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न्याय विकास पोर्टल: न्याय विकास योजना भारत में जिला तथा अधीनस्थ न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं एवं आवास में सुधार के लिए न्याय विभाग द्वारा कार्यान्वित एक केंद्र प्रायोजित योजना (सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम/CSS) है। न्याय विकास योजना यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- न्याय वितरण प्रणाली सहित शासन के विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न शासन पहल) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
न्याय विकास पोर्टल चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए न्याय विभाग द्वारा न्याय विकास पोर्टल का निर्माण किया गया था। न्याय विकास पोर्टल हितधारकों को लॉग इन करने के लिए चार सुविधाजनक तरीके प्रदान करता है, जिससे उन्हें वित्त पोषण संबंधी विवरण, दस्तावेज़ीकरण, परियोजना की निगरानी तथा अनुमोदन की जानकारी सरलता से उपलब्ध हो जाती है।
न्याय विकास योजना
1993-94 से, न्याय विभाग जिलों एवं अधीनस्थ न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) न्याय विकास के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। न्याय विकास योजना का उद्देश्य जिला एवं अधीनस्थ स्तरों पर न्यायपालिका के लिए उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि करना तथा सुधारना है।
- उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य बेहतर न्याय प्रदान करने की दृष्टि से अधीनस्थ न्यायालयों के भौतिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ देश में जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की आवश्यकताओं में सुधार करना है।
- कवरेज तथा दायरा: इस योजना में सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। इस योजना में न्यायिक भवनों का निर्माण तथा राज्यों में जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों तथा न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासीय भवनों का निर्माण शामिल है। इस योजना में तीन नए तत्व शामिल हैं-
- अधिवक्ता हॉल का निर्माण
- शौचालय परिसर
- अधिवक्ताओं तथा वादियों की सुविधा के लिए डिजिटल कंप्यूटर रूम।
- मूल मंत्रालय: न्याय विकास योजना न्याय विभाग, कानून मंत्रालय के समग्र मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण के तहत कार्यान्वित की जा रही है।
न्याय विकास योजना की विशेषताएं
न्याय विकास योजना जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों तथा न्यायाधीशों के लिए कोर्ट हॉल एवं आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को केंद्रीय सहायता प्रदान करती है। 31.03.2021 से आगे योजना के हालिया विस्तार के साथ, कोर्ट हॉल एवं आवासीय इकाइयों के अतिरिक्त अधिवक्ताओं एवं वादियों के लिए सुविधा में वृद्धि करने हेतु वकीलों के हॉल, शौचालय परिसर तथा डिजिटल कंप्यूटर कक्ष जैसी अतिरिक्त सुविधाओं को शामिल किया गया है।
न्याय विकास योजना का वित्तपोषण
न्याय विकास योजना उत्तर पूर्वी एवं हिमालयी राज्यों के अतिरिक्त अन्य राज्यों के लिए 60:40 के अनुपात के साथ केंद्र एवं राज्य के बीच एक विशिष्ट कोष साझाकरण प्रतिरूप (फंड शेयरिंग पैटर्न) का पालन करती है। उत्तर पूर्वी एवं हिमालयी राज्यों के लिए, अनुपात 90:10 है तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह 100% है। न्याय विकास योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए इसकी प्रगति की निगरानी के लिए एक समर्पित पोर्टल स्थापित किया गया है।