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न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP): यह भारतीय लोगों के बीच साक्षरता के 21वीं सदी के अर्थ को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है। न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 (जीएस पेपर 2: भारत में शिक्षा के प्रचार तथा विकास के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न शासन पहलों के लिए भी महत्वपूर्ण है।)
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी) के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP)
- “न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम” (NILP) के बारे में: सरकार ने 2022-23 से 2026-27 तक पांच वर्षों के दौरान कार्यान्वयन के लिए “न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम” (NILP) नाम से एक केंद्र प्रायोजित योजना की घोषणा की है।
- अधिदेश: एनएलआईपी योजना का लक्ष्य आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता घटक के तहत पांच वर्षों के दौरान 5.00 करोड़ शिक्षार्थियों के लक्ष्य को कवर करना है।
- प्रमुख उद्देश्य: न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) के निम्नलिखित पाँच उद्देश्य हैं-
- मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान,
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल,
- व्यावसायिक कौशल विकास,
- बुनियादी शिक्षा एवं
- वयस्क शिक्षा।
- मूल मंत्रालय: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन में न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी) क्रियान्वित किया जा रहा है।
- न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) का वित्तीय परिव्यय: “न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम” का अनुमानित कुल परिव्यय लगभग 1038 करोड़ रुपये है जिसमें वित्त वर्ष 2022 -27 के लिए क्रमशः 700 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंश एवं 338 करोड़ रुपये का राज्य का अंश सम्मिलित है।
- महत्व: एनएलआईपी योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं बजट घोषणाओं 2021-22 के अनुरूप होगी।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ शिक्षा एवं आजीवन सीखने की सिफारिशें हैं।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के प्रमुख उद्देश्य
एनएलआईपी योजना का उद्देश्य न केवल ‘मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता‘ प्रदान करना है बल्कि अन्य घटकों को भी शामिल करना है जो 21वीं सदी के नागरिक के लिए आवश्यक हैं जैसे कि
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल (इसमें सम्मिलित हैं वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, व्यावसायिक कौशल, स्वास्थ्य देखभाल एवं जागरूकता, बाल देखभाल तथा शिक्षा एवं परिवार कल्याण);
- व्यावसायिक कौशल विकास (स्थानीय रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से);
- बुनियादी शिक्षा (प्रारंभिक, मध्य एवं माध्यमिक स्तर की समकक्षता सहित); तथा
- सतत शिक्षा (इसमें सम्मिलित हैं कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल एवं मनोरंजन के साथ-साथ रुचि के अन्य विषयों या स्थानीय शिक्षार्थियों के लिए उपयोग में समग्र वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रम, जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल पर अधिक उन्नत सामग्री)।
एनएलआईपी योजना के तहत लागत साझाकरण
- न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका अर्थ है कि केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें वित्तीय रूप से अंशदान देने जा रही हैं। उनके द्वारा किए जाने वाले अंशदान का विवरण नीचे दिया गया है-
- उत्तर पूर्वी क्षेत्र (नॉर्थ ईस्टर्न रीजन/एनईआर) एवं हिमालयी राज्यों के अतिरिक्त अन्य सभी राज्यों के लिए केंद्र एवं राज्य का हिस्सा 60:40 के अनुपात में है जहां केंद्र तथा राज्यों के मध्य शेयरिंग पैटर्न 90:10 के अनुपात में है।
- विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अनुपात 60:40 है, जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर जहां अनुपात 90:10 है एवं बिना विधायिका वाले अन्य सभी संघ शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीय अंश 100% है।
- निधियों का प्रवाह सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम/पीएफएमएस) एवं राज्य के कोष के माध्यम से होता है।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) में प्रमुख चुनौतियाँ
- वर्तमान में एनआईएलपी को लागू करते समय सरकार के समक्ष प्रमुख चुनौती सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के साथ सभी राज्यों में एकल नोडल एजेंसियों (सिंगल नोडल एजेंसी/एसएनए) एवं कार्यान्वयन एजेंसियों (इंप्लीमेंटिंग एजेंसी/आईए) के सभी बैंक खातों को खोलना तथा उनकी मैपिंग करना है।
- वित्त मंत्रालय के संशोधित प्रक्रिया दिशानिर्देशों के अनुसार निधियों को जारी करने के लिए यह एक पूर्वापेक्षा है।
- चुनौती मौजूद है क्योंकि यह कार्यान्वयन का प्रथम वर्ष है।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी)- सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह सहित देश में कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन एवं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।
- प्रभावी पहचान: पहला कदम लाभार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों की पहचान करना है। आधार के रूप में विद्यालयों का उपयोग करके राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा लाभार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों (वॉलंटरी टीचर्स/वीटी) का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
- गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण: स्वयंसेवी शिक्षकों को ऑनलाइन मोड में शिक्षण मॉड्यूल को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
- गुणवत्तापूर्ण सामग्री: राष्ट्रीय स्तर पर, सामग्री राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग/NCERT) में राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र (सेल फॉर नेशनल सेंटर फॉर लिटरेसीCNCL) के प्रकोष्ठ द्वारा संचालित होती है।
- शिक्षण एवं अधिगम की सामग्री एनसीईआरटी द्वारा विकसित दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध है।
- नमूना मूल्यांकन मॉड्यूल भी दीक्षा पर उपलब्ध कराया गया है।
- जागरूकता सृजन एवं संवेदीकरण: सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य बातों के साथ-साथ कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप के साथ संवेदनशील बनाया गया है-
- प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक/जन मीडिया एवं अंतर-वैयक्तिक मीडिया सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की भागीदारी एवं उपयोग द्वारा पर्यावरण निर्माण गतिविधियों को सभी ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर में पहुँचाने के लिए एवं समुदाय के नेताओं, पीआरआई पदाधिकारियों, महिला मंडलों, नागरिक समाज संगठन तथा
- शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी के साथ, संभावित साक्षरता स्वयंसेवकों एवं शिक्षार्थियों को प्रेरित करने तथा स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न रणनीतियों को अपनाने के लिए ऐसा वातावरण निर्मित करना।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी) क्या है?
उत्तर. न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य भारतीय लोगों के बीच 21वीं सदी की प्रासंगिक शिक्षा एवं कौशल को विकसित करना है।
प्र. न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर. न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी) के निम्नलिखित पांच उद्देश्य हैं-
- मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान,
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल,
- व्यावसायिक कौशल विकास,
- बुनियादी शिक्षा एवं
- सतत शिक्षा।
प्र. एनएलआईपी योजना का कुल वित्तीय परिव्यय कितना है?
उत्तर. “न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम” का अनुमानित कुल परिव्यय लगभग 1038 करोड़ रुपये है।



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