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पर्वतमाला परियोजना: यह एक राष्ट्रीय रज्जुमार्ग विकास कार्यक्रम है जिसे केंद्रीय बजट 2022 प्रस्तावित किया गया था। पर्वतमाला योजना यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- भारतीय अर्थव्यवस्था- आधारिक अवसंरचना का विकास) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पर्वतमाला परियोजना चर्चा में क्यों है?
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ‘इंटरलपिन (INTERALPIN) 2023 मेले’ को संबोधित करते हुए पर्वतमाला योजना के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम के भाग के रूप में रज्जुमार्ग (रोपवे) घटकों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है।
पर्वतमाला योजना की पृष्ठभूमि
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए राष्ट्रीय रज्जुमार्ग विकास कार्यक्रम – “पर्वतमाला” की घोषणा की, जिसे पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा।
- फरवरी 2021 में भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम 1961 में संशोधन किया गया, जिससे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारियों का विस्तार हुआ।
- विशेष रूप से, मंत्रालय को रोपवे के विकास एवं वैकल्पिक गतिशीलता समाधानों के अन्य रूपों की देखरेख करने का अधिकार प्रदान किया गया था।
पर्वतमाला योजना के बारे में
भारत सरकार का लक्ष्य आगामी 5 वर्षों में “पर्वतमाला परियोजना” पहल के तहत 250 से अधिक परियोजनाएं आरंभ करना है, जिसमें 1,200 किलोमीटर से अधिक रोपवे का निर्माण शामिल है।
- कार्यान्वयन: हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप/पीपीपी) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें सरकार 60% वित्त पोषण सहायता प्रदान करेगी।
- मूल मंत्रालय: पर्वतमाला योजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- पर्वतमाला परियोजना उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू एवं कश्मीर तथा अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों जैसे क्षेत्रों में प्रारंभ की जा रही है।
भारत में रज्जुमार्ग अवसंरचना (रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर) को संचालित करने वाले कारक
रोपवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को संचालित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों पर नीचे चर्चा की गई है-
परिवहन का किफायती तरीका
हवाई मार्ग होने के कारण रोपवे के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की लागत कम आती है। फलस्वरूप, सड़क मार्ग की तुलना में प्रति किमी निर्माण की अधिक लागत होने के बावजूद रोपवे परियोजनाओं की निर्माण लागत सड़क मार्ग की तुलना में अधिक किफायती होती है।
परिवहन का त्वरित माध्यम
पहाड़ी इलाकों में एक सीधी रेखा में रोपवे का निर्माण होने में एक लाभ है, इस प्रकार दूरी तय करने में न्यूनतम समय लगता है।
पर्यावरण के अनुकूल
रोपवे के माध्यम से परिवहन में कम धूल उत्सर्जन शामिल है। सामग्री के कंटेनरों को डिजाइन किया जा सकता है ताकि पर्यावरण की किसी भी गंदगी को दूर किया जा सके।
अंतिम मील कनेक्टिविटी
3S (एक प्रकार की केबल कार प्रणाली जिसमें तीन केबल हैं – दो सहायता (सपोर्ट) के लिए तथा एक प्रणोदन के लिए) अथवा समकक्ष तकनीकों को अपनाने वाली रोपवे परियोजनाएं प्रति घंटे 6000-8000 यात्रियों को परिवहन कर सकती हैं।
रज्जुमार्ग अवसंरचना (रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर) के लाभ
भारत में रोपवे के महत्वपूर्ण लाभों की चर्चा नीचे की गई है-
दुर्गम / चुनौतीपूर्ण / संवेदनशील इलाके के लिए आदर्श
परिवहन का यह तरीका दुर्गम क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को गतिशीलता प्रदान करेगा एवं उन्हें मुख्यधारा का हिस्सा बनने में सहायता करेगा।
अर्थव्यवस्था के लिए आदर्श
रोपवे में एक ही ऊर्जा संयंत्र (पावर-प्लांट) एवं संचालन प्रणाली (ड्राइव मैकेनिज्म) द्वारा संचालित अनेक कारें हैं। यह निर्माण तथा रखरखाव लागत दोनों को कम करता है। संपूर्ण रोपवे के लिए एकल संचालक (ऑपरेटर) का उपयोग श्रम लागत के मामले में एक अतिरिक्त बचत है।
लोचशील
एक रोपवे विभिन्न प्रकार की सामग्री के एक साथ परिवहन की अनुमति प्रदान करता है। पर्वतमाला योजना स्थायी एवं मजबूत रोपवे अवसंरचना विकसित करके इस उपलब्धि को हासिल करने में सहायता करेगी।
बृहद ढलानों के प्रबंधन की क्षमता
रोपवे तथा केबलवे (केबल क्रेन) बड़े ढलान एवं ऊंचाई में बड़े अंतर को संभाल सकते हैं। जहां एक सड़क या रेलमार्ग को स्विच बैक अथवा सुरंगों की आवश्यकता होती है, एक रोपवे सीधे ऊपर एवं नीचे प्रपात पंक्ति (गिरने वाली रेखा) से यात्रा करता है।
कम फुटप्रिंट
तथ्य यह है कि अंतराल पर केवल संकीर्ण-आधारित लंबवत सहायता की आवश्यकता होती है, शेष भूमि को खाली छोड़कर, निर्मित क्षेत्रों में तथा उन स्थानों पर रोपवे का निर्माण करना संभव बनाता है जहां भूमि उपयोग के लिए तीव्र प्रतिस्पर्धा होती है।
पर्वतमाला परियोजना के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. पर्वतमाला परियोजना क्या है?
उत्तर. यह एक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम है जिसे केंद्रीय बजट 2022 में प्रस्तावित किया गया था। पर्वतमाला परियोजना का उद्देश्य सार्वजनिक निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप/पीपीपी) मॉडल के माध्यम से भारत में रोपवे संबंधी आधारिक अवसंरचना का निर्माण करना है।
प्र. पर्वतमाला परियोजना के कार्यान्वयन के लिए कौन सा मंत्रालय जिम्मेदार है?
उत्तर. पर्वतमाला योजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।