What Are The New Changes To Organ Transplant Rules?
अंग प्रत्यारोपण नियमों में नए बदलाव क्या हैं?
इस लेख में, ”अंग प्रत्यारोपण नियमों में नए परिवर्तन क्या हैं?”, हम भारत में अंग प्रत्यारोपण की स्थिति, अंग प्रत्यारोपण नियम एवं विधान, NOTTO क्या है?, ‘एक राष्ट्र, एक अंग आवंटन’ नीति?, इत्यादि के बारे में पढ़ेंगे। ।
चर्चा में क्यों है?
पृष्ठभूमि
भारत में अंग प्रत्यारोपण की स्थिति
बढ़ी हुई संख्या: स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अंग प्रत्यारोपण की संख्या 2013 में 4,990 से तीन गुना बढ़कर 2022 में 15,561 हो गई है।
जीवित दाता बनाम मृत दाता:2022 में 15,561 प्रत्यारोपणों में से अधिकांश – 12,791 (82%) – जीवित दाताओं से हैं एवं 2,765 (18%) मृत अंग या शव प्रत्यारोपण से हैं।
विभिन्न अंग प्रत्यारोपण: 15,561 अंग प्रत्यारोपणों में से 11,423 तक वृक्क प्रत्यारोपण के लिए हैं, इसके बाद यकृत (766), हृदय (250), फेफड़े (138), अग्न्याशय (24) एवं छोटी आंत्र प्रत्यारोपण (3) हैं।
विश्व में तीसरा सबसे बड़ा प्रत्यारोपण: भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा प्रत्यारोपण करता है। प्रत्येक वर्ष अनुमानित 5-2 लाख लोगों को वृक्क (किडनी) प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है।
भौगोलिक अंतर: मृत दान में भौगोलिक विषमता भी है। शीर्ष पांच राज्य हैं – तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात एवं कर्नाटक – कुल अंगदान के 85% से अधिक के लिए उत्तरदायी हैं। इसका कारण यह है कि अधिकांश अंग प्रत्यारोपण एवं प्राप्ति केंद्र इन्हीं भौगोलिक क्षेत्रों में केंद्रित हैं।
भारत की अंगदान दर: भारत में अंगदान की दर प्रति मिलियन जनसंख्या पर लगभग 0.52 है।
इसकी तुलना में, स्पेन में अंग दान की दर, जो विश्व में सर्वाधिक है, प्रति दस लाख जनसंख्या पर 49.6 है।
सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा? हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अंग प्रत्यारोपण के लिए शव प्रत्यारोपण निबंधन (कैडेवर ट्रांसप्लांट रजिस्ट्री) में पंजीकरण कराने के इच्छुक रोगियों के लिए अधिवास प्रमाण पत्र जमा करने की शर्त लगाने वाले कुछ राज्यों पर जांच करने एवं उचित कार्रवाई करने के लिए कहा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय किस पर कार्य कर रहा है? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पंजीकरण, आवंटन एवं प्रक्रिया के अन्य पहलुओं के लिए एक समान दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए राज्यों के परामर्श से ‘एक राष्ट्र, एक अंग आवंटन‘ नीति पर कार्य कर रहा है। नीति को सशक्त करने की दिशा में कार्य करते हुए, मंत्रालय ने पूर्व में ही राज्यों को प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं के लिए मृत दाताओं से अंग मांगने वालों को पंजीकृत करने के लिए अधिवास मानदंड को हटाने की सिफारिश की है।
एक राष्ट्र, एक अंग आवंटन से किस प्रकार सहायता मिलेगी? एक समान नीति से मरीजों को देश के किसी भी अस्पताल में मृत दाताओं से प्रत्यारोपण कराने में सहायता मिलेगी, जिससे उन्हें काफी लचीलापन मिलेगा।
प्र. NOTTO क्या है?
उत्तर. राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन/NOTTO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित राष्ट्रीय स्तर का एक संगठन है।
प्र. राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण नियमों में कौन सा महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है?
उत्तर. हाल ही में, राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण दिशानिर्देशों को संशोधित किया है ताकि 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को मृत दाताओं (शव) से प्रत्यारोपण के लिए अंग प्राप्त करने की अनुमति प्राप्त हो सके।
A. National Organ and Tissue Transplant Organization (NOTTO) is a national level organization set up under Directorate General of Health Services, Ministry of Health and Family Welfare.
A. Recently, the National Organ & Tissue Transplant Organisation (NOTTO) has modified national organ transplantation guidelines to allow even those above 65 years of age to receive an organ for transplantation from deceased donors(cadaver).
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