Home   »   Technical Textiles   »   राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन
Top Performing

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

UPSC Current Affairs

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: प्रसंग

  • हाल ही में, कपड़ा मंत्रालय ने अग्रणी कार्यक्रम (फ्लैगशिप प्रोग्राम) नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल्स मिशन (एनटीटीएम) के तहत स्पेशलिटी फाइबर एवं जियोटेक्सटाइल के क्षेत्रों में 20 रणनीतिक परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है।

 

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: मुख्य बिंदु

  • 30 करोड़ रुपये की 20 रणनीतिक परियोजनाएं इस मिशन के अंतर्गत हैं। इससे पूर्व, 78 करोड़ रुपये की 11 अनुसंधान परियोजनाओं कोकपड़ा मंत्रालय ने मार्च 2021 में अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
  • 20 अनुसंधान परियोजनाओं में से, विशेष फाइबर की 16 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 5 परियोजनाएं, औद्योगिक एवं सुरक्षात्मक में 4 परियोजनाएं, ऊर्जा भंडारण में 3 परियोजनाएं, कपड़ा अपशिष्ट पुनर्चक्रण में 3 परियोजनाएं तथा कृषि में 1 परियोजना एवं भू-वस्त्र/ जिओ-टेक्सटाइल (अवसंरचना) में 4 परियोजनाएं शामिल हैं।
  • यह आत्मनिर्भर भारत, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं, औद्योगिक एवं सुरक्षात्मक, ऊर्जा भंडारण, कपड़ा अपशिष्ट पुनर्चक्रण, कृषि एवं आधारिक संरचना की दिशा में एक कदम होगा

 

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) के बारे में

  • राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन देश को तकनीकी वस्त्रों में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने हेतु कपड़ा मंत्रालय की एक अग्रणी योजना है।
  • 1480 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर निर्माण हेतु; वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्ष की कार्यान्वयन अवधि के साथ योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में कौशल विकास के लिए छह पाठ्यक्रमों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कौशल योग्यता संरचना/ नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशंस फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) में शामिल किया गया है।

 

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: 4 घटक

  • शोध नवोन्मेष एवं विकास (रिसर्च इनोवेशन एंड डेवलपमेंट) के लिए – 1000 करोड़ रुपये
    • शोध/अनुसंधान का एक उप-घटक जैव-निम्नीकरणीय तकनीकी वस्त्र सामग्री के विकास पर, विशेष रूप से कृषि-वस्त्र, भू-वस्त्र एवं चिकित्सा वस्त्रों के लिए ध्यान केंद्रित करेगा।
  • प्रचार एवं बाजार विकास के लिए- 50 करोड़ रुपये,
  • शिक्षा, प्रशिक्षण एवं कौशल के लिए- 400 करोड़ रुपये, एवं
  • निर्यात प्रोत्साहन के लिए – 10 करोड़ रुपए एवं शेष 20 करोड़ रुपए प्रशासनिक व्यय के लिए।

 

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन का फोकस

  • मिशन का फोकस सामरिक क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न प्रमुख मिशनों, कार्यक्रमों में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग को विकसित करना है।

 

तकनीकी वस्त्र  से तात्पर्य

  • तकनीकी वस्त्र वस्त्र सामग्री एवं उत्पाद हैं जो मुख्य रूप से सौंदर्य संबंधी विशेषताओं के स्थान पर तकनीकी प्रदर्शन एवं कार्यात्मक गुणों के लिए निर्मित होते हैं।
  • तकनीकी वस्त्र उत्पादों को उनके अनुप्रयोग के क्षेत्रों के आधार पर 12 व्यापक श्रेणियों (एग्रोटेक, बिल्डटेक, क्लॉथटेक, जियोटेक, होमटेक, इंडुटेक, मोबिलटेक, मेडिटेक, प्रोटेक, स्पोर्ट्सटेक, ओकोटेक, पैकटेक) में विभाजित किया गया है।

 

भारत में तकनीकी वस्त्र

  • भारत 250 बिलियन अमरीकी डालर के विश्व बाजार के आकार का लगभग 6% साझा करता है।
  • यद्यपि, 4% वैश्विक औसत वृद्धि की तुलना में इस खंड की वार्षिक औसत वृद्धि 12% है।
  • विकसित देशों में 30-70% के मुकाबले भारत में तकनीकी वस्त्रों का प्रवेश्य स्तर कम है जो कि 5-10% है

 

तकनीकी वस्त्र अनुप्रयोग

  • तकनीकी वस्त्र, टेक्सटाइल्स के भविष्योन्मुख खंड (फ्यूचरिस्टिक सेगमेंट) हैं, जिनका उपयोग निम्नलिखित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है
    • कृषि,
    • सड़कें,
    • रेलवे ट्रैक,
    • खेलों के परिधान(स्पोर्ट्सवियर),
    • स्वास्थ्य
    • बुलेट प्रूफ जैकेट,
    • अग्निरोधक जैकेट,
    • उच्च तुंगता का युद्धक हेलमेट एवं
    • अंतरिक्ष अनुप्रयोग

UPSC Current Affairs

तकनीकी वस्त्रों के लाभ

  • यह भारत में विनिर्माण एवं निर्यात गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने में सहायता करेगा।
  • कृषि, जलीय कृषि, दुग्ध क्षेत्र (डेयरी), मुर्गी पालन, इत्यादि में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग से लागत अर्थव्यवस्था, जल एवं मृदा संरक्षण, बेहतर कृषि उत्पादकता तथा किसानों को प्रति एकड़ भूमि जोत में उच्च आय में समग्र सुधार प्राप्त होगा।
  • राजमार्गों, रेलवे तथा बंदरगाहों में भू-वस्त्र (जिओटेक्सटाइल्स) के उपयोग के परिणामस्वरूप सुदृढ़ आधारभूत अवसंरचना, अल्प रखरखाव लागत एवं आधारिक संरचना परिसंपत्तियों का जीवन चक्र अधिक होगा।

 

कथक नृत्य | भारतीय शास्त्रीय नृत्य दावोस शिखर सम्मेलन 2022 | विश्व आर्थिक मंच की दावोस कार्य सूची 2022 संरक्षित क्षेत्र: बायोस्फीयर रिजर्व व्याख्यायित भारत में बढ़ रहा सौर अपशिष्ट
भारत-अमेरिका होमलैंड सुरक्षा संवाद नारी शक्ति पुरस्कार 2021 भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता संपादकीय विश्लेषण- फ्रेंड इन नीड
राजनीतिक दलों का पंजीकरण: राष्ट्रीय एवं राज्य के राजनीतिक दलों के पंजीकरण हेतु पात्रता मानदंड भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 असम-मेघालय सीमा विवाद संपादकीय विश्लेषण: भारत-प्रशांत अवसर

Sharing is caring!

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन_3.1