Home   »   NIPUN Bharat Scheme   »   NIPUN Bharat Scheme
Top Performing

निपुण भारत योजना

निपुण भारत योजना- यूपीएससी परीक्षा  हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- सामाजिक क्षेत्र/शिक्षा से संबंधित सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

 

Indian Polity

निपुण भारत योजना- संदर्भ

  • हाल ही में, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में निपुण भारत योजना के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण विवरण अधिकथित किए।
    • निपुण का पूर्ण रूप: नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी ( एनआईपीयूएन भारत)।

निपुण भारत योजना- प्रमुख बिंदु

  • निपुण भारत योजना के बारे में: प्राथमिक कक्षाओं में सार्वभौमिक आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता प्राप्त करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा निपुण भारत योजना प्रारंभ की गई थी।
    • समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तत्वावधान में विद्यालयी शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा निपुण भारत योजना प्रारंभ की गई थी।
  • कार्यान्वयन मंत्रालय: विद्यालयी शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय निपुण भारत योजना को क्रियान्वित करने हेतु उत्तरदायी है।

निपुण भारत योजना- प्रमुख दिशा निर्देश

  • निपुण भारत मिशन दिशा निर्देश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्राथमिकताएं एवं कार्रवाई योग्य कार्य सूची निर्धारित करता है ताकि कक्षा 3 तक प्रत्येक बच्चे के लिए मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता में दक्षता का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
  • निपुण भारत मिशन के दिशा-निर्देशों में निम्नलिखित तत्व भी सम्मिलित हैं-
    • 3 से 9 वर्ष की आयु के लिए विकास लक्ष्यों एवं अभिगम (सीखने) के परिणामों का संहिताकरण एवं
    • बाल वाटिका से ग्रेड III तक, मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता हेतु लक्ष्य अथवा टारगेट।

Indian Polity

निपुण भारत योजना- आकलन क्षेत्र

निपुण भारत कार्यान्वयन दिशानिर्देशों के अनुसार, आधारभूत शिक्षा के दौरान मूल्यांकन को मोटे तौर पर दो प्रमुख क्षेत्रों  में वर्गीकृत किया जा सकता है, अर्थात:

  • विविध अनुभवों एवं गतिविधियों में बच्चे के प्रदर्शन के आधार पर गुणात्मक अवलोकन के माध्यम से विद्यालय आधारित मूल्यांकन (एसबीए)।
    • मूल्यांकन हेतु विभिन्न उपकरणों एवं तकनीकों जैसे कि उपाख्यानात्मक रिकॉर्ड, परीक्षण सूची (चेक लिस्ट), पत्राधान (पोर्टफोलियो) एवं अंतः क्रिया (इंटरैक्शन) (शिक्षक, सहकर्मियों, परिवार एवं मित्रों के साथ समग्र 360-डिग्री मूल्यांकन के माध्यम से) का उपयोग करने की सिफारिश की गई है।
    • इस प्रकार, आधारभूत स्तर पर शिक्षकों को बच्चों की रुचियों एवं अभिगम का आकलन करने हेतु बच्चों को खेलते हुए, उनके नियत कार्य पर काम करते हुए, प्रदर्शन या आपस में अंतः क्रिया करते हुए अवलोकन करना चाहिए।
  • शैक्षिक प्रणालियों (जैसे एनएएस, एसएएस, एवं तृतीय-पक्ष आकलन) की प्रक्रियाओं एवं कार्यप्रणाली के मूल्यांकन हेतु व्यापक स्तर पर मानकीकृत मूल्यांकन।
    • व्यापक स्तर पर मूल्यांकन अध्ययन आयोजित करने में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले मूल्यांकन उपकरण बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) होते हैं एवं प्रक्रिया में वस्तुनिष्ठता लाने के लिए निर्मित प्रतिक्रियाओं को आमतौर पर परिवर्तित किया जाता है।
    • ये आकलन यह मापन करने हेतु एक तंत्र हैं कि उनके राज्य, जिलों एवं प्रखंडों में शिक्षा कितनी अच्छी तरह हो रही है। इस संबंध में,कक्षा III में बच्चों के अभिगम (सीखने) के परिणामों का आकलन करने हेतु राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2021 संचालित किया गया है।

अतिरिक्त जानकारी- निष्ठा 3.0

  • विद्यालय प्रमुखों एवं शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल (निष्ठा 0): यह सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में प्राथमिक स्तर पर लगभग 25 लाख शिक्षकों को सम्मिलित करते हुए मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता हेतु एक विशेष योजना है।
सतत विकास एवं 17 एसडीजी-1 भारत के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान नीति योजना प्रमुख संवैधानिक संशोधन अधिनियमों की सूची- भाग 1 प्रमुख नदियाँ एवं उनकी सहायक नदियाँ
कोविड-19: ओमिक्रोन वैरिएंट एसटीईएम में महिलाएं आपदा प्रबंधन पर 5वीं विश्व कांग्रेस भारत में भ्रष्टाचार
संपादकीय विश्लेषण- सामाजिक न्याय की खोज में राजा राममोहन राय- भारतीय समाज सुधारक भारत में मौद्रिक नीति अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट

 

Sharing is caring!

निपुण भारत योजना_3.1