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ओपन कास्ट माइन: प्रासंगिकता
- जीएस 2: निर्धनता एवं भूख से संबंधित मुद्दे।
खुली खान: प्रसंग
- हाल ही में, झारखंड में धनबाद जिले में एक खुली (ओपन कास्ट) कोयला खदान का हिस्सा धंस जाने से पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।
झारखंड में ओपन कास्ट माइन: क्या हुआ है?
- अधिकारियों ने बताया कि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) स्थित ओपन कास्ट खदान में आसपास के ग्रामीणों में से कुछ लोगों ने अवैध रूप से प्रवेश किया था।
- बाद में, खदान के अतिभारित क्षेत्र का एक हिस्सा धंस गया तथा घटनास्थल पर चार शव मिले।
- इस घटना ने एक बार फिर खदानों की सुरक्षा में सुधार पर बहस छेड़ दी है ताकि गरीब लोग अपनी जान जोखिम में न डालें।
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ओपन कास्ट माइनिंग क्या है?
- ओपन कास्ट माइनिंग, एक पारंपरिक ‘शंकु के आकार का‘ उत्खनन स्थल है जो कोयले के सतही खनन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के खनन में गहरे शाफ्ट (एक लंबा ऊर्ध्वाधर मार्ग) नहीं होते हैं।
- ओपन कास्ट माइनिंग उन निष्कण विधियों से पृथक है जिनके लिए पृथ्वी में सुरंग बनाने, जैसे अत्यधिक गहराई तक खनन की आवश्यकता होती है।
- कोयले की खुली खानों का उपयोग तब किया जाता है जब सतह के पास व्यावसायिक रूप से उपयोगी खनिजों या चट्टानों के भंडार पाए जाते हैं।
- सतह के नीचे पाए जाने वाले खनिजों के लिए, भूमिगत खनन विधियाँ मूल्यवान सामग्री को निष्कर्षित करती है।
झारखंड में ओपन कास्ट माइन: कारण
- निर्धनता: निर्धन व्यक्ति, पैसे कमाने एवं अपनी आजीविका बनाए रखने की उम्मीद में, मुफ्त कोयले की चंद बोरियों के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
- सुरक्षा चूक: ओपन कास्ट खनन एक अच्छी तरह से संरक्षित परिसीमा नहीं है एवं इन क्षेत्रों में अनधिकार प्रवेश आम है। साथ ही, स्थानीय कानूनों एवं सीआईएसएफ के क्षेत्राधिकार के अतिव्यापी होने के कारण समन्वय प्रभावित होता है।
- गठजोड़/नेक्सस: धनबाद परित्यक्त कोयले के अवैध उत्खनन के लिए कुख्यात है। यह कोयला माफियाओं, पुलिस एवं राजनेताओं की मिलीभगत से कई वर्षों से चल रहा है।
पर्यावरण पर ओपन कास्ट खनन का प्रभाव
- ओपन-कास्ट खनन भूवैज्ञानिक, जल विज्ञान एवं भू-तकनीकी स्थितियों को परिवर्तित कर देता है।
- यह वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र एवं परिदृश्य को प्रभावित करता है।
- धूल एवं शोर न केवल वातावरण तथा मृदा को प्रभावित करते हैं, बल्कि दोहन किए गए क्षेत्रों में संपूर्ण मानव वास स्थान को भी प्रभावित करते हैं।
- कोयले की खुली खदानें अत्यधिक मात्रा में अपशिष्ट उत्पन्न करती हैं। लगभग दस लाख टन अयस्क एवं अपशिष्ट चट्टान प्रतिदिन सर्वाधिक वृहद खानों से स्थानांतरित हो सकते हैं एवं प्रतिदिन कुछ हजार टन छोटी खानों से स्थानांतरित हो जाते हैं।