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राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
समाचारों में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय
- हाल ही में, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के एक भवन को राष्ट्र को समर्पित किया तो था अहमदाबाद में अपना प्रथम दीक्षांत भाषण दिया।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के बारे में प्रमुख तथ्य
- पृष्ठभूमि: सरकार ने रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को अपग्रेड करके राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय नाम से एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय की स्थापना की।
- रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना 2010 में गुजरात सरकार द्वारा की गई थी।
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के बारे में: राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) की स्थापना पुलिस, आपराधिक न्याय तथा सुधार प्रशासन के विभिन्न स्कंधों में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित कार्यबल की आवश्यकता को पूर्ण करने हेतु की गई थी।
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) ने 1 अक्टूबर, 2020 को अपना संचालन प्रारंभ किया।
- महत्व: राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय उद्योग से ज्ञान एवं संसाधनों का लाभ उठाकर निजी क्षेत्र के साथ सामंजस्य विकसित करेगा।
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय पुलिस एवं सुरक्षा से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित करेगा।
- तालमेल स्थापित करना: गांधीनगर क्षेत्र में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रक्षा विश्वविद्यालय तथा फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय स्थित हैं। इन संबंधित क्षेत्रों में समग्र शिक्षा का निर्माण करने हेतु नियमित रूप से संयुक्त संगोष्ठियों के माध्यम से इन संस्थानों के मध्य तालमेल की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में प्रस्तुत पाठ्यक्रम
- शैक्षणिक पाठ्यक्रम: राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय पुलिसिंग एवं आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में डिप्लोमा से डॉक्टरेट स्तर तक शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करता है जैसे-
- पुलिस विज्ञान एवं प्रबंधन,
- आपराधिक कानून तथा न्याय,
- साइबर मनोविज्ञान,
- सूचना प्रौद्योगिकी,
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा साइबर सुरक्षा,
- अपराध जांच,
- सामरिक भाषाएं,
- आंतरिक रक्षा एवं रणनीतियाँ,
- शारीरिक शिक्षा तथा खेल,
- तटीय एवं सामुद्रिक सुरक्षा।
- वर्तमान स्थिति: वर्तमान में इन कार्यक्रमों में 18 राज्यों के 822 छात्र नामांकित हैं।