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सार्वजनिक मामले सूचकांक 2021- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
सार्वजनिक मामले सूचकांक 2021- संदर्भ
- हाल ही में, पब्लिक अफेयर्स सेंटर (पीएसी) ने सार्वजनिक मामले सूचकांक/पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स (पीएआई) के छठे संस्करण के निष्कर्ष जारी किए।
सार्वजनिक मामले सूचकांक 2021- प्रमुख बिंदु
- सार्वजनिक मामले सूचकांक 2021 के बारे में: पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स, पब्लिक अफेयर्स सेंटर (पीएसी) द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक रिपोर्ट है।
- पब्लिक अफेयर्स सेंटर, बेंगलुरु (कर्नाटक) में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) है।
- पीएआई 2021 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को साम्यता, विकास एवं धारणीयता के व्यापक सतत विकास स्तंभों हेतु उप-राष्ट्रीय शासन में उनके प्रदर्शन के आधार पर श्रेणीकृत करता है।
- 43 संकेतक हैं जो इन 3 स्तंभों का निर्माण करते हैं एवं उनका उद्देश्य मानव विकास के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं कोप्रग्रहित करना है।
- मानदंड:
- पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स (पीएआई) साम्यता, विकास एवं धारणीयता स्तंभों द्वारा परिभाषित सतत विकास के संदर्भ में राज्यों के शासन प्रदर्शन को मापता है।
- सार्वजनिक मामले सूचकांक 2021 की अतिरिक्त विशेषताएं:
- पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स (पीएआई) 2021 में पांच केंद्र प्रायोजित योजनाओं का विश्लेषण भी शामिल है जो स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आजीविका के प्रमुख विकास मानकों में सहायता करते हैं। ये हैं-
- महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना,
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,
- एकीकृत बाल विकास सेवाएं,
- समग्र शिक्षा अभियान, एवं
- मध्याह्न भोजन योजना
- सार्वजनिक मामले सूचकांक (PAI) 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैंकिंग शामिल है।
- यह वर्ष – प्रति – वर्ष प्रदर्शन एवं राज्यों के संकुल (क्लस्टर) विश्लेषण को मापने वाले डेल्टा विश्लेषण का विस्तार है।
- सार्वजनिक मामले सूचकांक (PAI) 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैंकिंग शामिल है।
सार्वजनिक मामले सूचकांक (पीएआई) 2021- प्रमुख निष्कर्ष
- शीर्ष प्रदर्शनकर्ता: केरल, तमिलनाडु एवं तेलंगाना दोनों स्तंभों में अपने लगातार प्रदर्शन के कारण शीर्ष तीन स्थानों पर काबिज हैं।
- दो स्तंभ- कोविड-19 प्रतिक्रिया सूचकांक एवं वर्ष – प्रति – वर्ष प्रदर्शन एवं राज्यों का संकुल विश्लेषण।
- सार्वजनिक मामलों के सूचकांक (पीएआई) 2021 में कर्नाटक तीन स्थान गिरकर सातवें स्थान पर आ गया है।
- मनरेगा क्रियान्वयन: केरल इस श्रेणी में सबसे ऊपर है। राज्यों में कर्नाटक चौथे स्थान पर था।
- मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएमएस) क्रियान्वयन: इस श्रेणी में गोवा शीर्ष पर है जबकि कर्नाटक सातवें स्थान पर है।
- समग्र शिक्षा अभियान (एसएमएसए) क्रियान्वयन: छत्तीसगढ़ इस श्रेणी में 907 अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) क्रियान्वयन: केरल (499) इस श्रेणी में सबसे ऊपर है।
- एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना: इस श्रेणी में ओडिशा शीर्ष पर है।
- कोविड –19 प्रतिक्रिया सूचकांक: केरल, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश इस श्रेणी में शीर्ष तीन राज्य थे। कर्नाटक पांचवें स्थान पर रहा।
- इस सूचकांक में तत्परता (तैयारी) एवं नियंत्रण शामिल है।