसित करता है।
    • एनएसएसओ अखिल भारतीय आधार पर विविध क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण करने हेतु उत्तरदायी है।
  • जनक / मूल मंत्रालय: यह सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की सांख्यिकी शाखा है।

विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2020-22

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय: प्रमुख कार्य

  • एनएसओ में निम्नलिखित उत्तरदायित्व अधिदेशित हैं-
    • देश में सांख्यिकीय प्रणाली के नियोजित विकास के लिए केंद्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) के रूप में कार्य करता है,
    • सांख्यिकी के क्षेत्र में मानदंडों एवं मानकों को निर्धारित करता है एवं अनुरक्षित रखता है, जिसमें अवधारणाएं तथा परिभाषाएं, आंकड़ा संग्रहण की पद्धति, आंकड़ों का प्रसंस्करण एवं परिणामों का प्रसार सम्मिलित है।
    • राष्ट्रीय लेखा तैयार करता है एवं साथ ही राष्ट्रीय उत्पाद, सरकारी एवं निजी उपभोग व्यय, पूंजी निर्माण, बचत, पूंजीगत स्टॉक के अनुमान तथा सावधि (निश्चित) पूंजी की खपत के वार्षिक अनुमान प्रकाशित करता है
    • अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकीय संगठनों, जैसे संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (यूएनएसडी), एशिया एवं प्रशांत हेतु आर्थिक  तथा सामाजिक आयोग (ईएससीएपी), एशिया एवं प्रशांत हेतु सांख्यिकीय संस्थान (एसआईएपी), आदि के साथ संपर्क बनाए रखता है
    • ‘त्वरित अनुमान’ के रूप में प्रत्येक माह औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) को संकलित एवं जारी करता हैतथा उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) आयोजित करता है।
    • आवधिक अखिल भारतीय आर्थिक गणना एवं अनुवर्ती उद्यम सर्वेक्षण का आयोजन तथा संचालन करता है।

भारत की जीडीपी विकास दर में पहली तिमाही में 20% की वृद्धि

Sharing is caring!

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ)_3.1