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जिलों के लिए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स

जिलों के लिए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास तथा प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

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प्रदर्शन श्रेणीयन सूचकांक: संदर्भ

  • हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए जिलों के लिए प्रदर्शन श्रेणीयन सूचकांक (PGI-D) पर प्रथम रिपोर्ट जारी की है।

 

पीजीआई-डी: प्रमुख बिंदु

  • सूचकांक व्यापक विश्लेषण के लिए एक सूचकांक निर्मित कर जिला स्तर पर विद्यालयी शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
  • राज्य पीजीआई की सफलता के आधार पर, जिले के लिए 83-संकेतक आधारित पीजीआई (पीजीआई-डी) को विद्यालयी शिक्षा में सभी जिलों के प्रदर्शन को श्रेणीकृत (ग्रेड) करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
  • अपेक्षा है कि पीजीआई-डी से राज्य के शिक्षा विभागों को जिला स्तर पर कमियों की पहचान करने  एवं विकेन्द्रीकृत रीति से उनके प्रदर्शन में सुधार करने में सहायता प्राप्त होगी।
  • संकेतक-वार पीजीआई प्राप्तांक (स्कोर) उन क्षेत्रों को प्रदर्शित करता है जहां एक जिले को सुधार की  आवश्यकता है
  • पीजीआई-डी समस्त जिलों के सापेक्ष प्रदर्शन को एक समान पैमाने पर प्रदर्शित करेगा जो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने हेतु प्रोत्साहित करता है।
  • पीजीआई-डी 2020-21 वर्तमान में संकलन के अधीन है। पीजीआई-डी 2018-19 एवं 2019-20 विद्यालयी शिक्षा की प्रगति की अंतर-राज्य तुलना में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

 

जिलों के लिए प्रदर्शन श्रेणीयन सूचकांक के बारे में

  • पीजीआई-डी संरचना में 83 संकेतकों में 600 अंको का कुल भार सम्मिलित है।
  • इन संकेतकों को 6 श्रेणियों, परिणाम, प्रभावी कक्षा कार्य संपादन, बुनियादी सुविधाओं एवं छात्रों के अधिकार, विद्यालय की सुरक्षा तथा बाल संरक्षण, डिजिटल शिक्षा एवं शासन प्रक्रिया के तहत समूहीकृत किया गया है।
  • इन श्रेणियों को आगे 12 डोमेन में विभाजित किया गया है।

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पीजीआई-डी संकेतक

  • पीजीआई-डी जिलों को दस श्रेणियों (ग्रेड) में श्रेणीकृत करता है, उच्चतम प्राप्त करने योग्य ग्रेड दक्ष है, जो उस श्रेणी या समग्र में कुल अंकों के 90% से अधिक स्कोर करने वाले जिलों के लिए है।
  • पीजीआई-डी में सर्वाधिक निम्नतम श्रेणी को आकांक्षी –3 कहा जाता है जो कुल अंकों के 10% तक के स्कोर के लिए होता है।
  • पीजीआई-डी का अंतिम उद्देश्य जिलों को विद्यालयी शिक्षा में अंतःक्षेप के लिए क्षेत्रों को प्राथमिकता देने में सहायता प्रदान करना है एवं इस प्रकार उच्चतम ग्रेड तक पहुंचने में सुधार करना है।

 

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