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भारत में क्वांटम कम्प्यूटिंग: क्वांटम सर्वोच्चता कैसे प्राप्त करें?

हम यह लेख – ‘भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग’ क्यों पढ़ रहे हैं।  

  • यह भारत के लिए अत्यंत आवश्यक है कि वह भारत में  क्वांटम सर्वोच्चता प्राप्त करने में दूसरे देशों से पीछे न रहे। 
  • क्वांटम कंप्यूटर्स (QC) में, पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में अत्यंत जटिल समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम भौतिकी का लाभ उठाने की क्षमता है। 
  • दुनिया भर में कई संस्थानों एवं कंपनियों ने विशिष्ट समस्याओं को हल करने के लिए सॉफ्टवेयर से लेकर उनकी हार्डवेयर क्षमताओं का विस्तार करने वाले विज्ञान तक क्वांटम कंप्यूटर्स प्रणाली विकसित करने में निवेश किया है। 
  • यह टॉपिक ‘भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग’ जीएस पेपर 3: सूचना प्रौद्योगिकी एवं कंप्यूटर को कवर करता है।

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भारत में क्वांटम कम्प्यूटिंग की पृष्ठभूमि 

2021 में, भारत सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करने के लिए एक मिशन का प्रारंभ किया; सेना ने मध्य प्रदेश में क्वांटम रिसर्च संस्थान खोला एवं विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग ने पुणे में एक अन्य संस्थान का सह-विमोचन किया।

 

क्वांटम यांत्रिकी क्या है? 

  • क्वांटम यांत्रिकी भौतिकी का एक उपक्षेत्र है जो कणों – परमाणु, इलेक्ट्रॉन, फोटॉन एवं आणविक तथा उप-आणविक क्षेत्र में लगभग सब कुछ के व्यवहार का वर्णन करता है। 
  • 20वीं शताब्दी के पूर्वार्ध के दौरान विकसित, क्वांटम यांत्रिकी के परिणाम प्रायः अत्यंत विचित्र तथा विरोधाभासी होते हैं। 
  • परंपरागत यांत्रिकी में, वस्तुएँ एक विशिष्ट स्थान पर एक विशिष्ट समय पर मौजूद होती हैं। क्वांटम यांत्रिकी में, वस्तुएँ संभावना की धुंध में मौजूद होती हैं; उनके पास बिंदु ए पर होने का एक निश्चित अवसर होता है, बिंदु बी पर होने का एक अन्य अवसर तथा यह क्रम इसी तरह आगे जारी रहता है। 
  • क्वांटम भौतिकी उप-परमाणु स्तर पर वास्तविकता का वर्णन करती है, जहाँ वस्तुएँ इलेक्ट्रॉन सदृश कण हैं। 
  • यहाँ, हम एक इलेक्ट्रॉन के स्थान को इंगित नहीं कर सकते। हम केवल यह जान सकते हैं कि यह अंतरिक्ष के कुछ आयतन में मौजूद होगा, आयतन में प्रत्येक बिंदु से जुड़ी संभावना के साथ: उदाहरण के लिए, बिंदु  ए पर 10% एवं बिंदु बी पर 5%।

 

क्वांटम कंप्यूटर क्या है? 

  • हमारे अधिकांश घरों एवं कार्यस्थलों में पाए जाने वाले कंप्यूटर, बिट्स में डेटा को संसाधित करते हैं, जिनका बाइनरी मान या तो शून्य अथवा एक होता है। 
  • क्वांटम कंप्यूटर इसके स्थान पर डेटा प्रोसेसिंग के लिए द्वि- स्तर इकाई का उपयोग करते हैं जिसे क्यूबिट कहा जाता है। 
  • यह अधिस्थापन (सुपरपोज़िशन) नामक क्वांटम यांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से एक साथ एक अथवा शून्य जैसे अंकों का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जिससे क्वांटम कंप्यूटर बाइनरी अंकों को पाट सकते हैं एवं  अनिश्चितता का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं जहाँ नियमित कंप्यूटर ऐसा नहीं कर सकते। 
  • क्वांटम कंप्यूटिंग विशेषज्ञों एवं भौतिकविदों का कहना है कि इसका तात्पर्य यह है कि वर्षों से औसत कंप्यूटरों द्वारा की गई समस्याओं को मिनटों में हल किया जा सकता है। 
  • अतः, क्वांटम कंप्यूटिंग का वादा यह है कि यह उन समस्याओं को हल करने में सहायता करेगा जिन्हें मानक कंप्यूटर नहीं संभाल सकते। 
  • दुनिया भर की कंपनियां नई पीढ़ी के कंप्यूटर नियमित करने हेतु प्रतिस्पर्धा में हैं जो नई औषधियों तथा दवाओं के विकास जैसे जटिल कार्यों में क्रांति ला सकते हैं।

क्‍यूबिट क्‍या है?

