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प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र तथा महत्व, अवस्थिति, ऊर्ध्व प्रवाह एवं अधोप्रवाह आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
पीएम किसान संपदा योजना: संदर्भ
- हाल ही में, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) को मार्च 2026 तक विस्तारित कर दिया है।
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना
पीएम किसान संपदा योजना: प्रमुख बिंदु
- मंत्रालय ने कहा कि 4,600 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ पीएमकेएसवाई को 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए विस्तारित कर दिया गया है।
- पीएमकेएसवाई एक व्यापक पैकेज है जो खेतों से खुदरा व्यापार केंद्र (रिटेल आउटलेट) तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा।
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पीएमकेएसवाई के बारे में
- संपदा (कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण समूहों के विकास के लिए योजना/ स्कीम फॉर एग्रो मरीन प्रोसेसिंग एंड डेवलपमेंट ऑफ ऑल एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स) नामक एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मई 2017 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 14वें वित्त आयोग चक्र के साथ-साथ 2016-20 की अवधि हेतु अनुमोदित किया गया था।
- पीएमकेएसवाई के लिए वित्तीय आवंटन 6,000 करोड़ रुपए था।
- अगस्त 2017 में इस योजना का नाम बदलकर पीएमकेएसवाई कर दिया गया।
- पीएमकेएसवाई का उद्देश्य: पीएमकेएसवाई का उद्देश्य कृषि के पूरक के रूप में कार्य करना, प्रसंस्करण का आधुनिकीकरण करना तथा कृषि-अपशिष्ट को कम करना है।
खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन- ऑयल पाम बिजनेस समिट
पीएमकेएसवाई उप योजनाएं
मेगा फूड पार्क
- मेगा फूड पार्क की योजना का उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं तथा खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने हेतु एक तंत्र प्रदान करना है।
- मेगा फूड पार्क का उद्देश्य मूल्यवर्धन को अधिकतम करना, अपव्यय को कम करना, किसानों की आय में वृद्धि करना एवं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करना है।
- वर्तमान समय तक, भारत में 22 मेगा फूड पार्क संचालन में हैं।
एकीकृत प्रशीतन श्रृंखला, मूल्य वर्धन तथा परिरक्षण अवसंरचना
- प्रशीतन श्रृंखला (कोल्ड चेन), मूल्य वर्धन (वैल्यू एडिशन) तथा परिरक्षण अवसंरचना की योजना का उद्देश्य उपभोक्ता को फार्म गेट से बिना किसी अवरोध के एकीकृत कोल्ड चेन तथा परिरक्षण बुनियादी ढांचा सुविधाएं प्रदान करना है।
- यह योजना 2008 से क्रियान्वित की जा रही है।
भारत का कृषि निर्यात- कृषि निर्यात करंड में परिवर्तन
खाद्य प्रसंस्करण/परिरक्षण क्षमताओं का सृजन/विस्तार
- योजना का कामुक उद्देश्य प्रसंस्करण के स्तर में वृद्धि करने हेतु प्रसंस्करण तथा परिरक्षण क्षमताओं का निर्माण एवं वर्तमान खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण / विस्तार करना है, जिससे अपव्यय में कमी आएगी।
कृषि प्रसंस्करण समूहों के लिए बुनियादी ढांचा
- इस योजना का उद्देश्य आधुनिक आधारिक संरचना तथा सामान्य सुविधाओं का विकास करना है ताकि उद्यमियों के समूहों को संकुल दृष्टिकोण के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए उत्पादकों/किसानों के समूहों को प्रसंस्करण समूहों तथा बाजारों से जोड़कर आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ एक अच्छी तरह से सुसज्जित आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सके।
बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज निर्माण की योजना
- इस योजना का उद्देश्य कच्चे माल की उपलब्धता एवं बाजार के साथ जुड़ाव के मामले में आपूर्ति श्रृंखला में अंतराल को पाटकर प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए प्रभावी तथा निर्बाध पश्चगामी एवं अग्रगामी (बैकवर्ड एंड फॉरवर्ड) एकीकरण प्रदान करना है।
- इस योजना के तहत, रोधित/प्रशीतित (इंसुलेटेड/रेफ्रिजरेटेड) परिवहन व्यवस्था के माध्यम से कनेक्टिविटी के साथ-साथ फार्म गेट पर प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र/संग्रह केंद्र तथा अग्रांत (फ्रंट एंड) पर आधुनिक खुदरा विक्रय केंद्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- यह योजना 2018 से क्रियान्वित की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना
- देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए, सरकार समग्र गुणवत्ता प्रबंधन (टीक्यूएम) के विभिन्न पहलुओं जैसे गुणवत्ता नियंत्रण, गुणवत्ता प्रणाली तथा गुणवत्ता आश्वासन को क्षैतिज रूप से संचालित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
मानव संसाधन एवं संस्थान
- यूपीएससी के लिए कोई विशेष बिंदु महत्वपूर्ण नहीं
कृषि प्रसंस्करण संकुल
- इस योजना का उद्देश्य आधुनिक बुनियादी ढांचे एवं सामान्य सुविधाओं का विकास करना है ताकि उद्यमियों के समूहों को क्लस्टर दृष्टिकोण के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हेतु उत्पादकों/किसानों के समूहों को प्रसंस्करण समूहों तथा बाजारों से संबद्ध कर आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ एक अच्छी तरह से सुसज्जित आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सके।
ऑपरेशन ग्रीन्स
- 2018-19 के बजट भाषण में, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि-सम्भारिकी, प्रसंस्करण सुविधाओं तथा व्यावसायिक प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ “ऑपरेशन फ्लड” की तर्ज पर एक नवीन योजना “ऑपरेशन ग्रीन्स” की घोषणा की गई थी।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान के एक भाग के रूप में प्रायोगिक आधार पर छह माह की अवधि के लिए सभी फलों एवं सब्जियों (टोटल) को सम्मिलित करने हेतु योजना को जून 2020 के दौरान विस्तारित किया गया था।
पीएमकेएसवाई के लाभ
- पीएमकेएसवाई के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप खेतों से खुदरा विक्रय केंद्रों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा।
- यह देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को एक बड़ा अभिवर्धन प्रदान करेगा।
- यह किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने में सहायता करेगा एवं किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
- यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के व्यापक अवसर सृजित करेगा।
- यह कृषि उत्पादों के अपव्यय को कम करने, प्रसंस्करण स्तर में वृद्धि करने, उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर सुरक्षित एवं सुविधाजनक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की उपलब्धता तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने में भी सहायता करेगा।