Table of Contents
जैव विविधता नीति 2022: प्रासंगिकता
- जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
जैव विविधता नीति एनटीपीसी: प्रसंग
- हाल ही में, एनटीपीसी लिमिटेड ने जैव विविधता के संरक्षण, पुनर्स्थापना एवं संवर्धन हेतु एक व्यापक दृष्टिकोण एवं मार्गदर्शक सिद्धांत स्थापित करने के लिए एक नवीनीकृत जैव विविधता नीति 2022 जारी की।
जैव विविधता नीति 2022: प्रमुख बिंदु
- यह जैव विविधता नीति एनटीपीसी की पर्यावरण नीति का एक अभिन्न अंग है। इसके उद्देश्य पर्यावरण एवं धारणीयता नीतियों के अनुरूप हैं।
- इसके अतिरिक्त, इस नीति को एनटीपीसी समूह के सभी पेशेवरों को इस क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्यों की उपलब्धि में योगदान करने में सहायता करने हेतु भी तैयार किया गया है।
- एनटीपीसी सदैव उच्चतम जैव विविधता मूल्य वाले क्षेत्रों में संचालन से बचने तथा परियोजना स्थलों का विवेकपूर्ण चयन करने के बारे में जागरूक रहा है।
- कंपनी अपने वर्तमान में संचालित सभी स्थलों (साइटों) पर जैव विविधता का ‘कोई निवल हानि नहीं‘ प्राप्त करने के अपने वर्तमान प्रयासों को और सुदृढ़ करेगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि जहां भी लागू हो वहां निवल धनात्मक संतुलन हो।
- एनटीपीसी 2018 में जैव विविधता नीति जारी करने वाला पहला सार्वजनिक उपक्रम था।
एनटीपीसी की हालिया पर्यावरणीय पहल
- एनटीपीसी विशेषज्ञों के सहयोग से परियोजना-विशिष्ट एवं राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के माध्यम से जैव विविधता के बारे में स्थानीय समुदायों, कर्मचारियों तथा इसके सहयोगियों के मध्य जैव विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ा रहा है।
- एनटीपीसी जैव विविधता के क्षेत्र में स्थानीय समुदायों, संगठनों, नियामक एजेंसियों एवं राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अनुसंधान संस्थानों के साथ भी सहयोग कर रहा है।
- इसके अतिरिक्त, एनटीपीसी अपनी परियोजनाओं की योजना तथा निष्पादन के दौरान पर्यावरण, वन, वन्य जीव, तटीय क्षेत्र एवं हरित क्षेत्र से संबंधित नियमों एवं विनियमों का पालन करके जैव विविधता के संबंध में विधिक अनुपालन का पालन करेगा।
- एनटीपीसी द्वारा संपादित की गई एक बड़ी पहल में, इसने आंध्र प्रदेश के समुद्र तट में ओलिव रिडले कछुओं के संरक्षण के लिए आंध्र प्रदेश वन विभाग के साथ पांच वर्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- 4.6 करोड़ रुपये के वित्तीय योगदान कथा समुदाय की वर्धित भागीदारी के साथ, एनटीपीसी के हस्तक्षेप के बाद से समुद्री जल में मुक्त किए गए अंडजोत्पति (हैचिंग) की संख्या में लगभग 2.25 गुना वृद्धि हुई है।
एनटीपीसी के बारे में
- एनटीपीसी लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के अधीन 1975 में स्थापित भारत का सर्वाधिक वृहद एकीकृत ऊर्जा उत्पादक है।
- एनटीपीसी मई 2010 में महारत्न कंपनी बन गई। जनवरी 2020 तक, भारत में 10 महारत्न सीपीएसई हैं।