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यूपीआई के लिए एनपीसीआई के नए नियम: लेवी शुल्क पर एनपीसीआई के नए परिपत्र का अर्थ है कि पीपीआई वॉलेट अब विनिमय शुल्क प्रणाली में शामिल हैं, जो सामान्य तौर पर लेनदेन लागतों को कवर करने के लिए कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है। यूपीआई के लिए एनपीसीआई के नए नियम यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- भारतीय अर्थव्यवस्था) के लिए महत्वपूर्ण हैं।
यूपीआई के लिए एनपीसीआई के नए नियम चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया/NPCI) ने एक परिपत्र के माध्यम से बैंकों को सूचित किया है कि उन्हें यूपीआई का उपयोग करने वाले प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट वॉलेट के माध्यम से किए गए व्यापारी लेनदेन पर शुल्क लगाने की अनुमति है।
यूपीआई के लिए एनपीसीआई के नए नियम, पीपीआई पर प्रयोज्यता
एनपीसीआई ने आगे एक वक्तव्य जारी कर स्पष्ट किया है कि बैंकों के बीच नियमित यूपीआई लेनदेन निःशुल्क रहेगा एवं ग्राहकों से यूपीआई पर पीपीआई के माध्यम से लेनदेन करने के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने स्पष्ट किया कि नया प्रारंभ किया गया विनिमय शुल्क केवल प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) के माध्यम से किए गए मर्चेंट लेनदेन पर लागू होगा।
- इस बदलाव का तात्पर्य है कि पीपीआई वॉलेट अब विनिमय शुल्क प्रणाली में शामिल हैं, जो सामान्य तौर पर लेनदेन की लागत को कवर करने के लिए कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है।
पूर्वदत्त भुगतान उपकरण (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स/पीपीआई), परिभाषा एवं उपयोग
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) के रूप में जानी जाने वाली भुगतान विधियां उपयोगकर्ताओं को वॉलेट में संग्रहित मूल्य का उपयोग करके वस्तुएं तथा सेवाओं का क्रय करने एवं मुद्रा अंतरण (मनी ट्रांसफर) करने की अनुमति प्रदान करती है।
- पीपीआई का उपयोग करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को वांछित राशि के साथ वॉलेट को प्री-लोड करना होगा, जिसे नकद जमा, बैंक खाते में डेबिट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड, यूपीआई अथवा भारत में अन्य स्वीकृत भुगतान विधियों के माध्यम से जोड़ा जा सकता है।
- पीपीआई भारतीय रुपये तक सीमित हैं एवं मोबाइल वॉलेट, भौतिक स्मार्ट कार्ड, सुरक्षित टोकन, वाउचर, या प्रीपेड फंड तक पहुंच की अनुमति प्रदान करने वाली किसी भी अन्य विधि का रूप ले सकते हैं।
पीपीआई अंतर-संचालनीयता के लिए नए एनपीसीआई नियमों की आवश्यकता
पूर्व में, किसी मर्चेंट पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) का उपयोग करने के लिए विशिष्ट पीपीआई जारीकर्ता के नेटवर्क तथा मर्चेंट के मध्य प्रत्यक्ष संबद्धता (टाई-अप) की आवश्यकता होती थी। किसी व्यापारी के साथ प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना जारीकर्ताओं के पीपीआई को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
- भारत में उपयोग किया जाने वाला सबसे सामान्य प्रकार का पीपीआई मोबाइल वॉलेट है, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ता केवल उन व्यापारियों के साथ विनिमय पर पैसा खर्च कर सकते हैं जो उसी पीपीआई वॉलेट प्रदाता, जैसे कि पेटीएम या मोबिक्विक के क्यूआर कोड स्वीकार करते हैं।
- इस मुद्दे को हल करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI) ने विभिन्न पीपीआई जारीकर्ताओं के मध्य अंतर-संचालनीयता (इंटरऑपरेबिलिटी) को अनिवार्य बना दिया है।
- परिणामस्वरूप, पीपीआई जारीकर्ताओं ने अंतर-संचालनीय (इंटर-ऑपरेबल) रुपे PPI कार्ड जारी करने अथवा यूपीआई प्लेटफॉर्म पर इंटर-ऑपरेबल वॉलेट बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ साझेदारी की है।
