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प्रासंगिकता
- जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रसंग
- हाल ही में, 10,683 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
मुख्य बिंदु
- वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना केंद्रीय बजट 2021-22 के दौरान 97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की समग्र घोषणा का भाग है।
- 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा के साथ, भारत में 5 वर्षों में न्यूनतम उत्पादन लगभग 5 लाख करोड़ रुपयेएवं 5 वर्षों में न्यूनतम अपेक्षित रोजगार अनुमानित 1 करोड़ होने की संभावना है।
उद्देश्य
- वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना देश में उच्च मूल्य वाले एमएमएफ (मानव निर्मित रेशा / फाइबर) फैब्रिक, पोशाक एवं तकनीकी वस्त्रों के उत्पादन को बढ़ावा देगी।
- प्रोत्साहन संरचना इस प्रकार तैयार की गई है कि उद्योग को इन क्षेत्रों में नवीन क्षमताओं में निवेश करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
- यह वृद्धिमान उच्च मूल्य वाले एमएमएफ खंड को एक व्यापक प्रेरण प्रदान करेगा जो रोजगार एवं व्यापार के नए अवसर सृजित करने में कपास एवं अन्य प्राकृतिक रेशा (फाइबर)-आधारित वस्त्र उद्योग के प्रयासों का पूरक होगा, जिसके परिणामस्वरूप भारत को वैश्विक वस्त्र व्यापार में अपनी ऐतिहासिक प्रमुख स्थिति प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- तकनीकी वस्त्र खंड एक नए युग का कपड़ा है, जिसका बुनियादी ढांचे, जल, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, रक्षा, सुरक्षा, ऑटोमोबाइल, विमानन आदि सहित अर्थव्यवस्था के अनेक क्षेत्रों में अनुप्रयोग अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करेगा।
- सरकार ने उस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु अतीत में एक राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन भी प्रारंभ किया है। पीएलआई इस फंड में निवेश आकर्षित करने में और सहायता करेगा।
लाभ
- यह अनुमान है कि पांच वर्षों की अवधि में, वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना से 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा।
- यह इस क्षेत्र में 5 लाख से अधिक रोजगार एवं सहायक गतिविधियों हेतु लाखों रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित करेगा।
- वस्त्र उद्योग मुख्य रूप से महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है; अतः, यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाएगा एवं औपचारिक अर्थव्यवस्था में उनकी सहभागिता में वृद्धि करेगा।
आगे की राह
- आरओएससीटीएल (राज्य एवं केंद्रीय करों तथा प्रशुल्कों से छूट), आरओडीटीईपी एवं क्षेत्रक में सरकार के अन्य उपायों के साथ वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कच्चा माल उपलब्ध कराना, कौशल विकास आदि वस्त्र निर्माण में एक नए युग का आरंभ करेगा।