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ओजोन अवक्षय यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
ओजोन अवक्षय: प्रसंग
- हाल ही में, वैज्ञानिकों ने उष्ण कटिबंधों के ऊपर निचले समताप मंडल में एक वृहद, सभी मौसमों में ओजोन छिद्र का खुलासा किया है, जिससे एक व्यापक वैश्विक चिंता उत्पन्न हो गई है।
उष्ण कटिबंधों के ऊपर ओजोन रिक्तीकरण: प्रमुख बिंदु
- उष्ण कटिबंध के ऊपर ओजोन छिद्र, प्रसिद्ध वसंत ऋतु के अंटार्कटिक छिद्र की गहराई के समतुल्य है, किंतु क्षेत्रफल में लगभग सात गुना अधिक है।
- अवलोकन किए गए डेटा अंतरिक्ष किरणों (कॉस्मिक-रे) द्वारा चालित इलेक्ट्रॉन प्रतिक्रिया (कॉस्मिक रे ड्रिवन इलेक्ट्रॉन रिएक्शन/सीआरई) मॉडल से सहमत हैं एवं अंटार्कटिक तथा उष्णकटिबंधीय ओजोन छिद्रों दोनों के लिए कार्य करने वाले समान भौतिक तंत्र को दृढ़ता से इंगित करते हैं।
- समस्त (ऑल-सीजन) ओजोन छिद्र को ओजोन हानि के क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया है जो अबाधित वातावरण की तुलना में 25% से अधिक है।
- अवलोकन अनेक वैज्ञानिकों के लिए एक आश्चर्य के रूप में है क्योंकि पारंपरिक प्रकाश रासायनिक प्रतिमान (फोटोकैमिकल मॉडल) द्वारा इस का पूर्वानुमान नहीं लगाया गया था।
- ध्रुवीय ओजोन छिद्र में, सामान्य ओजोन मान का लगभग 80% उष्णकटिबंधीय ओजोन छिद्र के केंद्र में अवक्षयित हो जाता है।
उष्ण कटिबंध पर ओजोन का क्षरण: चिंता क्यों?
- उष्ण कटिबंध ग्रह के सतह क्षेत्र का आधा हिस्सा गठित करता है एवं विश्व की लगभग आधी आबादी का आवास है।
- प्रारंभिक रिपोर्टों से ज्ञात होता है कि भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में ओजोन अवक्षय का स्तर पहले से ही बड़ी आबादी को खतरे में डाल रहा है एवं इन क्षेत्रों तक पहुंचने वाली संबंधित पराबैंगनी विकिरण (अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन) अपेक्षा से कहीं अधिक है।
- वर्तमान खोज ओजोन अवक्षय, पराबैंगनी विकिरण परिवर्तन, कैंसर के जोखिम में वृद्धि तथा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी तंत्र पर अन्य नकारात्मक प्रभावों के आगे के सावधानीपूर्वक अध्ययन की मांग करती है।
उष्ण कटिबंध पर ओजोन का क्षरण: प्रभाव
- ओजोन परत के अवक्षय से जमीनी स्तर पर पराबैंगनी विकिरण बढ़ सकता है, जिससे मनुष्यों में त्वचा कैंसर तथा मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है।
- यह मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकता है, कृषि उत्पादकता को कम कर सकता है एवं संवेदनशील जलीय जीवों तथा पारिस्थितिक तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
ओजोन परत क्या है?
- ओजोन परत का अर्थ: ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल (पृथ्वी से 15-35 किमी ऊपर) में समताप मंडल के निचले हिस्से में मौजूद है एवं इसमें ओजोन (O3) का अपेक्षाकृत उच्च संकेंद्रण होता है। यह पृथ्वी की सतह तक पहुंचने वाले हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों को कम करता है।
ओजोन परत का क्षरण क्या है?
- ओजोन परत का क्षरण ऊपरी वायुमंडल में मौजूद पृथ्वी की ओजोन परत का क्रमिक रूप से (धीरे-धीरे) विरलन होना है।
- ओजोन रिक्तीकरण में पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के आसपास समतापमंडलीय ओजोन में वसंत ऋतु में अत्यधिक मात्रा में कमी होती है, जिसे ओजोन छिद्र कहा जाता है।
ओजोन रिक्तीकरण के कारण
- निर्मित रसायन, विशेष रूप से निर्मित हेलो कार्बन प्रशीतक (रेफ्रिजरेंट्स), विलायकों (सॉल्वैंट्स), प्रणोदकों (प्रोपेलेंट) तथा फोम-ब्लोइंग एजेंट (क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी), एचसीएफसी, हैलोन) ओजोन परत के क्षरण के प्रमुख कारण हैं।
- 1970 के दशक के प्रारंभ से, वैज्ञानिकों ने समताप मंडल के ओजोन में कमी देखी तथा इसे ध्रुवीय क्षेत्रों में अधिक स्पष्टता से पाया गया।
- ओजोन क्षयकारी पदार्थों का जीवनकाल लगभग 100 वर्षों का होता है।