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फार्म बिल 2020 निरस्त: यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।
- जीएस पेपर 3: भारतीय कृषि- कृषि उपज का परिवहन एवं विपणन और मुद्दे तथा संबंधित बाधाएं।
फार्म बिल 2020: संदर्भ
- हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर, 2020 को अधिनियमित किए गए तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को निरस्त करने की घोषणा की।
- सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को नए कृषि कानूनों 2020 के प्रति अपना विरोध समाप्त करने के लिए भी कहा क्योंकि सरकार ने नए कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है।
कृषि विधेयक 2020 निरस्त: प्रमुख घटनाक्रम
- पृष्ठभूमि: नए कृषि अधिनियम 2020 को विगत वर्ष संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था, जिसके बाद देश भर के, मुख्यतः पंजाब और हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं एवं उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था।
- विरोध प्रदर्शन विगत वर्ष प्रारंभ हुआ, जब किसानों ने “दिल्ली चलो” अभियान के हिस्से के रूप में कानून को पूर्ण रूप से निरस्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च किया।
- कृषि कानूनों के बारे में: संसद द्वारा अधिनियमित तीन कृषि विधेयक हैं-
- किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं प्रसुविधा) अधिनियम, 2020;
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020; तथा
- मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) समझौता।
किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020- प्रमुख विशेषताएं
- कृषक उत्पादों का व्यापार: किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं प्रसुविधा) अधिनियम, 2020 किसानों की उपज के राज्य के भीतर एवं अंतर-राज्यीय व्यापार की अनुमति प्रदान करता है-
- राज्य एपीएमसी अधिनियमों के अंतर्गत गठित बाजार समितियों द्वारा संचालित बाजार प्रांगणों के भौतिक परिसर एवं
- अन्य बाजारों को राज्य एपीएमसी अधिनियमों के अंतर्गत अधिसूचित किया जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग: यह निर्दिष्ट व्यापार क्षेत्र में अधिसूचित किसानों की उपज (किसी भी राज्य एपीएमसी अधिनियम के तहत विनियमित कृषि उत्पाद) के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार की अनुमति भी प्रदान करता है।
- बाजार शुल्क समाप्त: कृषि कानून राज्य सरकारों को ‘बाह्य व्यापार क्षेत्र’ में आयोजित किसानों की उपज के व्यापार के लिए किसानों, व्यापारियों एवं इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर कोई बाजार शुल्क, उपकर या उदग्रहण (लेवी लगाने) से भी निवारित करता है।
मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता।
- अनुबंध कृषि हेतु प्रावधान: यह अनुबंध खेती के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा निर्मित करता करता है जो किसानों को कंपनियों के साथ लिखित अनुबंध करने एवं उनके लिए उत्पादन करने हेतु विधिक ढांचा प्रदान करता है।
- कृषि उपज का मूल्य निर्धारण: एक समझौते में कृषि उपज की कीमत का उल्लेख किया जाना चाहिए।
- मूल्य जो विचरण के अधीन हैं, उत्पाद के लिए एक गारंटीकृत मूल्य एवं गारंटीकृत मूल्य से ऊपर किसी भी अतिरिक्त राशि के लिए एक स्पष्ट संदर्भ अनुबंध में निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।
- साथ ही, अनुबंध में मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया का उल्लेख किया जाना चाहिए।
- विवाद निपटान के लिए तंत्र: विवादों के निपटारे के लिए, खेती के एक समझौते द्वारा एक सुलह बोर्ड के साथ-साथ एक सुलह प्रक्रिया का प्रावधान भी किया जाना चाहिए।
- बोर्ड में पक्षकारों के निष्पक्ष एवं संतुलित प्रतिनिधित्व का प्रावधान समझौते हेतु होना चाहिए।
आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020
- विनियमन: आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम में कुछ खाद्य पदार्थों जैसे अनाज, दाल, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज एवं आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर करने का प्रावधान है।
- इन खाद्य वस्तुओं के उत्पादन, भंडारण, संचलन एवं वितरण को नियंत्रण मुक्त करने की भी अपेक्षा की गई थी।
- व्यावसायिक गतिविधि को प्रोत्साहन देना: इस कृषि अधिनियम ने कृषि व्यवसायियों को खाद्य पदार्थों का भंडारण करने एवं मनमाने ढंग से प्रतिबंध आरोपित करने की सरकार की क्षमता को हटाने की अनुमति प्रदान की।
- भंडार धारिता की सीमा (स्टॉकहोल्डिंग लिमिट्स): इस कृषि विधेयक ने “असाधारण परिस्थितियों” को छोड़कर ऐसी वस्तुओं पर स्टॉकहोल्डिंग लिमिट को हटा दिया।
- केंद्र सरकार को युद्ध, अकाल, असाधारण मूल्य वृद्धि एवं गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदा के दौरान आपूर्ति को विनियमित करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
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