Table of Contents
पोस्टमार्टम प्रक्रिया हेतु नया प्रोटोकॉल: प्रासंगिकता
- जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
पोस्टमार्टम प्रक्रिया हेतु नया प्रोटोकॉल: प्रसंग
- हाल ही में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अंत्य-परीक्षण (पोस्टमार्टम) प्रक्रिया के लिए नए प्रोटोकॉल को अधिसूचित किया है।
पोस्टमार्टम प्रक्रिया हेतु नया प्रोटोकॉल: मुख्य बिंदु
- सरकारी प्रक्रियाओं के अनुपालन के कारण आरोपित भार को कम करके जीवन की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सूर्यास्त के बाद की जाने वाली प्रक्रिया की अनुमति प्रदान करने हेतु अंत्य परीक्षण प्रोटोकॉल में बदलाव किए गए हैं।
- मृतक के मित्रों एवं संबंधियों के अतिरिक्त, यह नई प्रक्रिया अंग दान एवं प्रत्यारोपण को भी प्रोत्साहन प्रदान करती है क्योंकि प्रक्रिया के पश्चात निर्धारित समय में अंगों की सस्यन (कटाई) की जा सकती है।
- प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति एवं सुधार को देखते हुए, विशेष रूप से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था एवं पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, अस्पतालों में रात के समय अंत्य परीक्षण (पोस्टमार्टम) करना अब संभव है।
- प्रोटोकॉल में कहा गया है कि अंगदान के लिए पोस्टमार्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए एवं सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए जिनके पास नियमित आधार पर इस तरह के पोस्टमॉर्टम करने के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।
- संस्थान द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि किसी भी संदेह को दूर करने एवं कानूनी उद्देश्यों के लिए भविष्य के संदर्भ के लिए संरक्षित करने हेतु रात में किए गए सभी पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
- यद्यपि, हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शरीर, संदिग्ध बड़ी गड़बड़ी जैसी श्रेणियों के तहत रात के समय पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हुई हो।
भारत में आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्या रिपोर्ट: एनसीआरबी
अंत्य परीक्षण (पोस्टमार्टम) परीक्षा क्या है?
- इस लैटिन वाक्यांश का शाब्दिक अर्थ ‘मृत्यु उपरांत’ होता है। पोस्टमार्टम परीक्षा मृत्यु के उपरांत शरीर पर की जाने वाली एक चिकित्सा परीक्षा है। इसे शव परीक्षण भी कहा जाता है (जिसका अर्थ है ‘स्वयं को देखना’)।
भारत में सड़क दुर्घटनाएं – एनसीआरबी रिपोर्ट 2020
पोस्टमार्टम परीक्षा आयोजित करने के क्या उद्देश्य हैं?
- अनेक चीजें जो एक शव परीक्षण से निर्धारित की जा सकती हैं, वे हैं:
- मृतक की पहचान स्थापित करना।
- मृत्यु का कारण स्थापित करना।
- मृत्यु की प्रक्रिया का निर्धारण करना।
- मृत्यु के तरीके की पुष्टि करना।
- चिकित्सीय इतिहास की पुष्टि करना।
- जटिल चिकित्सा कारकों को पृथक करना।
- लोक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रोगों अथवा कारकों को समाप्त करना।
- यदि आवश्यक हो, तो आघात (घावों) की पर्याप्त फोटोग्राफी की सुविधा प्रदान करना।
- घाव एवं घाव उत्पन्न करने वाली वस्तु का आपस में संबंध स्थापित करना।
- गृहीत घावों एवं मृत्यु के मध्य का समय अंतराल निर्धारित करना।
- घटनाओं का क्रम स्थापित करना।
- मृत्यु के तरीके में शामिल एक वस्तु का पता लगाना, जैसे कि गोली।
- बाल, दाग, एवं वीर्य द्रव जैसे अवशेष (ट्रेस) साक्ष्य प्राप्त करना एवं उनकी जांच करना।
- विष विज्ञान के लिए नमूने प्राप्त करना।
- उन स्थितियों में मृत्यु का क्रम स्थापित करना जहां परिवार के एक से अधिक सदस्य मारे गए हों।
- भविष्य में किसी भी ऐसे प्रश्न का उत्तर देने के लिए जो शव परीक्षण के समय अज्ञात है, सभी चोटों का दस्तावेजीकरण करना।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) – भारत में अपराध 2020 रिपोर्ट