- इसका अर्थ यह है कि वॉलेट के रूप में प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स को अब यूपीआई से जोड़ा जा सकता है, जिससे यूपीआई रेल पर अंतर-संचालनीय वॉलेट बन सकते हैं।
यूपीआई के माध्यम से पीपीआई अंतर-संचालनीयता
एक बार जब कोई ग्राहक अपने पीपीआई वॉलेट को यूपीआई से जोड़ लेता है, तो वे सभी यूपीआई अंतर-संचालनीय क्यूआर कोड पर स्कैन तथा भुगतान की सुविधा का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं। यह किसी भी व्यापारी स्थान पर पीपीआई वॉलेट का उपयोग करना एवं किसी अन्य वॉलेट उपयोगकर्ता को पैसे भेजना अथवा प्राप्त करना संभव बनाता है।
- इसी प्रकार, यूपीआई क्यूआर कोड वाला कोई भी व्यापारी अब किसी भी पीपीआई जारीकर्ता या मोबाइल वॉलेट से भुगतान स्वीकार कर सकता है।
- यूपीआई पर पीपीआई ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारिक लेन-देन के विस्तार को गति प्रदान करेगा तथा स्वास्थ्य, पारगमन, शिक्षा, उपादेयता बिल इत्यादि जैसे विभिन्न उपयोग के मामलों को पूरा करके डिजिटल वित्तीय समावेशन में वृद्धि करेगा।
पीपीआई पर विनिमय शुल्क तथा व्यापारियों पर इसका प्रभाव
पहले, पीपीआई जैसे मोबाइल वॉलेट अथवा प्रीपेड कार्ड स्वीकार करने वाले व्यापारियों को पीपीआई जारीकर्ता को शुल्क का भुगतान करना पड़ता था। नए परिवर्तनों के साथ, शुल्कों को नेटवर्क स्तर पर मानकीकृत किया गया है, किंतु प्रत्येक व्यापारी अभी भी अपनी पसंदीदा अधिग्रहण इकाई के साथ काम कर सकता है।
- 1 अप्रैल, 2023 से, यूपीआई पर लेनदेन के लिए गिफ्ट कार्ड अथवा वॉलेट जैसे पूर्वदत्त भुगतान साधनों (PPIs) का उपयोग करने के लिए 1.1% तक का विनिमय शुल्क लगाया जाएगा, किंतु केवल लेनदेन 2,000 रुपए से अधिक होने पर।
- यदि कोई व्यापारी सीधे ग्राहक के बैंक खाते से यूपीआई भुगतान स्वीकार कर रहा है, तो कोई शुल्क लागू नहीं होगा।
- शुल्क तभी लागू होंगे जब व्यापारी ने पीपीआई वॉलेट का उपयोग करके किए गए लेनदेन को स्वीकार या सहमति दी हो।
यूपीआई के लिए एनपीसीआई के नए नियम, ग्राहकों पर प्रभाव
ग्राहकों को आधिकारिक तौर पर किसी भी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, व्यापारियों के पास कीमतें बढ़ाकर अथवा अन्य साधनों का उपयोग करके ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ डालने का विकल्प है।
यूपीआई के लिए एनपीसीआई के नए नियमों के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. यूपीआई क्या है?
उत्तर. एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस/UPI) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया/NPCI) द्वारा विकसित एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर दो बैंक खातों के मध्य त्वरित रूप से धनराशि स्थानांतरित करके अंतर-बैंक लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है।
प्र. क्या ग्राहकों को कोई शुल्क देना आवश्यक है?
उत्तर. आधिकारिक तौर पर, ग्राहकों को किसी भी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, व्यापारियों के पास कीमतों में वृद्धि कर अथवा अन्य साधनों का उपयोग करके ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ डालने का विकल्प उपलब्ध है।
प्र. नए नियम यूपीआई लेनदेन को किस प्रकार प्रभावित करेंगे?
उत्तर. नए नियमों का उद्देश्य देश में डिजिटल वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करते हुए शुल्कों को मानकीकृत करना तथा भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में एकरूपता लाना है।
प्र. UPI लेनदेन के लिए नए नियम क्या हैं?
उत्तर. 1 अप्रैल, 2023 से 2,000 रुपए से अधिक के यूपीआई मर्चेंट लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत का विनिमय शुल्क लगेगा। बैंक खाते से बैंक खाता-आधारित यूपीआई भुगतान अथवा सामान्य यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।