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नव भारत साक्षरता कार्यक्रम: प्रासंगिकता
- जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम: संदर्भ
- हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने भारत में वयस्क शिक्षा के सभी पहलुओं को समाहित करने के लिए वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि हेतु एक नई योजना “न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम” (NILP) को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम: प्रमुख बिंदु
- यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं बजट घोषणा 2021-22 के अनुरूप होगी।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ शिक्षा तथा आजीवन अधिगम (शिक्षा) की सिफारिशें हैं।
- केंद्रीय बजट 2022 में, संसाधनों की बढ़ी हुई पहुंच, वयस्क शिक्षा के संपूर्ण क्षेत्र को सम्मिलित करने वाले ऑनलाइन मॉड्यूल को सक्षम करने के लिए एक घोषणा की गई थी।
- मंत्रालय द्वारा अब से “सभी के लिए शिक्षा” (एजुकेशन फॉर ऑल) शब्द का उपयोग “वयस्क शिक्षा” (एडल्ट एजुकेशन) के स्थान पर किया जाएगा।
- निर्णय के पीछे तर्क: शब्दावली “वयस्क शिक्षा” 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयु वर्ग के सभी गैर-साक्षरों को उचित रूप से सम्मिलित नहीं कर रही है।
- एनआईएलपी हेतु वित्तीय परिव्यय: “न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम” का अनुमानित कुल परिव्यय लगभग 1038 करोड़ रुपये है जिसमें वित्त वर्ष 2022-27 के लिए क्रमशः 700 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंश तथा 338 करोड़ रुपये का राज्य अंश सम्मिलित है।
एनआईएलपी का उद्देश्य
- न केवल आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्रदान करना बल्कि अन्य घटकों को भी शामिल करना जो 21वीं सदी के नागरिक के लिए आवश्यक हैं जैसे कि
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल (वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य देखभाल एवं जागरूकता, बाल देखभाल तथा शिक्षा एवं परिवार कल्याण सहित); व्यावसायिक कौशल विकास (स्थानीय रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से);
- बुनियादी शिक्षा (प्रारंभिक, मध्य एवं माध्यमिक स्तर की समकक्षता सहित); तथा
- अनवरत शिक्षा (कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल तथा मनोरंजन में समग्र वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रम, साथ ही स्थानीय शिक्षार्थियों के लिए रुचि के अन्य विषयों या उपयोग, जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल पर अधिक उन्नत सामग्री सहित)।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम का कार्यान्वयन
- योजना को ऑनलाइन मोड के माध्यम से स्वयंसेवा के माध्यम से लागू किया जाएगा।
- समस्त सामग्री एवं संसाधन सरलता से सुलभ डिजिटल मोड, जैसे टीवी, रेडियो, सेल फोन-आधारित नि शुल्क/ मुक्त स्रोत ऐप्स/पोर्टल इत्यादि के माध्यम से पंजीकृत स्वयंसेवकों तक आसान पहुंच के लिए डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का आच्छादन
- यह योजना देश के सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयु के गैर-साक्षर व्यक्तियों को सम्मिलित करेगी।
- वित्तीय वर्ष 2022-27 के लिए आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता का लक्ष्य राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, एनसीईआरटी एवं एनआईओएस के सहयोग से “ऑनलाइन शिक्षण, अधिगम तथा मूल्यांकन प्रणाली ( ऑनलाइन टीचिंग, लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम.ओटीएलएएस)“ का उपयोग करके 5 करोड़ शिक्षार्थी (प्रतिवर्ष 1 करोड़) है।
- ओटीएलएएस में, एक शिक्षार्थी अपना नाम, जन्म तिथि, लिंग, आधार संख्या, मोबाइल नंबर इत्यादि जैसी आवश्यक जानकारियों के साथ अपना पंजीकरण करा सकता है।
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एनआईएलपी की मुख्य विशेषताएं
- योजना के क्रियान्वयन की इकाई विद्यालय होगा।
- लाभार्थियों एवं स्वैच्छिक शिक्षकों (वॉलंटरी टीचर्स/वीटी) का सर्वेक्षण करने के लिए विद्यालयों का उपयोग उपयोग किया जाएगा।
- अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई जानी है। नवोन्मेषी गतिविधियों को प्रारंभ करने हेतु राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को लोचशीलता प्रदान की जाएगी।
- 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयु वर्ग के सभी गैर-साक्षर लोगों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल के माध्यम से मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता प्रदान की जाएगी।
- योजना के व्यापक आच्छादन के लिए प्रौढ़ शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रौद्योगिकियों का उपयोग।
