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सूक्ष्म वित्त ऋण: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
माइक्रो फाइनेंस लोन: संदर्भ
- हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने सूक्ष्म वित्त ऋणों के लिए दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं ताकि कम आय वाले परिवारों को पारदर्शी तरीके से ऋण उपलब्ध कराया जा सके, जबकि ऋण प्रदाताओं द्वारा अपनाई गई किसी भी विषम व्यवहार से ऋणग्राहियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सूक्ष्म वित्त ऋण: प्रमुख बिंदु
- भारतीय रिजर्व बैंक (माइक्रो फाइनेंस लोन के लिए नियामक ढांचा) निर्देश, 2022 01 अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगे।
माइक्रो फाइनेंस लोन क्या है?
- एक सूक्ष्म वित्त ऋण (माइक्रो फाइनेंस लोन) को एक संपार्श्विक-मुक्त ऋण के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक ऐसे परिवार को दिया जाता है जिसकी वार्षिक घरेलू आय 3,00,000 रुपए तक होती है।
सूक्ष्म वित्त ऋण दिशा निर्देश
- आरबीआई ने सूक्ष्म वित्त खंड को ऋण प्रदान करने वाली विनियमित संस्थाओं (रेगुलेटेड एंटिटीज/आरई) को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऋण संपार्श्विक-मुक्त हैं एवं उधारकर्ता के जमा खाते पर ग्रहणाधिकार से जुड़े नहीं हैं।
- विनियमित संस्थाओं में सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर); सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / जिला केंद्रीय सहकारी बैंक तथा समस्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (माइक्रोफाइनेंस संस्थानों एवं हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों सहित) सम्मिलित हैं।
- निर्देशों के अनुसार, रेगुलेटेड एंटिटीज के पास उधारकर्ताओं की आवश्यकता के अनुरूप माइक्रोफाइनेंस ऋणों पर चुकौती आवधिकता की लचीलापन प्रदान करने हेतु बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होगी।
- आरबीआई ने उन मार्जिन कैप को भी हटा दिया है जो विशेष रूप से गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों – माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एनबीएफसी-एमएफआई) पर लागू होते थे, ताकि नियामक ढांचे में सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
ऋण मूल्य निर्धारण
- मार्जिन कैप (100 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण पोर्टफोलियो वाले बड़े एमएफआई के लिए 10 प्रतिशत से अधिक नहीं एवं अन्य के लिए 12 प्रतिशत) अब एनबीएफसी-एमएफआई पर लागू नहीं होते हैं।
- प्रत्येक आरई सूक्ष्म वित्त ऋणों के मूल्य निर्धारण के संबंध में एक बोर्ड-अनुमोदित नीति बनाएगा।
- सूक्ष्म वित्त ऋणों पर ब्याज दरें तथा अन्य प्रभार/शुल्क अति ब्याज (सूदखोरी) नहीं होनी चाहिए। ये आरबीआई द्वारा पर्यवेक्षी जांच के अधीन होंगे।
- सूक्ष्म वित्त ऋणों पर कोई पूर्व भुगतान दंड नहीं होगा। विलंबित भुगतान के लिए अर्थदंड (जुर्माना), यदि कोई हो, अतिदेय राशि पर लागू होगा न कि संपूर्ण ऋण राशि पर।
ऋण पुनर्अदायगी पर सीमा
- भारतीय रिजर्व बैंक ने एक परिवार के ऋण पुनर्अदायगी दायित्वों पर एक सीमा निर्धारित की है।
