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सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ पर उत्पादन सहलग्न प्रोत्साहन योजना (किश्त II) के कार्यान्वयन के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
- ‘उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ पर पीएलआई योजना को लागू करने का प्रस्ताव नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अग्रसारित किया गया था।
‘उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम‘ पर पीएलआई योजना
- उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारे में: उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
- संबद्ध मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समग्र मार्गदर्शन तथा पर्यवेक्षण के अंतर्गत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम लागू किया जा रहा है।
- वित्त पोषण: इसके तहत, सरकार ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल में गीगा वाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए 19,500 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रदान किया है।
- चयन प्रक्रिया एवं कालावधि: सौर पीवी निर्माताओं का चयन पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
- पीएलआई का वितरण 5 वर्ष के लिए सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों के चालू होने के बाद घरेलू बाजार से उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के विक्रय पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
- महत्व: उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत पहल को सुदृढ़ करेगा तथा रोजगार सृजन करेगा।
- उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में देश की आयात निर्भरता को कम करने में सहायता करेगा।
पीएलआई योजना के संबद्ध लाभ/परिणाम
इस योजना से अपेक्षित परिणाम/लाभ इस प्रकार हैं:
- यह अनुमान है कि पूर्ण एवं आंशिक रूप से एकीकृत लगभग 65,000 मेगावाट प्रति वर्ष, सौर पीवी मॉड्यूल की विनिर्माण क्षमता स्थापित की जाएगी।
- इस योजना से लगभग 94,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश आएगा।
- ईवीए, सोलर ग्लास, बैकशीट इत्यादि सामग्री के संतुलन के लिए निर्माण क्षमता का निर्माण।
- लगभग 1,95,000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा लगभग 7,80,000 व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा।
- लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये का आयात प्रतिस्थापन।
- सौर पीवी मॉड्यूल में उच्च दक्षता प्राप्त करने के लिए अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन।