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पीएम स्वनिधि योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।
समाचारों में पीएम स्वनिधि योजना
- हाल ही में, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने मार्च 2022 से दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के तहत ऋण प्रदान किए जाने को जारी रखने की स्वीकृति प्रदान की है।
- पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार संपार्श्विक-मुक्त किफायती ऋण कोष, डिजिटल लेनदेन को अपनाने तथा स्ट्रीट वेंडर्स एवं उनके परिवारों के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान देने के साथ किया गया है।
पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार
- आवश्यकता: पीएम स्वनिधि योजना के प्रस्तावित विस्तार की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि कोविड-19 महामारी एवं छोटे व्यवसायों पर संबंधित तनाव को पूर्ण रूप से वापस नहीं लिया गया है।
- वर्धित निधि आवंटन: पीएम स्वनिधि योजना के विस्तार ने ऋण राशि को वर्तमान 5000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8,100 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे स्ट्रीट वेंडर्स को अपने व्यवसाय का और विस्तार करने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु कार्यशील पूंजी प्रदान की जा रही है।
- निर्धनों को अपेक्षित लाभ: पीएम स्वनिधि योजना के विस्तार से शहरी भारत के लगभग 1.2 करोड़ नागरिकों को लाभ प्राप्त होने की संभावना है। दिसंबर 2024 तक उधार का विस्तार, करेगा-
- औपचारिक क्रेडिट चैनलों तक पहुंच को संस्थागत बनाने में सहायता करेगा,
- उन्हें अपने व्यवसाय के विस्तार की योजना निर्मित करने हेतु सहायता प्रदान करने में ऋण का एक सुनिश्चित स्रोत प्रदान करेगा,
- डिजिटल लेनदेन को अपनाने में वृद्धि,
- उधार देने वाली संस्थाओं पर संभावित एनपीए के प्रभाव को कम करेगा एवं
- स्ट्रीट वेंडर्स एवं उनके परिवारों के लिए समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान प्रदान करेगा।
पीएम स्वनिधि योजना: स्ट्रीट वेंडर्स के लिए माइक्रो क्रेडिट स्कीम
- पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मानिर्भर निधि (पीएम स्वानिधि) योजना के बारे में: पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना स्ट्रीट वेंडर्स को किफायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना है।
- मूल मंत्रालय: आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पीएम स्वनिधि योजना लागू की जा रही है। शहरी स्थानीय निकाय योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- लाभार्थी: विभिन्न क्षेत्रों/संदर्भों में विक्रेताओं, फेरीवालों, ठेलेवालों, रेहड़ीवालों,, थेलीफड़वाला इत्यादि सहित 50 लाख से अधिक लोगों को पीएम स्वनिधि योजना से लाभान्वित होने की संभावना है।
- उनके द्वारा आपूर्ति की गई वस्तुओं में सब्जियां, फल, खाने के लिए तैयार स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते, कारीगर उत्पाद, किताबें / स्टेशनरी इत्यादि सम्मिलित हैं।
- सेवाओं में नाई की दुकान, मोची, पान की दुकानें, कपड़े धोने की सेवाएं इत्यादि सम्मिलित हैं।
- कार्यान्वयन: पीएम स्वनिधि योजना के कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। आवेदन प्रक्रिया पूर्ण रूप से ऑनलाइन है।
- स्ट्रीट वेंडर सीधे पीएम स्वनिधि पोर्टल के माध्यम से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन नगर निगम कार्यालयों तथा सामान्य सेवा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर्स/सीएससी) में भी जमा किया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त, एसवी पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप के माध्यम से आवेदन करने के लिए नगरपालिका पदाधिकारियों या ऋण संस्थानों के प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकते हैं।
- पूंजी प्रदान करना (ऋण सुविधा): रेहड़ी-पटरी विक्रेता10,000 रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं, जो एक वर्ष के भीतर मासिक किश्तों में प्रतिदेय (चुकाने योग्य) है।
- यह ऋण संपार्श्विक-मुक्त होगा एवं ऋण की शीघ्र पुनर्दायगी पर कोई दंड नहीं लगेगा।