Newly Found Lithium Reserves of India and Their Management, Learning from Chile and Bolivia
भारत के लिथियम निक्षेप : लिथियम मुख्य रूप से रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरी में उपयोग किया जाता है, जो पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों एवं ऊर्जा निक्षेप ण प्रणालियों को शक्ति प्रदान करता है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 1- विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में संसाधनों का वितरण) के लिए भारत का लिथियम निक्षेप विषय महत्वपूर्ण है।
जम्मू और कश्मीर में पर्याप्त लिथियम निक्षेप की खोज, जो इलेक्ट्रिक वाहनों तथा नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे में उपयोग की जाने वाली बैटरी के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, ने व्यापक प्रशंसा प्राप्त की है। संभावित सामाजिक एवं पर्यावरणीय परिणामों के बारे में चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए इस खबर को राष्ट्रीय समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक विकास के रूप में माना गया है।
2021 में 383.5 मिलियन डॉलर मूल्य का भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार, 2030 तक 152.21 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
जुलाई 2013 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने, तीन-न्यायाधीशों की खंडपीठ के एक फैसले में, पुष्टि की कि भूमि के स्वामित्वधारी के पास “पृथ्वी के केंद्र तक” विस्तार करते हुए, इसके नीचे की प्रत्येक स्थान पर अधिकार है।
दो दक्षिण अमेरिकी देशों, चिली एवं बोलीविया की कहानियां – जिनके पास लिथियम के सर्वाधिक वृहद ज्ञात निक्षेप है – विशेष रूप से शिक्षाप्रद हैं।
चिली में, सरकार ने लिथियम को एक रणनीतिक संसाधन घोषित किया है, इसके विकास पर राज्य का विशेष नियंत्रण प्रदान किया है। केवल दो कंपनियों, SQM एवं Albemarle को देश में लिथियम का उत्पादन करने हेतु लाइसेंस प्राप्त है।
पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस के नेतृत्व में बोलीविया ने फरवरी 2009 में लोकप्रिय मत द्वारा अनुमोदित एक नया संविधान पेश किया, जिसमें राज्य को प्राकृतिक संसाधनों की खोज, दोहन, औद्योगीकरण, परिवहन और व्यावसायीकरण पर पूर्ण नियंत्रण तथा दिशा प्रदान की गई।
लैटिन एवं दक्षिण अमेरिका में, देश अपनी लिथियम रणनीतियों को दिशा प्रदान करने हेतु व्यापक दृष्टिकोण तैयार कर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में राष्ट्रीय सरकारें पर्याप्त नियंत्रण बनाए रखती हैं, निजी क्षेत्र की भागीदारी का स्तर इन देशों के मध्य भिन्न होता है। इन सरकारों द्वारा लिए गए निर्णय भी क्षेत्र में स्वदेशी लोगों की मांगों से प्रभावित होते हैं, जो निगमों एवं सरकारों दोनों से अधिक जवाबदेही की वकालत करते हैं।
जैसा कि भारत अपने घरेलू लिथियम निक्षेप की खोज एवं विकास के लिए तैयार है, यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र का उत्तरदायित्व तथा कुशल प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। भारत के अनेक खनिज समृद्ध क्षेत्र व्यापक निर्धनता, पर्यावरणीय क्षरण तथा शिथिल नियामक ढांचे से पीड़ित हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि दुर्लभ खनिजों का विकास सामाजिक कल्याण, पर्यावरणीय धारणीयता एवं राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा जैसे कई उद्देश्यों के अनुरूप है, भारत सरकार को इस क्षेत्र के प्रभावी एवं मेहनती शासन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्र. लिथियम के प्रमुख उपयोग क्या हैं?
उत्तर. लिथियम मुख्य रूप से रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरी में उपयोग किया जाता है, जो पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को शक्ति प्रदान करता है। इसका उपयोग कांच तथा सिरेमिक के उत्पादन में, ऊष्मा हस्तांतरण माध्यम के रूप में, स्नेहक ग्रीस में तथा कुछ मनोवैज्ञानिक विकारों के लिए दवा के रूप में भी किया जाता है।
प्र. लिथियम का खनन कैसे किया जाता है?
उत्तर. लिथियम को लिथियम युक्त खनिजों, जैसे स्पोड्यूमिन, लेपीडोलाइट और पेटलाइट से निष्कर्षित किया जाता है। खनन प्रक्रिया में ड्रिलिंग, ब्लास्टिंग एवं अयस्क निकालना शामिल है, जिसे बाद में अशुद्धियों को दूर करने तथा इसे प्रयोग करने योग्य रूप में परिवर्तित करने के लिए संसाधित किया जाता है।
प्र. क्या लिथियम-आयन बैटरी का कोई विकल्प है?
उत्तर. जबकि लिथियम-आयन बैटरी वर्तमान में प्रमुख तकनीक हैं, शोधकर्ता वैकल्पिक बैटरी रसायन की खोज कर रहे हैं, जैसे कि सॉलिड-स्टेट बैटरी, सोडियम-आयन बैटरी और लिथियम-सल्फर बैटरी। इन विकल्पों का उद्देश्य ऊर्जा घनत्व, सुरक्षा तथा लागत-प्रभावशीलता में सुधार करना है।
लिथियम मुख्य रूप से रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरी में उपयोग किया जाता है, जो पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को शक्ति प्रदान करता है। इसका उपयोग कांच तथा सिरेमिक के उत्पादन में, ऊष्मा हस्तांतरण माध्यम के रूप में, स्नेहक ग्रीस में तथा कुछ मनोवैज्ञानिक विकारों के लिए दवा के रूप में भी किया जाता है।
लिथियम को लिथियम युक्त खनिजों, जैसे स्पोड्यूमिन, लेपीडोलाइट और पेटलाइट से निष्कर्षित किया जाता है। खनन प्रक्रिया में ड्रिलिंग, ब्लास्टिंग एवं अयस्क निकालना शामिल है, जिसे बाद में अशुद्धियों को दूर करने तथा इसे प्रयोग करने योग्य रूप में परिवर्तित करने के लिए संसाधित किया जाता है।
जबकि लिथियम-आयन बैटरी वर्तमान में प्रमुख तकनीक हैं, शोधकर्ता वैकल्पिक बैटरी रसायन की खोज कर रहे हैं, जैसे कि सॉलिड-स्टेट बैटरी, सोडियम-आयन बैटरी और लिथियम-सल्फर बैटरी। इन विकल्पों का उद्देश्य ऊर्जा घनत्व, सुरक्षा तथा लागत-प्रभावशीलता में सुधार करना है।
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