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प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), पीएमएफबीवाई योजना से बाहर होने वाले राज्य

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): इस योजना में भाग लेने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किसानों को बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- देश में विभिन्न क्षेत्रों के प्रचार एवं विकास के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं तथा पहल) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

पीएमएफबीवाई योजना में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों की भागीदारी

मंत्री ने बताया कि बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं गुजरात जैसे कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने कुछ मौसमों के लिए इसे लागू करने के बाद पीएम फसल बीमा योजना से बाहर होने का विकल्प चुना है।

  • जोखिम एवं वित्तीय बाधाओं के बारे में धारणा जैसे अपने स्वयं के कारणों से उन्होंने फसल बीमा योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुना।
  • आंध्र प्रदेश खरीफ 2022 सीज़न से इस योजना में फिर से शामिल हो गया है एवं पंजाब ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के प्रयासों के कारण ऐसा करने की बजट घोषणा की है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की प्रकृति

सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का विकल्प चुन सकते हैं। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) सभी भाग लेने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए प्रकृति में स्वैच्छिक है।

  • जोखिम धारणा एवं वित्तीय विचारों आदि के बारे में उनके विचार के आधार पर, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना योजना के तहत सदस्यता ग्रहण करने हेतु स्वतंत्र हैं।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है। वे अपनी जोखिम धारणा के अनुसार स्वयं को नामांकित कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) कार्यान्वयन

पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना को भारत में खरीफ 2016 ऋतु से प्रारंभ किया गया था। अब तक, 27 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एक या अधिक मौसमों में पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना लागू की है। पीएमएफबीवाई योजना के तहत कवरेज (इसे लागू करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में) 2016-17 में योजना के प्रारंभ के पश्चात से सकल फसल क्षेत्र (ग्रॉस क्रॉप्ड एरिया/जीसीए) का लगभग 30% रहा है।  विगत तीन वर्षों के दौरान नामांकित किसान आवेदनों और बीमित क्षेत्र के संदर्भ में पीएमएफबीवाई कवरेज का वर्षवार विवरण नीचे दिया गया है-

क्रम संख्या  वर्ष किसानों द्वारा प्राप्त आवेदन

(लाख में)

बीमित क्षेत्र (लाख हेक्टेयर में)
1. 2019-2020 616.16 508.4
2. 2020-2021 623.19 495.4
3. 2021-2022 831.76 459.0

प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का विवरण

पीएमएफबीवाई प्राकृतिक आपदाओं, कीटों तथा रोगों के परिणामस्वरूप किसी भी अधिसूचित फसल के विफल होने की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु एक केंद्र प्रायोजित योजना है।

  • पृष्ठभूमि: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 2016 में दो योजनाओं, राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (नेशनल एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस स्कीम/NAIS) एवं साथ ही संशोधित NAIS को बदलकर प्रारंभ किया गया था।
  • पीएमएफबीवाई प्रीमियम: प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना योजना में सभी खरीफ फसलों के लिए किसानों द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम एक समान केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 5% है।
    • वार्षिक वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के मामले में, किसानों द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम केवल 5% होगा।
    • शेष प्रीमियम केंद्र एवं राज्य के बीच समान रूप से विभाजित होता है।
    • सरकारी अनुदान की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • विवाद समाधान: बीमा कंपनियों एवं राज्यों सहित अन्य हितधारकों के मध्य तकनीकी विवादों को हल करने के लिए निम्नलिखित समितियों का गठन किया गया है-
    • केंद्र स्तर पर: केंद्र स्तर पर तकनीकी सलाहकार समिति (टेक्निकल एडवाइजरी कमिटी/टीएसी) एवं
    • राज्य स्तर पर: राज्य स्तर पर राज्य तकनीकी सलाहकार समितियां (स्टेट टेक्निकल एडवाइजरी कमिटी/STAC)।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) कवरेज

पीएमएफबीवाई में सभी खाद्य फसलों (अनाज, बाजरा एवं दालें), तिलहन तथा वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के कवरेज की परिकल्पना की गई है।

  • यह फसल कटाई प्रयोगों (क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स/सीसीई) के साथ-साथ दावों की गणना करने के लिए फसल की उपज का आकलन करने के लिए आवश्यक संख्या में सीसीई आयोजित करने हेतु राज्य सरकार की क्षमता के आधार पर अपेक्षित संख्या के विगत उपज डेटा की उपलब्धता के अधीन है।
  • हालांकि, उपरोक्त प्रावधान को ध्यान में रखते हुए संबंधित राज्य सरकार द्वारा विशिष्ट फसल को अधिसूचित किया जाता है।
  • उपरोक्त शर्तों को पूरा नहीं करने वाली फसलों के लिए, संबंधित राज्य सरकार उन्हें पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (रिस्ट्रक्चर्ड वाटर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम/RWBCIS) के तहत कवरेज के लिए अधिसूचित करने के लिए स्वतंत्र है।
    • RWBCIS के तहत, दावों के भुगतान को मौसम सूचकांक मापदंडों के आधार पर संरचित किया जा रहा है।

प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. पीएमएफबीवाई योजना कब प्रारंभ की गई थी?

उत्तर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 2016 में दो योजनाओं, राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (नेशनल एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस स्कीम/NAIS) एवं साथ ही संशोधित NAIS को बदलकर प्रारंभ किया गया था।

  1. क्या पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में शामिल होना सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अनिवार्य है?

उत्तर. प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) सभी भाग लेने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए प्रकृति में स्वैच्छिक है। 

  1. हाल ही में किन राज्यों को पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत फिर से शामिल किया गया है?

उत्तर. आंध्र प्रदेश खरीफ 2022 सीजन से पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना में फिर से शामिल हो गया है तथा पंजाब ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के प्रयासों के कारण ऐसा करने की बजट घोषणा की है।

 

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FAQs

When was the PMFBY Scheme launched?

PMFBY was launched in 2016 by replacing two schemes namely, National Agricultural Insurance Scheme (NAIS) as well as the Modified NAIS.

Is joining in PM Fasal Bima Yojana (PMFBY) scheme mandatory for all states/UTs?

The PM Fasal Bima Yojana (PMFBY) is voluntary in nature for all the participating States/Union Territories (UTs).

Which states have recently re-joined under the PM Fasal Bima Yojana (PMFBY)?

Andhra Pradesh has re-joined the PM Fasal Bima Yojana (PMFBY) scheme from Kharif 2022 season and Punjab has made a budget announcement to do the same due to the efforts of Ministry of Agriculture & Farmers Welfare.