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न्याय मित्र योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
न्याय मित्र योजना चर्चा में क्यों है?
- विधि एवं न्याय मंत्री, श्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में न्याय मित्र योजना की भागीदारी के बारे में जानकारी दी।
न्याय मित्र योजना
- न्याय मित्र योजना के बारे में: न्याय मित्र (एनएम) योजना का उद्देश्य उच्च न्यायालयों एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 10-15 वर्ष पुराने लंबित मामलों के शीघ्र निपटान की सुविधा प्रदान करना है।
- अधिदेश: न्याय मित्र का उद्देश्य दशकों पुराने लंबित अदालती मामलों को कम करने में जिला न्यायपालिका की सहायता करना है।
- जिलों का चयन: राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (नेशनल जुडिशल डेटा ग्रिड/एनजेडीजी) डेटाबेस से 10 वर्षों से अधिक की अवधि में अदालती मामलों के उच्चतम लंबित मामलों के आधार पर जिले चयनित किए गए हैं।
- न्याय मित्र कौन हैं?
- न्याय मित्र (NM) एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी/कार्यकारी अधिकारी हैं, जिनके पास कानूनी डिग्री/पृष्ठभूमि है, जो उच्च न्यायालयों/जिला न्यायालयों में स्थित हैं।
न्याय मित्र की क्या भूमिका है?
- न्याय मित्र दशकों पुराने लंबित अदालती मामलों को कम करने, विभिन्न विभागों के साथ संपर्क करके मामलों के तेजी से निपटान के लिए लोक अदालत में मामलों को संदर्भित करने इत्यादि में न्यायपालिका को सहायता प्रदान करता है।
- न्याय मित्र की अन्य जिम्मेदारियों में सम्मिलित होंगे-
- राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के माध्यम से ऐसे मामलों की सक्रिय रूप से पहचान करके जांच या परीक्षण में विलंब के कारण पीड़ित वादियों को सहायता प्रदान करना,
- विधिक परामर्श प्रदान करना एवं वादियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डिस्टिक लीगल सर्विसेज अथॉरिटी/डीएलएसए), सीएससी टेली लॉ, अन्य सरकारी एजेंसियों एवं नागरिक समाज संगठनों से जोड़ना।
- न्याय मित्र –
- उपेक्षित वर्गों के आवेदकों को विवाद समाधान के लिए लोक अदालतों में संदर्भित करते हैं एवं
- जिला न्यायपालिका एवं अन्य हितधारकों के समन्वय से, जिले के भीतर जेल सुधारों के लिए सहायता प्रदान करते हैं।
न्याय मित्र योजना का प्रदर्शन
- 2017 में न्याय मित्र कार्यक्रम के प्रारंभ के पश्चात से, असम, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में कुल 38 न्याय मित्र कार्यरत थे।
- अब तक कार्यरत न्याय मित्रों ने 3495 पुराने मामलों के निपटान में संबंधित न्यायालय की सहायता की है जिसमें वैवाहिक मामले, दुर्घटना के दावे एवं आपराधिक मामले भी शामिल हैं।
- 2021-2026 तक संपूर्ण देश में 80 न्याय मित्र जुड़ेंगे।
- वर्ष 2021-2022 के लिए, अप्रैल 2022 माह में 11 जिला न्यायालयों में 11 न्याय मित्रों को संलग्न किया गया है।
- कोविड प्रेरित लॉकडाउन के दौरान न्यायालयों के बंद होने के कारण 2020-21 में किसी भी न्याय मित्र की नियुक्ति नहीं की जा सकी।