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PRAGeD मिशन: PRAGeD मिशन के बारे में
PRaGeD मिशन एक अंतःविषय दृष्टिकोण है, जिसे CDFD द्वारा आनुवंशिक उत्परिवर्तन को कूट वाचन (डिकोड) करने हेतु प्रारंभ किया गया है जो बाल चिकित्सा दुर्लभ आनुवंशिक विकार (पीडियाट्रिक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर्स/PRaGeD) का कारण बनता है।
PRAGeD मिशन: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
जीएस 2 (स्वास्थ्य)
- PRaGeD मिशन सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
PRAGeD मिशन: चर्चा में क्यों है?
- हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (CDFD) ने बाल चिकित्सा दुर्लभ आनुवंशिक विकार (पेडियाट्रिक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर्स/PRaGeD) का कारण बनने वाले आनुवंशिक उत्परिवर्तन को डिकोड करने के लिए एक अंतर-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण प्रारंभ किया है।
PRAGeD मिशन: PRAGeD मिशन क्या है?
- PRaGeD मिशन जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी/DBT) द्वारा वित्त पोषित एक अखिल भारतीय पहल है।
- PRAGeD मिशन प्रथम ‘मिशन ऑन पीडियाट्रिक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर (PraGeD) है, जो 20 अन्य संस्थानों के सहयोग से एक देशव्यापी स्क्रीनिंग कार्यक्रम है, जो इस तरह के रोगों के कारण अज्ञात आनुवंशिक उत्परिवर्तन को डिकोड करता है।
- सीडीएफडी चिकित्सा महाविद्यालयों (मेडिकल कॉलेजों) के बाल रोग विभागों के अलावा, डीबीटी के अपने नैदानिक केंद्रों (डायग्नोस्टिक सेंटरों) को अनुवांशिक विकार कार्यक्रम के प्रबंधन के विशिष्ट तरीकों (यूनिक मेथड्स ऑफ मैनेजमेंट ऑफ इनहेरिटेड डिसऑर्डर/यूएमएमआईडी) के तहत स्थापित करेगा तथा अन्य संस्थानों के साथ सहयोग करेगा।
- अतः, PRaGeD का दृष्टिकोण भारत में बाल चिकित्सा दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, आनुवंशिक निदान प्राप्त करना, नए जीन की खोज तथा चरित्र चित्रण करना, परामर्श प्रदान करना एवं नवीन चिकित्सा विकसित करना है।
PRAGeD मिशन: मिशन कितना चुनौतीपूर्ण है?
- मिशन “जटिल एवं चुनौतीपूर्ण” है क्योंकि यह गर्भावस्था के आरंभिक चरण में जीन उत्परिवर्तन के कारण दुर्लभ आनुवंशिक रोगों की पहचान करना चाहता है तथा अज्ञात विकारों को उजागर करने का प्रयास करता है।
- मिशन का उद्देश्य जागरूकता उत्पन्न करना, आनुवंशिक निदान प्राप्त करना, नए जीन की खोज तथा चरित्र चित्रण करना, परामर्श प्रदान करना एवं देश में बाल चिकित्सा दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के लिए नवीन उपचार विकसित करना है, जो मुख्य रूप से समुदाय के भीतर अंतर्विवाही विवाह के कारण होता है।
- पांच वर्ष की अवधि में इस कार्यक्रम के लिए परीक्षण हेतु लगभग 5,600 परिवारों की पहचान की जा चुकी है तथा एक बार बच्चों में आनुवंशिक उत्परिवर्तन का पता चलने के बाद, माता-पिता को परामर्श प्रदान किया जाएगा, जबकि वैज्ञानिक यह समझने के लिए पशुओं तथा कोशिका के नमूनों का अध्ययन करेंगे कि ये किस प्रकार घटित हुआ है।
PRaGeD मिशन: दुर्लभ आनुवंशिक रोग एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है
- दुर्लभ आनुवंशिक रोग एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है, जिसमें संपूर्ण विश्व में 35 करोड़ लोग प्रभावित हैं एवं जिसमें लगभग 70 मिलियन भारतीय हैं।
- देश में अनुमानित सात करोड़ व्यक्ति लगभग 7,000 पहचाने गए दुर्लभ आनुवंशिक विकारों से पीड़ित हैं एवं यह संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों को ठीक से कवर नहीं किया गया है। वे दक्षिण एशिया में आम हैं तथा उन्हें कम करके आंका जाता है।
- लगभग 95% दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के उपचार हेतु एक भी अनुमोदित दवा नहीं है, लगभग 30% बच्चे पीड़ित हैं एवं कई पाँच वर्ष की आयु तक जीवित नहीं रह सकते हैं।
PRAGeD मिशन: सीडीएफडी के बारे में जानें
- सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संगठन है।
- सीडीएफडी विशिष्ट सहयोगी परियोजनाओं पर अन्य एजेंसियों से भी धन प्राप्त करता है।
- इसके अतिरिक्त, केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तथा नैदानिक सेवाएं इसकी कुछ गतिविधियों का समर्थन करती हैं।
- आधुनिक जीव विज्ञान के अग्रणी क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास की सुविधा के लिए केंद्र विश्व स्तरीय अत्याधुनिक उपकरण एवं कंप्यूटिंग बुनियादी संरचना से लैस है।