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राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान: प्रासंगिकता
- जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान: संदर्भ
- हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) की योजना को 31.03.2026 तक जारी रखने की स्वीकृति प्रदान की है।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान : मुख्य बिंदु
- यह प्रस्ताव करीब सवा 13000 करोड़ रुपये के व्यय की आवश्यकता पर बल देता है।
- योजना के नए चरण के अंतर्गत लगभग 1600 परियोजनाओं को समर्थन देने की परिकल्पना की गई है।
रूसा 2022
- नवीन रूसा लक्ष्य: असेवित, अल्पसेवित क्षेत्रों तक पहुंच बनाना; दूरस्थ/ग्रामीण क्षेत्र; कठिन भौगोलिक; वामपंथी उग्रवाद क्षेत्र; पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर); आकांक्षी जिले, टियर -2 शहर, कम जीईआर वाले क्षेत्र इत्यादि एवं सर्वाधिक वंचित क्षेत्रों तथा एसईडीजी को लाभान्वित करने हेतु।
- एनईपी को लागू करना: योजना के नए चरण को नई शिक्षा नीति की कुछ सिफारिशों एवं उद्देश्यों को लागू करने हेतु डिज़ाइन किया गया है, जो वर्तमान उच्च शिक्षा प्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव देता है ताकि इसे सुधार और पुन: सक्रिय किया जा सके एवं इस प्रकार, इक्विटी तथा समावेश के साथ गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके।।
- राज्यों को सहायता: योजना के नए चरण के अंतर्गत, राज्य सरकारों को लैंगिक समावेश, साम्यता पहल, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी/आईसीटी), व्यवसायीकरण तथा कौशल उन्नयन के माध्यम से रोजगार क्षमता में वृद्धि हेतु समर्थन दिया जाएगा।
- नए आदर्श स्नातक महाविद्यालयों (मॉडल डिग्री कॉलेज) निर्मित करने हेतु राज्यों को भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
- बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों को सहायता प्रदान की जाएगी।
- भारतीय भाषाओं में शिक्षण-अधिगम सहित विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने हेतु मान्यता प्राप्त तथा गैर-मान्यता प्राप्त दोनों विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को मजबूत करने हेतु अनुदान प्रदान किया जाएगा।
रूसा के बारे
- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) एक केंद्र प्रायोजित योजना (सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम/ सीएसएस) है, जिसे 2013 में प्रारंभ किया गया था।
- इसका उद्देश्य पात्र राज्य उच्च शिक्षण संस्थानों को रणनीतिक वित्त पोषण प्रदान करना है।
- यह साम्यता, अभिगम एवं उत्कृष्टता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के वित्तपोषण के लिए मिशन मोड में कार्य कर रहा है।
रूसा के उद्देश्य
- निर्धारित मानदंडों एवं मानकों से अनुरूपता सुनिश्चित करके राज्य संस्थानों की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना एवं अनिवार्य गुणवत्ता आश्वासन ढांचे के रूप में प्रत्यायन को अपनाना।
- राज्य स्तर पर योजना एवं अनुश्रवण हेतु एक सुगम संस्थागत संरचना निर्मित कर, राज्य के विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता को प्रोत्साहित करने एवं संस्थानों में शासन में सुधार करके राज्य उच्च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार आरंभ करना।
- संबद्धता, शैक्षणिक और परीक्षा प्रणाली में सुधार सुनिश्चित करना।
- सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा रोजगार के सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण सुनिश्चित करना।
- अनुसंधान एवं नवाचारों हेतु स्वयं को समर्पित करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में एक सक्षम माहौल निर्मित करना।
- असेवित एवं अल्पसेवित क्षेत्रों में संस्थानों की स्थापना करके उच्च शिक्षा तक पहुंच में क्षेत्रीय असंतुलन में सुधार करना।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं सामाजिक तथा शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को उच्च शिक्षा के पर्याप्त अवसर प्रदान करके उच्च शिक्षा में साम्यता में सुधार करना; महिलाओं, अल्पसंख्यकों तथा नि:शक्तजनों के समावेश को बढ़ावा देना।
रूसा का लक्ष्य
- रूसा ने 2020 तक देश के सकल नामांकन अनुपात को 30% तक बढ़ाने का प्रयास किया है।
- यह राज्य सरकारों द्वारा उच्च शिक्षा पर व्यय में वृद्धि करने का भी प्रयास करता है।
- योजना, अपने दूसरे चरण (2017 – 2020) में, 70 नए मॉडल डिग्री कॉलेज एवं 8 नए व्यावसायिक महाविद्यालय निर्मित करने का लक्ष्य रखती है; 10 चुनिंदा राज्य विश्वविद्यालयों एवं 70 स्वायत्त महाविद्यालयों में गुणवत्ता तथा उत्कृष्टता को बढ़ाना, 50 विश्वविद्यालयों एवं 750 कॉलेजों इत्यादि को ढांचागत सहायता प्रदान करना।
- शैक्षणिक सुधारों, शासन सुधारों, संबद्धता सुधारों इत्यादि जैसे सुधारों के माध्यम से स्लेट्स में उच्च शिक्षा अभिगम, साम्यता तथा पहुंच में सुधार करना। सामाजिक रूप से वंचित समुदायों को उच्च शिक्षा के पर्याप्त अवसर प्रदान करके उच्च शिक्षा में समानता में सुधार करना; महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विकलांग व्यक्तियों के समावेश को बढ़ावा देना।
- राज्य सरकारों के प्रयासों में वृद्धि एवं समर्थन करके, उच्च शिक्षा में वर्तमान अंतराल की पहचान करना तथा उन्हें भरना।
- गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु राज्यों तथा संस्थानों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना।