Categories: हिंदी

एसबीएम 2.0 एवं अमृत 2.0 के लिए परिचालन दिशानिर्देश

प्रासंगिकता

  • जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप एवं उनकी अभिकल्पना तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

 

प्रसंग

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

एसबीएम-यू 2.0

प्रमुख बिंदु

  • एसबीएम इन्हें बनाने की परिकल्पना करता है
    • सभी शहरों कोकचरा मुक्तबनाना एवं अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अतिरिक्त अन्य सभी शहरों में धूसर एवं काले जल(प्रयुक्त जल) प्रबंधन को सुनिश्चित करना,
    • सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ+ एवं 1 लाख से कम आबादी वाले निकायों को ओडीएफ++ बनाना,
    • शहरों को जल+ बनाना जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रदूषित जल निकायों के लिए कोई भी उपयोग किया गया अनुपचारित जल खुले में मुक्त नहीं किया जाता है, इस प्रकार शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता की दृष्टि प्राप्त होती है।
    • मिशन निम्नलिखित पर भी ध्यान केंद्रित करेगा
    • ठोस अपशिष्ट का स्रोत पृथक्करण,
    • 3 आर के सिद्धांतों का उपयोग करना (कमी करना, पुन: उपयोग करना, पुनः चक्रित करना),
    • सभी प्रकार के नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक प्रसंस्करण एवं प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु पुराने डंप साइटों का उपचारण।

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021

एसबीएम उपलब्धि

  • एसबीएम ने 3,300 से अधिक शहरों में धारणीय स्वच्छता हासिल की है एवं 950 से अधिक शहरों को क्रमशः ओडीएफ+ एवं ओडीएफ++ प्रमाणित किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, 9 शहरों को जल+ प्रमाणित किया गया है, जिसमें अपशिष्ट जल का उपचार एवं इसका इष्टतम पुन: उपयोग आवश्यक है।
  • वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर भारत में अपशिष्ट प्रसंस्करण 2014 में 18% से चार गुना बढ़कर आज 70% हो जाने से स्पष्ट है।
  • इसे 97% वार्डों में 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रह एवं 85% वार्डों में नागरिकों द्वारा लिखित रूप से कचरे के स्रोत पृथक्करण के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है।
  • कार्यक्रम में 20 करोड़ नागरिकों (भारत की शहरी आबादी के 50% से अधिक शामिल) की सक्रिय भागीदारी ने मिशन को एक जन आंदोलन, एक वास्तविक जन आंदोलन में सफलतापूर्वक परिवर्तित कर दिया है।

 

अमृत ​​2.0

प्रमुख बिंदु

  • अमृत ​​2.0 के तहत, शहर एमओएचयूए के एक सुदृढ़ मिशन पोर्टल पर सिटी वाटर बैलेंस प्लान (सीडब्लूबीपी) ऑनलाइन जमा करेंगे।
    • सीडब्ल्यूबीपी शहर में जल की उपलब्धता, जल की मांग एवं आपूर्ति की स्थिति की जानकारी देगा जो सेवाओं में अंतराल में परिणत होगा।
  • इन अंतरालों को पूर्ण करने लक्ष्य के साथ सिटी वाटर एक्शन प्लान के रूप में परियोजनाएं तैयार की जाएंगी।
    • इन योजनाओं को राज्य स्तर पर राज्य जल कार्य योजना (स्वैप) के रूप में समेकित किया जाएगा।
  • मिशन ने पीपीपी मोड में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों को आवंटित 10% राशि के कार्यान्वयन को अधिदेशित किया है।

शहरी जल संतुलन योजना

प्रमुख घटक

  • पेय जल सर्वेक्षण, सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी), प्रौद्योगिकी उप-मिशन एवं क्षमता निर्माण भी मिशन के प्रमुख घटक हैं।
  • पेय जल सर्वेक्षण नागरिकों को आपूर्ति किए जाने वाले जल की गुणवत्ता एवं मात्रा का आकलन करेगा एवं नागरिकों को बेहतर पेय जल संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए शहरों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करेगा।
  • आईईसी अभियान जल संरक्षण को जन आंदोलन में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखता है। प्रौद्योगिकी उप-मिशन के माध्यम से जल क्षेत्र में स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • क्षमता निर्माण कार्यक्रम, चयन किए गए प्रतिनिधियों, नगर निगम के पदाधिकारियों एवं संविदाकारों (ठेकेदारों), प्रबंधकों, प्लंबर, संयंत्र संचालकों, कामगारों, सलाहकारों, छात्रों, महिलाओं एवं नागरिकों को शामिल करने वाले बड़े समूह को प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

 

वित्त पोषण

  • परियोजना निधि 20:40:40 की तीन किस्तों में जारी की जाएगी।
  • संपत्ति कर एवं उपयोगकर्ता शुल्क पर सुधारों का कार्यान्वयन तीसरे वर्ष से अबाधित वित्तपोषण प्राप्त करने हेतु अनिवार्य है।
  • जलभृतों (एक्वीफर्स) में सकारात्मक भूजल संतुलन बनाए रखने पर ध्यान देने के साथ शहर सिटी एक्वीफर मैनेजमेंट प्लान भी प्रस्तुत करेंगे।
  • मिशन प्रबंधन कागज रहित एवं पूर्ण ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर संचालित होगा।
  • गिग इकॉनमी मॉडल के तहत, मिशन अपनी प्रगति के बारे में समवर्ती प्रतिपुष्टि हेतु महिलाओं एवं युवाओं को सह-योजित करेगा।

 

सुधार हेतु कार्य सूची

  • गैर-राजस्व जल को 20% से कम करना;
  • राज्य स्तर पर शहर की जल की कुल मांग का कम से कम 20% एवं औद्योगिक जल की मांग के 40% को पूरा करने के लिए उपचारित उपयोग किए गए जल का पुनर्चक्रण;
  • नल से पेयसुविधा के साथ 24×7 जलापूर्ति; जल निकायों का कायाकल्प;
  • शहरों के जीआईएस आधारित महायोजना (मास्टर प्लान) एवं कुशल शहरी नियोजन (टाउन प्लानिंग);
  • शहरों की क्रेडिट रेटिंग एवं नगरपालिका बॉन्ड जारी करके धन जुटाना।

सुजलम अभियान

manish

Recent Posts

UPSC Mains Exam Date 2024 Out, Check UPSC CSE Exam

The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted  every year to recruit for the…

1 hour ago

UKPSC Admit Card 2024 Out, Get Link to Download PDF

The UKPSC Admit Card 2024 has been declared by Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) on the official…

1 hour ago

UPPSC Prelims Exam Date 2024 Out at uppsc.up.nic.in for 220 Posts

The Uttar Pradesh Public Service Commission has issued a notice regarding the release of UPPSC…

2 hours ago

MPSC Exam Pattern 2024 for Prelims and Mains Exam

The Maharashtra Public Service Commission has released the MPSC Exam Pattern 2024 on the official…

2 hours ago

UPPSC RO ARO Exam Date 2024 Out, Check Prelims Exam Schedule

The UPPSC RO ARO Prelims Exam Date 2024 has been announced by the Uttar Pradesh…

2 hours ago

UPSC CMS Admit Card 2024 Out, Get Link to Download Hall Ticket

The UPSC CMS Admit Card 2024 is now officially released on the Union Public Service…

3 hours ago