Table of Contents
पीएमईजीपी यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
पीएमईजीपी केवीआइसी: सन्दर्भ
- वर्ष 2021-22 में, जम्मू तथा कश्मीर में केवीआईसी ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना- प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (प्राइम मिनिस्टर एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम/पीएमईजीपी) के तहत सर्वाधिक विनिर्माण एवं सेवा इकाइयों की स्थापना की है।
पीएमईजीपी: प्रमुख बिंदु
- KVIC ने भारत में अन्य सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में सर्वाधिक रोजगार का सृजन किया है।
- 2021-22 में, केवीआईसी ने जम्मू-कश्मीर में 3360 पीएमईजीपी इकाइयों का लक्ष्य रखा था, किंतु स्थानीय विनिर्माण के लिए केंद्र के प्रमुख प्रेरण से उत्साहित होकर, इसने 21,640 इकाइयों की स्थापना की एवं इस तरह लक्ष्य को 544% से अधिक कर दिया।
पीएमईजीपी क्या है?
- प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक साख सहलग्न सहायिकी (क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी) कार्यक्रम है जिसे 2008 में दो योजनाओं, प्रधान मंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) एवं ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (रूरल एम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम/आरईजीपी) को मिलाकर अनुमोदित किया गया था।
- यह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज/MoMSME) द्वारा प्रशासित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन/केवीआईसी) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- राज्य स्तर पर, योजना राज्य केवीआईसी निदेशालयों, राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्डों (केवीआईबी) तथा जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी) एवं बैंकों के माध्यम से लागू की जाएगी।
पीएमईजीपी के उद्देश्य
- देश के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में निरंतर एवं स्थायी रोजगार के अवसर सृजित करना।
- सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से देश में पारंपरिक तथा भावी कारीगरों, ग्रामीण तथा शहरी बेरोजगार युवाओं के एक बड़े वर्ग को निरंतर एवं स्थायी रोजगार प्रदान करना।
- सूक्ष्म क्षेत्र में उच्च ऋण प्रवाह के लिए वित्तीय संस्थानों की भागीदारी को सुगम बनाना।
पीएमईजीपी की पात्रता
- 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति।
- विनिर्माण क्षेत्र में 10.00 लाख रुपये से अधिक एवं सेवा क्षेत्र के लिए 5.00 लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
पीएमईजीपी की विशेषताएं
- यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में केवीआईसी एवं राज्य/संघ राज्य क्षेत्र खादी बोर्डों के माध्यम से तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से केवीआईसी/केवीआईबी/डीआईसी के मध्य क्रमशः 30:30:40 के अनुपात में कार्यान्वित की जाती है।
- परियोजनाओं की स्थापना के लिए कोई अधिकतम आय सीमा नहीं है।
- योजना के तहत सहायता मात्र स्थापित होने वाली नवीन इकाइयों को ही उपलब्ध है।
- मौजूदा इकाइयाँ या इकाइयाँ जो पूर्व से ही राज्य / केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत किसी भी सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा चुकी हैं, पात्र नहीं हैं।
- मैदानी इलाकों में प्रति व्यक्ति निवेश 1 लाख रुपये तथा पहाड़ी इलाकों में 1.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- विनिर्माण क्षेत्र में अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये है।
प्रदत्त पीएमईजीपी सब्सिडी
पीएमईजीपी के तहत लाभार्थियों की श्रेणियां | लाभार्थी का स्वयं का अंशदान (परियोजना लागत का) | सब्सिडी की दर | |
शहरी | ग्रामीण | ||
सामान्य श्रेणी | 10% | 15% | 25% |
विशेष (एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यकों/महिलाओं, भूतपूर्व सैनिकों, शारीरिक रूप से विकलांग, एनईआर सहित) , पहाड़ी एवं सीमावर्ती क्षेत्र इत्यादि) | 05% | 25% | 35% |