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एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) – संदर्भ
- हाल ही में, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने पीएमएफएमई योजना के तहत छह, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) ब्रांड विमोचित किए।
- पीएमएफएमई योजना
- एमओएफपीआई ने पीएमएफएमई योजना के ब्रांडिंग एवं विपणन (मार्केटिंग) घटक के तहत चयनित एक जिला एक उत्पाद के 10 ब्रांड विकसित करने हेतु नेफेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इनमें से अमृत फल, कोरी गोल्ड, कश्मीरी मंत्र, मधुमंथरा, सोमदाना एवं दिल्ली बेक्स के संपूर्ण गेहूं (होल व्हीट) कुकीज नाम के छह ब्रांड विमोचित किए गए।
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी)- प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का संक्रियात्मकतः (परिचालन रूप से) ‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के साथ विलय कर दिया गया है।
- एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के बारे में: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) एक पहल है जिसे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है।
- अधिदेश: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना का उद्देश्य एक जिले की वास्तविक क्षमता को आर्थिक रूप में परिवर्तित करना, आर्थिक विकास को प्रोत्साहन प्रदान करना एवं रोजगार तथा ग्रामीण उद्यमिता सृजित करना है।
- कार्यान्वयन: ओडीओपी पहल को डीजीएफटी, वाणिज्य विभाग द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) एक प्रमुख हितधारक के रूप में है।
- डीजीएफटी के माध्यम से वाणिज्य विभाग एक जिला एक उत्पाद की पहल को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु राज्य एवं केंद्र सरकार के अभिकरणों के साथ जुड़ रहा है।
- ओडीओपी पहल के तहत राज्यों में राज्य निर्यात संवर्धन समिति (एसपीईसी) एवं जिला निर्यात संवर्धन समिति (डीईपीसी) का गठन किया गया है।
- डीईपीसी का गठन पश्चिम बंगाल राज्य के जिलों को छोड़कर भारत के सभी जिलों में किया गया है।
- विपणन मार्ग: ओडीओपी योजना के तहत सभी उत्पाद नेफेड बाजारों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एवं संपूर्ण भारत के प्रमुख खुदरा विक्रय केंद्रों (रिटेल स्टोर्स) पर उपलब्ध होंगे।
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) – मुख्य उद्देश्य
- जिलों को निर्यात केंद्रों में रूपांतरित करना: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले को निम्नलिखित द्वारा एक निर्यात केंद्र के रूप में रूपांतरित करना है-
- जिले में निर्यात क्षमता वाले उत्पादों का अभिनिर्धारण करना,
- इन उत्पादों के निर्यात में आने वाली बाधाओं को दूर करना,
- स्थानीय निर्यातकों/विनिर्माताओं को विनिर्माण को बढ़ाने एवं भारत के बाहर संभावित क्रेताओं को खोजने में सहायता करना।
- उद्योग एवं निर्यात को प्रोत्साहन देना: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का उद्देश्य अभिनिर्धारित किए गए उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ जिले में विनिर्माण एवं सेवा उद्योग को बढ़ावा देना है।
- रोजगार सृजन: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का एक प्रमुख लक्ष्य जिले में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है।
पीएमएफएमई योजना: प्रमुख बिंदु
- पीएमएफएमई योजना के बारे में: सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना का प्रधानमंत्री औपचारिककरण, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रारंभ की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- उद्देश्य: पीएमएफएमई योजना के निम्नलिखित लक्ष्य हैं-
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में वर्तमान व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करना एवं इस क्षेत्र की औपचारिकता को बढ़ावा देना तथा
- किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों एवं उत्पादक सहकारी समितियों को उनकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के साथ सहायता प्रदान करना।
- वित्त पोषण: पीएमएफएमई योजना 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रावधानित है।
- लाभार्थी: पीएमएफएमई योजना वर्तमान सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन हेतु वित्तीय, तकनीकी एवं व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना के औपचारिककरण के बारे में अधिक पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें।