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त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई: आरबीआई द्वारा एनबीएफसी को पीसीए के अंतर्गत लाया गया

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

 

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा आरबीआई: प्रसंग

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे के दायरे के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया है।

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एनबीएफसी के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा: मुख्य बिंदु

  • एनबीएफसी हेतु पीसीए ढांचा 31 मार्च, 2022 को या उसके पश्चात एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति के आधार पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होगा।
  • प्रयोज्यता: यह – सरकारी एनबीएफसी, प्राथमिक डीलरों एवं हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों – एवं मध्यम, ऊपरी एवं शीर्ष संस्तरों में अन्य गैर-जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी  के अतिरिक्त सभी जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के लिए लागू होगा।
    • बैंकों के लिए पीसीए संरचना पूर्व से ही उपलब्ध है
  • पीसीए संरचना रिजर्व बैंक को संरचना में निर्धारित सुधारात्मक कार्रवाइयों के अतिरिक्त किसी भी समय कोई अन्य कार्रवाई,जिसे आरबीआई उचित समझती है, करने से नहीं रोकता है

 

एनबीएफसी के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा: इसकी आवश्यकता क्यों है?

  • एनबीएफसी के आकार में वृद्धि हो रही है एवं यह वित्तीय प्रणाली के अन्य क्षेत्रों के साथ पर्याप्त अंतर-संबद्धता रखते हैं। अतः, एनबीएफसी हेतु एक पीसीए ढांचा एनबीएफसी पर लागू पर्यवेक्षी उपकरणों को सुदृढ़ करेगा।
  • इसके अतिरिक्त, चार बड़ी वित्तीय कंपनियां – आईएल एंड एफएस, डीएचएफएल, एसआरईआई एवं रिलायंस कैपिटल – जिन्होंने सावधि जमा एवं गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्रों (डिबेंचर्स) के माध्यम से सार्वजनिक धन एकत्र किया, वित्तीय क्षेत्र में कठोर अनुश्रवण के बावजूद विगत तीन वर्षों में ध्वस्त हो गई
  • उन पर निवेशकों का सामूहिक रूप से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
  • इसने एनबीएफसी को पीसीए ढांचे के तहत लाने हेतु आरबीआई के वर्तमान कदम को आवश्यक बना दिया है।

 

एनबीएफसी के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा: उद्देश्य

  • उचित समय पर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप को सक्षम करने के लिए एवं जिससे पर्यवेक्षित इकाई समयबद्ध रूप से उपचारात्मक उपायों को प्रारंभ एवं कार्यान्वित कर सके, ताकि इसके वित्तीय स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित किया जा सके।
  • पीसीए ढांचे का उद्देश्य प्रभावी बाजार अनुशासन के लिए एक उपकरण के रूप कार्य करना भी है।

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एनबीएफसी हेतु पीसीए ढांचा: जोखिम सीमा

  • एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचे में तीन जोखिम सीमाएं हैं।

 

प्रभाव सीमा मापदण्ड निहितार्थ
 प्रभाव सीमा 1

 

यदि निवल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 6-9% के मध्य हैं।

यदि पूंजी पर्याप्तता अनुपात 15-12% के वर्तमान स्तर से 300 आधार अंक गिर जाता है।

 

एनबीएफसी लाभांश वितरण पर प्रतिबंधित रहेंगे।

प्रवर्तकों (प्रमोटरों) को पूंजी की आपूर्ति करने एवं लाभ अर्जन को कम करने के लिए कहा जाएगा।

मुख्य निवेश कंपनियों के मामले में, आरबीआई समूह कंपनियों की ओर से प्रत्याभूति जारी करने  अथवा अन्य आकस्मिक देनदारियों को ग्रहण करने पर भी रोक लगाएगा।

 

प्रभाव सीमा 2

 

यदि निवल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 9-12% के मध्य हैं।

यदि पूंजी पर्याप्तता अनुपात 12-9% से 300-600 आधार अंक गिर जाता है।

 

एनबीएफसी की शाखाएं खोलने पर प्रतिबंध रहेगा

 

प्रभाव सीमा 3

 

यदि निवल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 12% से अधिक हैं।

यदि पूंजी पर्याप्तता अनुपात 9% से 600 आधार अंक गिर जाता है।

 

प्रौद्योगिकी उन्नयन के अतिरिक्त अन्य सभी पूंजीगत व्यय को रोक दिया जाएगा।

 

 

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