  • क्यूबिट क्यूसी की मूलभूत इकाई है। यह एक इलेक्ट्रॉन सदृश एक कण हो सकता है। कुछ सूचनाएं सीधे क्यूबिट पर कूटलिखित (एन्कोडेड) होती है। 
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे एक साथ काम करते हैं, क्यूबिट को उलझा दिया जाता है। यदि एक क्यूबिट की जांच से उसकी स्थिति का पता चलता है, तो सभी उलझी हुई क्यूबिट की स्थिति भी सामने आ जाएगी। कंप्यूटर का अंतिम आउटपुट वह अवस्था है जिससे सभी क्यूबिट समाप्त हो गए हैं। 
  • एक क्यूबिट दो स्थितियों को एन्कोड कर सकता है, अतः एन क्यूबिट वाला एक कंप्यूटर 2 एन स्थितियों को एन्कोड कर सकता है। एन ट्रांजिस्टर वाला एक कंप्यूटर केवल 2 एन अवस्थाओं को एनकोड कर सकता है। अतः एक क्यूबिट- आधारित कंप्यूटर एक ट्रांजिस्टर-आधारित कंप्यूटर की तुलना में अधिक स्थितियों तक पहुंच सकता है एवं इस प्रकार अधिक अभिकलनात्मक (कम्प्यूटेशनल) मार्ग तथा अधिक जटिल समस्याओं के समाधान तक पहुंच सकता है।

 

क्वांटम सर्वोच्चता क्या है? 

  • क्वांटम सर्वोच्चता एक क्वांटम कंप्यूटर को संदर्भित करता है जो एक ऐसी समस्या को हल करता है जिसकी सामान्य जीवन काल में परंपरागत कंप्यूटर से अपेक्षा नहीं की जा सकती है। 
  • यह उस गति से संबंधित है जिस पर क्वांटम कंप्यूटर कार्य करता है। 
  • अक्टूबर 2019 में, गूगल  कृत्रिम प्रज्ञान (Google AI) क्वांटम के संयोजन में बनाए गए एक Sycamore प्रोसेसर (एक गूगल क्वांटम प्रोसेसर) को क्वांटम सर्वोच्चता प्राप्त करने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसकी गणना समिट, आईबीएम के एक सुपर कंप्यूटर की तुलना में 3,000,000 गुना से अधिक तेज़ है, जो वर्तमान में विश्व के सर्वाधिक द्रुत सुपर कंप्यूटरों में से एक है। 
  • दिसंबर 2020 तक, यहां तक ​​कि चीनी विश्वविद्यालयों को कथित तौर पर क्वांटम कंप्यूटिंग में सफलता प्राप्त हो रही थी।

 

क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत किस ओर बढ़ रहा है? 

  • भारत में अभी तक क्वांटम कंप्यूटर नहीं हैं। 
  • 2018 में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने क्वांटम-सक्षम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (क्वांटम-इनेबल्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी/क्वेस्ट) नामक एक कार्यक्रम का अनावरण किया तथा अनुसंधान में तेजी लाने के लिए अगले तीन वर्षों में 80 करोड़ रुपए निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। 
  • 2021 में, भारत सरकार ने 8,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकियों एवं अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन (नेशनल मिशन ऑन कॉन्टम टेक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन/NM-QTA) का विमोचन किया। 
  • योजना अगले दशक के भीतर भारत में एक क्वांटम कंप्यूटर निर्मित करने की है। 
  • प्रमुख चुनौतियां कौन सी हैं? 
    • भारत में क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र शिथिल रूप से निर्मित है। 
    • समस्या के चरण-1 में अनुसंधान विशेषज्ञों को कार्य पर रखना एवं ऐसी प्रणालियों का भौतिक रूप से निर्माण करने की जानकारी रखने वाली टीमों की स्थापना करना शामिल है। 
    • भारत के क्वांटम प्रयासों के परिणामों का आकलन करने के लिए मेट्रिक्स स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं हैं। 
    • देश में क्वांटम से संबंधित समस्त अनुसंधान एवं विकास के लिए एक साझा मंच का अभाव है। 
  • भारत में क्वांटम सर्वोच्चता कैसे प्राप्त करें? 
    • क्वांटम कंप्यूटिंग एवं अन्य तकनीकों में सर्वोच्चता प्राप्त करने हेतु, भारत को आवश्यक संस्थागत संरचना का विकास करना चाहिए। 
    • देश में क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने के लिए, भारत को सुपरकंडक्टिंग सामग्री, फिजिकल क्यूबिट्स, डेटा प्लेन, चिप्स, प्रोसेसर एवं फैब्रिकेशन लैब की आवश्यकता होगी। 
    • भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकी के आयातक से निर्यातक बनने के लिए आगे बढ़ने हेतु, इसे अपने प्रौद्योगिकी नीति उद्देश्यों, रूपरेखाओं एवं परिदेयों (डिलिवरेबल्स) पर पुनर्विचार करने तथा फिर से काम करने की आवश्यकता है। 
    • प्रौद्योगिकी के संभावित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, भारत को अमेरिका एवं चीन की गति  के अनुरूप होने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है, अमेरिका तथा चीन दोनों ने क्वांटम सर्वोच्चता प्राप्त कर ली है।

 

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