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प्रधानमंत्री का 76 वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे .
प्रधानमंत्री का 76 वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया।
- राष्ट्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत की लड़ाई “निर्णायक अवधि” में प्रवेश कर रही है क्योंकि उन्होंने देश के समक्ष भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद की दो बड़ी चुनौतियों को सूचीबद्ध किया।
प्रधानमंत्री का 76वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन- प्रमुख विवरण
- अमृत कल के लिए पांच संकल्प: पीएम मोदी ने आगामी 25 वर्षों के लिए देश के लिए पांच प्रस्तावों की भी घोषणा की, जिन्हें उन्होंने अमृत काल बताया। अगले 25 वर्षों के लिए उन्होंने जिन पाँच संकल्पों या पंचप्राणों की घोषणा की, जो निम्नलिखित हैं-
- पहला: बड़ा संकल्प;
- दूसरा: गुलाम मानसिकता का परित्याग करना;
- तीसरा: हमें अपनी विरासत पर गर्व का अनुभव करना होगा;
- चौथा: एकता तथा एकजुटता; तथा
- पांचवां: नागरिकों का कर्तव्य।
- भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई: उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है एवं हमें इससे लड़ना होगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध देश की लड़ाई “निर्णायक अवधि [निर्णायक कालखंड]” में प्रवेश कर रही है।
- उन्होंने यह भी कहा कि देश को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।
- जय जवान, जय किसान, जय अनुसंधान: उन्होंने नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया एवं जय जवान, जय किसान के नारे में एक नया वाक्यांश-जय अनुसंधान जोड़ा।
- यह तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह द्वारा प्रतिपादित किया गया था एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा जय जवान, जय किसान तथा जय विज्ञान तक विस्तारित किया गया था।
- अब जय अनुसंधान के जुड़ने के बाद इसे “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” के नाम से जाना जाने लगा है।
- भाई-भतीजावाद मुक्त राष्ट्र का आह्वान: प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता की 76 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, भारत के प्रत्येक संस्थान से , न कि मात्र राजनीति से भाई-भतीजावाद को समाप्त करने पर बल दिया।
- उन्होंने कहा कि भाई-भतीजावाद ने देश के अनेक संस्थानों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है एवं इससे देश की प्रतिभा तथा क्षमता को आहत करती है तथा यह राष्ट्रों में भ्रष्टाचार के कारणों में से एक है।
- राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि करना: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लोगों से महिलाओं का सम्मान करने का संकल्प लेने का भी आग्रह किया एवं आगामी 25 वर्षों के दौरान देश की प्रगति में अपने योगदान में वृद्धि करने का आह्वान किया।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2022- पृष्ठभूमि
- ब्रिटिश शासन: अंग्रेजों ने 1619 में व्यापारिक उद्देश्यों के लिए सूरत एवं गुजरात में प्रवेश किया।
- 1757 में प्लासी के युद्ध में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी की विजय के पश्चात, अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार कर लिया।
- भारत पर ब्रिटिश आधिपत्य: प्लासी के युद्ध में उनकी विजय के पश्चात 1757 से प्रारंभ होकर लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों का भारत पर आधिपत्य स्थापित रहा, जिसे बक्सर के युद्ध के पश्चात और मजबूत किया गया।
- स्वतंत्रता संग्राम: भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने हेतु, अनेक भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी तथा अन्य ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया।
- भारत की स्वतंत्रता: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान प्रारंभ हुआ एवं इसका नेतृत्व मोहनदास करमचंद गांधी ने किया।
- 15 अगस्त 1947 को लगभग 200 साल के ब्रिटिश शासन को समाप्त करते हुए भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
- भारत के प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस संबोधन: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त, 1947 को दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
- यह एक परंपरा है जिसका अनुसरण वर्तमान प्रधान मंत्री द्वारा किया जाता है, इसके बाद देश के लिए एक संबोधन होता है।