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राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनके अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
समाचारों में संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए)
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को 01.04.2022 से 31.03.2026 की अवधि के दौरान कार्यान्वयन के लिए जारी रखने को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का कार्यान्वयन 15वें वित्त आयोग की अवधि के साथ एक सह-अंतक (को-टर्मिनस) होगा।
- संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों (पंचायती राज इंस्टीट्यूशंस/पीआरआई) की शासन क्षमताओं को विकसित करना है।
संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के बारे में प्रमुख बिंदु
- वित्त पोषण: संशोधित आरजीएसए योजना का कुल वित्तीय परिव्यय 5911 करोड़ रुपए है जिसमें केंद्र का अंश 3700 करोड़ रुपए तथा राज्यों का अंश 2211 करोड़ रुपए है।
- लाभार्थी: देश भर में पारंपरिक निकायों सहित ग्रामीण स्थानीय निकायों के लगभग 60 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं अन्य हितधारक संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी होंगे।
संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का प्रभाव
- आरजीएसए की स्वीकृत योजना संपूर्ण देश में पारंपरिक निकायों सहित ग्रामीण स्थानीय निकायों को उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने के साथ समावेशी स्थानीय शासन के माध्यम से एसडीजी को वितरित करने हेतु शासन क्षमता विकसित करने में सहायता प्रदान करेगी।
- राष्ट्रीय महत्व के विषयों को मुख्य रूप से निम्नलिखित विषय वस्तु के तहत प्राथमिकता दी जाएगी, अर्थात्-
- गांवों में निर्धनता मुक्त एवं वर्धित आजीविका,
- स्वस्थ गांव,
- बाल-सुलभ गांव,
- जल आत्मनिर्भर गांव,
- स्वच्छ एवं हरा-भरा गांव,
- गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा,
- सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव,
- सुशासन से सुसज्जित गांव, तथा
- गांव में उत्पन्न विकास।
- समानता तथा न्याय को प्रोत्साहित करना: पंचायतों को सुदृढ़ करने से सामाजिक न्याय एवं समुदाय के आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता तथा समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा।
- पंचायतों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा महिलाओं का प्रतिनिधित्व होता है एवं ये जमीनी स्तर के सर्वाधिक समीप स्थित संस्थान हैं।
- पंचायती राज संस्थाओं द्वारा ई-गवर्नेंस के वर्धित उपयोग से बेहतर सेवा वितरण एवं पारदर्शिता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- यह योजना ग्राम सभाओं को नागरिकों, विशेष रूप से कमजोर समूहों के सामाजिक समावेश के साथ प्रभावी संस्थानों के रूप में कार्य करने हेतु सशक्त करेगी।
- यह पर्याप्त मानव संसाधन एवं आधारिक संरचना के साथ राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं के क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत ढांचे की स्थापना करेगा।
- एसडीजी की प्राप्ति में पंचायतों की भूमिका को मान्यता प्रदान करने एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मानदंडों के आधार पर प्रोत्साहन के माध्यम से पंचायतों को उत्तरोत्तर सशक्त किया जाएगा।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए)
- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के बारे में: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) की शासन क्षमताओं को विकसित करने हेतु केंद्रीय बजट 2016-17 में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की घोषणा की गई थी।
- बाद में, आरजीएसए की केंद्र प्रायोजित योजना को वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक लागू करने के लिए 21.04.2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- वित्त पोषण: राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) एक केंद्र प्रायोजित योजना (सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम/सीएसएस) है।
- योजना के केंद्रीय घटकों को पूर्ण रूप से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
- राज्य घटकों के लिए वित्तपोषण का प्रतिरूप केंद्र एवं राज्यों के मध्य क्रमशः 60:40 के अनुपात में होगा।]
- विशेष श्रेणी तथा केंद्र शासित प्रदेश: पूर्वोत्तर राज्य, पहाड़ी राज्य एवं जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश (यूनियन टेरिटरीज/यूटी) जहां केंद्र एवं राज्यों का अंश 90:10 होगा। यद्यपि, अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, केंद्रीय अंश 100% होगा।
- केंद्रीय घटक: मुख्य केंद्रीय घटक पंचायतों को प्रोत्साहन एवं केंद्रीय स्तर पर अन्य क्रियाकलापों सहित ई-पंचायत पर मिशन मोड परियोजना थे।
- राज्य घटक: आरजीएसए के तहत राज्य घटक में मुख्य रूप से सीबी एंड टी गतिविधियां, सीबी एंड टी के लिए संस्थागत तंत्र के साथ-साथ सीमित स्तर पर अन्य क्रियाकलाप सम्मिलित हैं।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का प्रदर्शन
- वित्त पोषण: पंचायतों को प्रोत्साहन देने तथा ई-पंचायत पर मिशन मोड परियोजना सहित आरजीएसए की योजना के तहत 2018-19 से 2021-22 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/पंचायतों एवं अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों को 2364.13 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: पंचायती राज संस्थाओं के लगभग 1.36 करोड़ निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं अन्य हितधारकों ने 2018-19 से 2021-22 के दौरान इस योजना के अंतर्गत विभिन्न एवं अनेक प्रशिक्षण प्राप्त किए।