- मासिक घरेलू आय के 50 प्रतिशत की सीमा में बहिर्वाह में सभी मौजूदा ऋणों के साथ-साथ विचाराधीन ऋणों के लिए पुनर्भुगतान (मूलधन के साथ-साथ ब्याज घटक दोनों सहित) सम्मिलित होंगे।
- मौजूदा ऋण, जिसके लिए मासिक घरेलू आय के प्रतिशत के रूप में एक परिवार के मासिक ऋण दायित्वों के पुनर्भुगतान के कारण बहिर्वाह 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है, को परिपक्व होने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
- तथापि, ऐसे मामलों में, इन परिवारों को 50 प्रतिशत की निर्धारित सीमा का अनुपालन किए जाने तक कोई नया ऋण प्रदान नहीं किया जाएगा।
ऋण कार्ड
प्रत्येक विनियमित संस्था/इकाई ऋण ग्राही को एक ऋण कार्ड प्रदान करेगा जिसमें निम्नलिखित शामिल होंगे:
- सूचना जो ऋण ग्राही की पर्याप्त रूप से पहचान करती है;
- मूल्य निर्धारण पर सरलीकृत तथ्य पत्रक (फैक्टशीट);
- ऋण से जुड़े अन्य सभी नियम तथा शर्तें; प्राप्त किश्तों एवं अंतिम भुगतान सहित सभी भुगतानों की आरई द्वारा स्वीकृति; तथा
- आरई के नोडल अधिकारी के नाम तथा संपर्क नंबर सहित शिकायत निवारण प्रणाली का विवरण।
आउटसोर्स किए गए क्रियाकलाप
- आरबीआई ने कहा कि आरई द्वारा किसी भी क्रियाकलाप की आउटसोर्सिंग उसके दायित्वों को कम नहीं करती है एवं इन निर्देशों के अनुपालन का उत्तरदायित्व पूर्ण रूप से आरई के पास होगा।
- ऋण समझौते में यह घोषणा की जाएगी कि इसके कर्मचारियों अथवा आउटसोर्स एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा अनुचित व्यवहार के लिए आरई जवाबदेह होगा एवं समय पर शिकायत निवारण प्रदान करेगा।
ऋणों की वसूली
- प्रत्येक आरई पुनर्भुगतान संबंधी कठिनाइयों का सामना कर रहे उधारकर्ताओं का अभिनिर्धारण करने, ऐसे उधारकर्ताओं के साथ जुड़ाव एवं उन्हें उपलब्ध साधनों के बारे में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु एक तंत्र स्थापित करेगा।
- ऋणों की वसूली, उधारकर्ता एवं रेगुलेटेड एंटिटीज द्वारा पारस्परिक रूप से तय किए गए निर्दिष्ट/केंद्रीय निर्दिष्ट स्थान पर की जाएगी।
- तथापि, यदि उधारकर्ता दो या अधिक लगातार अवसरों पर निर्दिष्ट/केंद्रीय निर्दिष्ट स्थान पर उपस्थित होने में विफल रहता है, तो फील्ड स्टाफ को उधारकर्ता के निवास स्थान या कार्यस्थल पर वसूली करने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
- रेगुलेटेड एंटिटीज या उसके अभिकर्ता वसूली की दिशा में किसी भी कठोर तरीके का प्रयोग नहीं करेंगे।
अर्हक परिसंपत्ति मानदंड
- एनबीएफसी-एमएफआई के लिए माइक्रो फाइनेंस लोन की न्यूनतम अर्हता को भी संशोधित कर कुल परिसंपत्ति का 75 प्रतिशत कर दिया गया है।
- एनबीएफसी-एमएफआई की ‘अर्हक परिसंपत्ति’ की परिभाषा को अब ‘माइक्रो फाइनेंस लोन’ की परिभाषा के साथ संरेखित किया जा रहा है।
- एनबीएफसी (अर्थात, एनबीएफसी-एमएफआई के अतिरिक्त अन्य एनबीएफसी) के लिए सूक्ष्म वित्त ऋण की अधिकतम सीमा अब कुल परिसंपत्ति का 25 प्रतिशत है।
- पूर्व के दिशानिर्देशों के तहत, एक एनबीएफसी जो एनबीएफसी-एमएफआई के रूप में अर्हता प्राप्त नहीं करता है, वह अपनी कुल परिसंपत्ति के 10 प्रतिशत से अधिक के माइक्रो फाइनेंस लोन का विस्तार नहीं कर सकता है।