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भारत की गिग एवं प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग की रिपोर्ट 

भारत में गिग अर्थव्यवस्था: प्रसंग

  • हाल ही में, नीति आयोग ने भारत में गिग-प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था पर ‘इंडियाज़ बूमिंग गिग एंड प्लेटफ़ॉर्म इकोनॉमी’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।

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गिग इकॉनमी पर नीति आयोग की रिपोर्ट: प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट अपनी तरह का पहला अध्ययन है जो भारत में गिग-प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था पर व्यापक दृष्टिकोण एवं   संस्तुतियां प्रस्तुत करता है।
  • रिपोर्ट क्षेत्र के वर्तमान आकार एवं रोजगार सृजन क्षमता का अनुमान लगाने हेतु एक वैज्ञानिक पद्धति संबंधी दृष्टिकोण प्रदान करती है।
  • यह इस उभरते हुए क्षेत्र के अवसरों एवं चुनौतियों पर प्रकाश डालता है तथा सामाजिक सुरक्षा के लिए पहल पर वैश्विक सर्वोत्तम पद्धतियों को प्रस्तुत करता है तथा इस क्षेत्र में श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए कौशल विकास एवं रोजगार सृजन के लिए रणनीतियों को चिन्हांकित करता है।

 

गिग इकॉनमी क्या है?

  • गिग कर्मकार वे कर्मकार हैं जो पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी व्यवस्था के बाहर आजीविका में संलग्न हैं।
  • उन्हें मोटे तौर पर प्लेटफॉर्म तथा गैर-प्लेटफॉर्म-आधारित कर्मकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
  • प्लेटफॉर्म कर्मकार वे होते हैं जिनका काम ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ऐप अथवा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होता है।
  • जबकि, गैर-प्लेटफ़ॉर्म गिग कर्मकार आम तौर पर पारंपरिक क्षेत्रों में कैजुअल वेज वर्कर और ओन-अकाउंट वर्कर होते हैं, जो पार्ट-टाइम या फुल-टाइम कार्य करते हैं।

 

भारत में गिग अर्थव्यवस्था 

  • अनुमान है कि 2019-20 में 68 लाख (8 मिलियन) गिग कर्मकार मौजूद थे।
  • गिग कार्यबल के 2029-30 तक 2.35 करोड़ कर्मकार तक बढ़ने की संभावना है।
  • 2029-30 तक गिग कर्मकारों (श्रमिकों) के गैर-कृषि कार्यबल का 6.7% या भारत में कुल आजीविका का 4.1% होने की संभावना है।
  • गिग श्रमिकों के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के लिए रोजगार लोच 2011-12 से 2019-20 की अवधि में एक से ऊपर था तथा सदेव समग्र रोजगार लोच से ऊपर था।
  • गिग श्रमिकों के लिए उच्च रोजगार लोच आर्थिक विकास की प्रकृति को इंगित करता है, जिसने गैर-गिग श्रमिकों के लिए मांग के अनुरूप मांग सृजित नहीं करते हुए गिग श्रमिकों की अधिक मांग उत्पन्न की।
  • वर्तमान में लगभग 47% गिग कार्यबल मध्यम कुशल नौकरियों में, लगभग 22% उच्च कुशल तथा लगभग 31% अल्प कुशल नौकरियों में है।

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भारत में गिग अर्थव्यवस्था के लिए संस्तुतियां

गिग-प्लेटफ़ॉर्म क्षेत्र की क्षमता का दोहन करने के लिए, रिपोर्ट निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत करता है

  • प्लेटफ़ॉर्म कर्मकारों हेतु विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए उत्पादों के माध्यम से वित्त तक पहुँच में गति लाना।
  • क्षेत्रीय एवं ग्रामीण व्यंजन, स्ट्रीट फ़ूड इत्यादि के विक्रय के व्यवसाय में संलग्न स्व- नियोजित व्यक्तियों को प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ना ताकि वे अपने उत्पादों को कस्बों तथा शहरों के विस्तृत बाजारों में बेच सकें।
  • रिपोर्ट मंच के नेतृत्व वाले परिवर्तनकारी एवं परिणाम-आधारित कौशल के लिए सुझाव प्रस्तुत करती है।
  • कर्मकारों तथा उनके परिवारों के लिए लैंगिक संवेदनशीलता एवं पहुंच जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक समावेश में अभिवृद्धि करना।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 में परिकल्पित सामाजिक सुरक्षा उपायों को साझेदारी मोड में विस्तारित करना
  • गिग तथा प्लेटफॉर्म कार्यबल के आकार का अनुमान लगाने  हेतु एक पृथक गणना अभ्यास करना  एवं आधिकारिक गणना (आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण/पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे) के दौरान जानकारी एकत्र करना ताकि गिग श्रमिकों का अभिनिर्धारण किया जा सके।

 

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