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न्यूमोकोकल संयुग्मी टीके का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ: प्रासंगिकता
- जीएस 2: आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
न्यूमोकोकल संयुग्मी टीके का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ: प्रसंग
- हाल ही में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम) (यूआईपी) के तहत न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) का राष्ट्रव्यापी विस्तार शुरू किया है।
न्यूमोकोकल संयुग्मी टीके का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ: मुख्य बिंदु
- इसे आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में प्रारंभ किया गया था।
- यह देश में प्रथम अवसर है कि पीसीवी सार्वभौमिक उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
- पीसीवी के राष्ट्रव्यापी प्रारंभ से बाल मृत्यु दर में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आएगी।
- मंत्रालय ने जन जागरूकता उत्पन्न करने हेतु पीसीवी पर एक संचार पैकेज (आईईसी सामग्री) भी जारी किया है।
- वैक्सीन का उद्देश्य बच्चों की जान बचाना है एवं यह तभी संभव होगा जब देश भर में एक सफल जागरूकता अभियान चलाया जाए।
निमोनिया के बारे में
- न्यूमोकोकल रोग न्यूमोकोकल जीवाणु के कारण होने वाले किसी भी रोग को संदर्भित करता है।
- ये जीवाणु अनेक प्रकार के रोगों का कारण बन सकते हैं, जिनमें निमोनिया भी शामिल है, जो फेफड़ों का संक्रमण है।
- न्यूमोकोकल बैक्टीरिया निमोनिया के सबसे सामान्य कारणों में से एक है।
- न्यूमोकोकस के कारण होने वाला निमोनिया बच्चों में गंभीर निमोनिया का सर्वाधिक सामान्य कारण है।
- भारत में लगभग 16 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु निमोनिया के कारण होती है।
यूआईपी के बारे में
- सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूआईपी) सर्वाधिक वृहद सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है, जो प्रतिवर्ष करीब 7 मिलियन नवजात शिशुओं एवं 29 मिलियन गर्भवती महिलाओं को लक्षित करता है।
- यूआईपी के अंतर्गत 12 टीके से बचाव योग्य रोगों के प्रति नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय स्तर पर 10 रोगों के प्रति – डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टिटनेस, पोलियो, खसरा, रूबेला, बाल्यावस्था के तपेदिक का गंभीर रूप, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिस बी एवं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी के कारण होने वाला मेनिनजाइटिस तथा निमोनिया।
- उप-राष्ट्रीय स्तर पर 2 रोगों के प्रति – न्यूमोकोकल न्यूमोनिया एवं जापानी एन्सेफलाइटिस; जिनमें से न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन का आज राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया गया है, जबकि जेई वैक्सीन केवल स्थानिक जिलों में प्रदान की जाती है।