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प्रधानमंत्री कार्य योजना: प्रासंगिकता
- जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप एवं उनकी अभिकल्पना तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रधानमंत्री कार्य योजना: संदर्भ
- केंद्र सरकार ने हमारे देश में विकासात्मक मुद्दों की एक श्रृंखला को आच्छादित करते हुए एक व्यापक 60-सूत्री कार्य योजना तैयार की है।
प्रधानमंत्री कार्य योजना: प्रमुख बिंदु
- कुछ दिन पूर्व हमारे प्रधानमंत्री ने 60 सूत्री कार्य योजना तैयार करने के लिए सभी विभागों एवं मंत्रालयों के सचिवों के साथ मैराथन बैठक की थी।
- 60 सूत्री कार्य योजना मोटे तौर पर तीन श्रेणियों के अंतर्गत आती है
- शासन के लिए आईटी एवं प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना,
- कारोबारी माहौल में सुधार, एवं
- सिविल सेवाओं का उन्नयन।
कारोबारी माहौल में सुधार के लिए कार्य योजना
- कुछ अनुमतियों को पूर्ण रूप से हटा देना,
- 10 क्षेत्रों में व्यवसाय प्रारंभ करने की लागत को कम करना एवं इसे वियतनाम तथा इंडोनेशिया के बराबर लाना,
- स्वीकृतियों की स्वत: अधिसूचना सुनिश्चित करें,
- सभी सरकारी सेवाओं के लिए एकल-बिंदु अभिगम प्रदान करना,
- समय पर भूमि अधिग्रहण एवं वन मंजूरी के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देना,
- भारत में नए पर्यावरण कानून: एक एकल पर्यावरण अधिनियम विकसित करना जो इस क्षेत्र में विभिन्न कानूनों को समाहित करता हो,
- उभरते क्षेत्रों के लिए स्टार्ट-अप एवं कौशल कार्यक्रमों के लिए परामर्शदाता मंच।
शासन के लिए आईटी का उपयोग करने के लिए कार्य योजना
- छात्रवृत्ति के वितरण को धारारेखित बनाना,
- स्वदेशी टैबलेट एवं लैपटॉप विकसित करके वंचित छात्रों के लिए डिजिटल डिवाइड को पाटना एवं
- भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण।
- कैबिनेट सचिव ने सचिवों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि भारत सरकार की सभी योजनाओं/कार्यक्रमों के अंतर्गत एक डिजिटल घटक होना चाहिए।
- नागरिकता हेतु जन्म प्रमाण पत्र: जन्म प्रमाण पत्र को नागरिकता के साथ जोड़ा जाएगा।
प्रशासनिक मोर्चे पर कार्य योजना
- क्षमता निर्माण – केंद्र एवं राज्यों दोनों में आधारिक अवसंरचना के विभिन्न पहलुओं पर अधिकारियों का प्रशिक्षण,
- उच्च सिविल सेवाओं के लिए नवीनतम तकनीकों में विशेषज्ञता एवं अनुभव,
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के समान मंत्रालयों एवं विभागों के लिए प्रदर्शन-आधारित कार्य, स्पष्ट एवं विशिष्ट लक्ष्य,
- सीमित क्षमता वाले राज्यों के मुद्दों को हल करने हेतु संस्थागत तंत्र, एवं
- प्रत्येक 10 वर्ष में सरकारी प्रक्रिया री-इंजीनियरिंग के माध्यम से विभागों का पुनर्गठन।
प्रधानमंत्री कार्य योजना: राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन
- इसे राज्यों या नगर निकायों द्वारा प्रारंभ की गई सभी उचित पहलों के कोष के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उदाहरण के लिए
- खेल विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा मॉडल अपनाने के लिए कहा गया है।
- प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआर एंड पीजी) को सभी सरकारी परिपत्रों (सर्कुलर) जैसे भारतीय रिजर्व बैंक के मास्टर सर्कुलर को व्यवस्थित करने के लिए कहा गया है।
प्रधानमंत्री कार्य योजना:संस्थानों के लिए लक्ष्य
- नीति आयोग को पांच वर्ष के भीतर निर्धनता उन्मूलन का लक्ष्य रखने को कहा गया है।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को मलिन बस्तियों के निर्माण को रोकने के लिए निर्माण में लगे सेवा- कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाओं की योजना निर्मित करने के लिए कहा गया है। - प्रधानमंत्री कार्य योजना विभिन्न मंत्रालयों की लाभार्थी उन्मुख योजनाओं को एक साथ लाने के लिए आधार का उपयोग करने की सिफारिश करती है।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा एक ‘फैमिली डेटाबेस डिजाइन‘ विकसित किया गया है जिसे आधार की भांति प्रोत्साहित किया जा सकता है।
- कैबिनेट सचिव के मार्गदर्शन में ‘पड़ोसी प्रथम‘ नीति पर कार्यबल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया।