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एक जड़ी बूटी, एक मानक- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।
एक जड़ी-बूटी, एक मानक चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, आयुष मंत्रालय ने “वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड” के प्रचार एवं सुविधा के लिए अंतर-मंत्रालयी सहयोग हेतु एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
- भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी (आयुष मंत्रालय) तथा भारतीय औषधकोश आयोग (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय) के लिए औषधकोश आयोग के मध्य एक समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग/एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड- पीसीआईएम एंड एच तथा आईपीसी के मध्य समझौता ज्ञापन
- प्रमुख उद्देश्य: इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य सामंजस्यपूर्ण हर्बल दवा मानकों के विकास को सुविधाजनक बनाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने हेतु पीसीआईएम एंड एच तथा आईपीसी के मध्य सहकारी प्रयासों का विकास करना है।
- चूंकि पीसीआईएम एंड एच तथा आईपीसी दोनों समान उद्देश्य के साथ कार्य कर रहे हैं, अतः “वन हर्ब – वन स्टैंडर्ड” को प्राप्त करने के लिए मानकों में सामंजस्य स्थापित करना तर्कसंगत एवं सार्थक है।
- महत्व: यह समझौता ज्ञापन वैज्ञानिक सूचना एवं दवाओं हेतु कच्चे माल / अर्क, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण तथा विचार-मंथन कार्यक्रमों को साझा करके पारंपरिक चिकित्सा के मानकीकरण के क्षेत्र में सूचनाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने हेतु सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा।
- मानकों का सामंजस्य “एक जड़ी बूटी, एक मानक एवं एक राष्ट्र” के उद्देश्य को पूरा करेगा तथा भारत में व्यापारिक सुगमता में सुधार करेगा तथा भारतीय वनस्पति विज्ञान के समग्र व्यापार में भी सुधार करेगा।
- यह भारत के प्रधान मंत्री द्वारा प्रचारित आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
- समझौता ज्ञापन मोनोग्राफ के प्रकाशन को सक्षम करेगा, जो सभी के लिए फायदेमंद होगा।
- अन्य संबंधित तकनीकी कार्यों को संपादित करने के लिए औषधीय पौधों एवं उनके घटक लक्षकों (मार्करों) के चयन के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।
- समझौता ज्ञापन जड़ी बूटी युक्त औषधियों (हर्बल मेडिसिन) में निर्माताओं, शोधकर्ताओं एवं नियामकों जैसे समस्त हितधारकों को अपने-अपने क्षेत्रों में विश्व स्तर के मोनोग्राफ का उपयोग करने का अवसर प्रदान करने जा रहा है।
भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी (पीसीआईएम एंड एच) के लिए औषधकोश आयोग
- भारतीय चिकित्सा के लिए फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएम) के बारे में: आयोग को प्रारंभ में 2010 में भारतीय चिकित्सा के लिए औषधकोश आयोग (फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन/पीसीआईएम) के रूप में स्थापित किया गया था एवं उसी वर्ष बाद में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था।
- मूल मंत्रालय: भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिए औषधकोश आयोग (फार्माकोपिया कमीशन पोर्ट इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी/पीसीआईएम एंड एच) आयुष मंत्रालय के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
- पीसीआईएम एंड एच का गठन: यह भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी (पीसीआईएम एंड एच) के औषधकोश आयोग एवं दो केंद्रीय प्रयोगशालाओं को मिलाकर बनाया गया है-
- भारतीय चिकित्सा हेतु भेषज प्रयोगशाला (फार्माकोपिया लैबोरेट्री फॉर इंडियन मेडिसिन/पीएलआईएम), गाजियाबाद एवं
- होम्योपैथिक भेषज प्रयोगशाला (होम्योपैथिक फार्माकोपिया लैबोरेट्री/HPL)
- महत्वपूर्ण कार्य: आयोग आयुर्वेदिक, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथिक दवाओं के लिए भेषज मानकों के विकास में संलग्न है।
- पीसीआईएम एंड एच भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी प्रणालियों के लिए केंद्रीय औषधि परीक्षण सह अपीलीय प्रयोगशाला के रूप में भी कार्य कर रहा है।
भारतीय चिकित्सा के लिए भेषज आयोग – प्रमुख उद्देश्य
- गुणवत्ता मानक
- ‘भारतीय औषधि’ एवं ‘होम्योपैथी’ की दवाओं / सूत्रीकरण के लिए औषधकोश (फार्माकोपिया) विकसित करना ‘भारतीय चिकित्सा’ के सूत्र विकसित करना
- प्रकाशित औषधकोश एवं सूत्रीकरण को संशोधित/अद्यतन/संशोधित करने के लिए जैसा आवश्यक समझा जाए
- पीसीआईएम एंड एच के कार्यात्मक क्षेत्र से संबंधित फार्माकोपिया / ‘भारतीय चिकित्सा’ एवं ‘होम्योपैथी’ के सूत्रीकरण एवं अन्य संबंधित वैज्ञानिक / नियामक सूचनाओं हेतु पूरक पूरक प्रकाशित करना
- शीर्ष प्रयोगशाला
- ‘भारतीय चिकित्सा’ एवं ‘होम्योपैथी’ के लिए केंद्रीय औषधि परीक्षण सह अपीलीय प्रयोगशाला के रूप में कार्य करना
- औषधि नियामक प्राधिकरणों एवं ‘भारतीय चिकित्सा’ तथा ‘होम्योपैथी’ से संबंधित गुणवत्ता नियंत्रण में संलग्न कर्मियों को क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्रदान करना
- ‘भारतीय चिकित्सा’ एवं ‘होम्योपैथी’ तथा औषधि अनुसंधान की दवाओं / सूत्रीकरण के गुणवत्ता आश्वासन पर जागरूकता को पोषित करना एवं प्रोत्साहित करना
- प्रामाणिक संदर्भ सामग्री के भंडार
- ‘भारतीय चिकित्सा’ एवं ‘होम्योपैथी’ में प्रयुक्त कच्चे माल का एक प्रामाणिक संदर्भ कच्चे माल (रेफरेंस रॉ मैटेरियल्स/आरआरएम) कोष को अनुरक्षित रखना
- ‘भारतीय चिकित्सा’ एवं ‘होम्योपैथी’ की दवाओं / फॉर्मूलेशन के लिए स्थापित चिकित्सीय महत्व के साथ रासायनिक अंशो के एक प्रामाणिक संदर्भ रासायनिक मार्कर (आरसीएम) कोष को अनुरक्षित रखना
- विविध
- पीसीआईएम एंड एच के कार्यात्मक क्षेत्र से संबंधित ‘सरकार’ के अन्य कानूनों/योजनाओं/कार्यक्रमों के साथ-साथ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम (ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट), 1940 तथा उसके तहत नियमों के प्रावधानों के कार्यान्वयन/प्रवर्तन को प्रचारित करने / प्रोत्साहित करने/सुधारने के लिए किसी भी गतिविधि का प्रयोग करना।