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र एवं जिला स्तर के लिए प्रदर्शन श्रेणीकरण सूचकांक (परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स/पीजीआई) यूडीआईएसई पोर्टल के माध्यम से भौतिक एवं वित्तीय प्रगति दोनों की तुलना कर वार्षिक आधार पर योजना एवं उपलब्धियों को लागू करने हेतु राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को दिखाएगा।
- नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी/सीएसआर)/लोकोपकारी सहायता सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी/आईसीटी) सहायता की मेजबानी करके, स्वयंसेवी सहायता प्रदान करके, शिक्षार्थियों के लिए सुविधा केंद्र खोलने तथा सेल फोन के रूप में आर्थिक रूप से कमजोर शिक्षार्थियों को आईटी पहुंच प्रदान करने हेतु प्राप्त की जा सकती है।
- साक्षरता में प्राथमिकता एवं संतृप्ति- 15-35 आयु वर्ग को पहले तथा उसके बाद 35 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के लोगों को संतृप्त किया जाएगा।
- श्रेणियों के संदर्भ में बालिकाओं तथा महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ओबीसी/अल्पसंख्यकों, विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों (दिव्यांगजन), सीमांत/घुमंतू/निर्माण श्रमिकों/मजदूरों/ इत्यादि को प्राथमिकता दी जाएगी जो वयस्क शिक्षा से पर्याप्त रूप से और तुरंत लाभ उठा सकते हैं।
- अवस्थिति/क्षेत्र के संदर्भ में, नीति आयोग के सभी आकांक्षी जिलों, राष्ट्रीय/राज्य औसत से कम साक्षरता दर वाले जिलों, 2011 की जनगणना के अनुसार 60% से कम महिला साक्षरता दर वाले जिलों, अत्यधिक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अल्पसंख्यक आबादी वाले जिलों/प्रखंडों, शैक्षिक रूप से पिछड़े प्रखंडों, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों पर ध्यान दिया जाएगा।
- एनआईएलपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मंत्रालयों तथा विभागों के साथ सामंजस्य।
जन आंदोलन के रूप में एनआईएलपी
- यूडीआईएसई के तहत पंजीकृत लगभग 7 लाख विद्यालयों के तीन करोड़ छात्र / बच्चे तथा सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों के लगभग 50 लाख शिक्षक स्वयंसेवकों के रूप में भाग लेंगे।
- शिक्षक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के अनुमानित 20 लाख छात्र स्वयंसेवकों के रूप में सक्रिय रूप से शामिल होंगे।
- पंचायती राज संस्थाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं तथा अनुमानित 50 लाख एनवाईएसके, एनएसएस एवं एनसीसी स्वयंसेवकों से सहायता प्राप्त की जाएगी।
- इसमें समुदाय की भागीदारी, स्वैच्छिकता के माध्यम से और विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से लोकोपकारी / सीएसआर संगठनों की भागीदारी होगी।
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र, विभिन्न मंचों के माध्यम से व्यक्तिगत/परिवार/गांव/जिले की सफलता की कहानियों को प्रोत्साहित करेंगे।
- यह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, टीवी चैनल, रेडियो इत्यादि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी प्रकार के मीडिया – इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, लोक तथा अंतर वैयक्तिक प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा।
- मोबाइल ऐप, ऑनलाइन सर्वेक्षण मॉड्यूल, भौतिक बम वित्तीय मॉड्यूल तथा अनुश्रवण संरचना इत्यादि से सुसज्जित समेकित आंकड़ा प्रग्रहण (डेटा कैप्चरिंग) के लिए एनआईसी द्वारा केंद्रीय पोर्टल विकसित किया जाएगा।
- कार्यात्मक साक्षरता के लिए वास्तविक जीवन अधिगम एवं कौशल को प्रग्रहित करने हेतु वैज्ञानिक प्रारूप का उपयोग करके साक्षरता का आकलन किया जाएगा। मांग पर मूल्यांकन भी ओटीएलएएस के माध्यम से किया जाएगा तथा शिक्षार्थी को एनआईओएस एवं एनएलएमए द्वारा संयुक्त रूप से ई-हस्ताक्षरित ई-प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
- प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से यादृच्छिक रूप से चयनित किए गए 500-1000 शिक्षार्थियों के प्रतिदर्शों (नमूनों) द्वारा अधिगम के परिणामों का वार्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण एवं परिणाम-उत्पादन निगरानी ढांचा (ओओएमएफ)।
भारत में गैर-साक्षर
- 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयु वर्ग में निरक्षरों की कुल संख्या 76 करोड़ (पुरुष 9.08 करोड़, महिला 16.68 करोड़) है।
- 2009-10 से 2017-18 के दौरान साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत साक्षर के रूप में प्रमाणित व्यक्तियों की 7.64 करोड़ की प्रगति को ध्यान में रखते हुए, यह अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान में भारत में लगभग 12 करोड़ वयस्क अभी भी गैर-साक्षर हैं।