Home   »   Nord Stream Pipeline   »   Nord Stream Pipeline

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • सामान्य अध्ययनII- भारत के हितों पर देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।

हिंदी

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन चर्चा में क्यों है

  • रूस ने जर्मनी के लिए एक प्रमुख पाइपलाइन के माध्यम से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को पुनः प्रारंभ करने से इनकार कर दिया है क्योंकि इसके लिए उसने जो कारण बताए वह तत्काल रखरखाव कार्य की आवश्यकता थी।
  • यूरोपीय देशों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि रूस मास्को के विरुद्ध मौजूदा प्रतिबंधों के प्रत्युत्तर में अपनी गैस आपूर्ति बंद कर देगा।

 

नॉर्ड स्ट्रीम 1 क्या है?

  • यह रूस से जर्मनी तक बाल्टिक सागर के नीचे परिचालित अपतटीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों की एक प्रणाली है।
  • नॉर्ड स्ट्रीम 1 1,224  किलोमीटर लंबी जलमग्न, एक गैस पाइपलाइन है जो उत्तर पश्चिमी रूस में वायबोर्ग से बाल्टिक सागर के माध्यम से पूर्वोत्तर जर्मनी में लुबमिन तक जाती है।
  • उस्त-लुगा से लुबमिन तक परिचालित निर्माणाधीन दो अन्य पाइपलाइनों को नॉर्ड स्ट्रीम 2 कहा जाता है।
  • अधिकांश रूसी ऊर्जा दिग्गज गाज़प्रोम के स्वामित्व में, पाइपलाइन प्राथमिक मार्ग है जिसके माध्यम से इसकी गैस जर्मनी में प्रवेश करती है।

 

यूरोप के लिए चिंता

  • इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं कि यूरोपीय गैस आपूर्ति पर और प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
  • यूरोपीय देश अपनी ठंडी शीत ऋतु के लिए रूसी ऊर्जा पर निर्भर हैं।
  • किंतु अब उनका मानना ​​है कि रूस यूक्रेन में संघर्ष के कारण  उनके द्वारा आरोपित प्रतिबंध के प्रत्युत्तर में उनकी निर्भरता को हथियार बना सकता है।

 

यूरोप के ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत क्या हैं?

  • ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में, यूरोपीय देशों ने तेजी से अमेरिका की ओर रुख किया है, जिससे वे जहाजों के माध्यम से आने वाली तरल प्राकृतिक गैस (लिक्विड नेचुरल गैस/एलएनजी) खरीदते हैं।
  • चूंकि जहाज के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली गैस अधिक महंगी होती है, इसलिए नॉर्वे एवं अजरबैजान से गैर-रूसी पाइपलाइन गैस प्राप्त करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
  • जबकि यूरोपीय संघ के देश पूर्व में जीवाश्म ईंधन को  क्रमिक रूप से समाप्त करने एवं ऊर्जा के नवीकरणीय रूपों पर बल देने की मांग कर रहे थे, अनेक यूरोपीय देश अब ऊर्जा संकट से निपटने के लिए कोयले की ओर लौट रहे हैं।

 

लीड्स सर्वेक्षण 2022 आईएनएस विक्रांत- भारत का प्रथम स्वदेशी विमान वाहक सीएसआईआर- जिज्ञासा कार्यक्रम एडीआईपी (विकलांग व्यक्तियों की सहायता) योजना
जी-20 पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों की संयुक्त बैठक (जेईसीएमएम) 2022 संपादकीय विश्लेषण- स्लो इंप्रूवमेंट अभ्यास “सिनर्जी”: भारत द्वारा आयोजित एक साइबर सुरक्षा अभ्यास आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) 2022
व्यापारिक सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम 5वां राष्ट्रीय पोषण माह 2022 संगीत नाटक अकादमी द्वारा रंग स्वाधीनता

Sharing is caring!