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आरबीआई फिनटेक विभाग: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं नियोजन, संसाधन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
आरबीआई में फिनटेक विभाग की स्थापना: प्रसंग
- हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने “गत्यात्मक रूप से” बढ़ते वित्तीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने हेतु एक फिनटेक विभाग की स्थापना की है।
आरबीआई ने फिनटेक विभाग की स्थापना की: मुख्य बिंदु
- आरबीआई ने कहा कि बैंक में एक फिनटेक विभाग स्थापित करने का निर्णय, क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने एवं गत्यात्मक रूप से परिवर्तित होते वित्तीय परिदृश्य के साथ सामंजस्य स्थापित करने हेतु फिनटेक क्षेत्र में नवाचार की सुविधा के लिए लिया गया था।
- भुगतान एवं निपटान प्रणाली विभाग, केंद्रीय कार्यालय (डीपीएसएस, सीओ) के फिनटेक डिवीजन को मिलाकर नया विभाग निर्मित किया गया है।
- विभाग की अध्यक्षता आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी करेंगे।
- फिनटेक विभाग अपने केंद्रीय प्रशासनिक प्रभाग को रिपोर्ट करेगा।
फिनटेक विभाग के लाभ
- विभाग फिनटेक क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन देगा।
- यह इससे जुड़ी चुनौतियों एवं अवसरों की भी पहचान करेगा एवं समयबद्ध रूप से उनका समाधान करेगा।
- यह इस विषय पर आगे के शोध के लिए एक ढांचा भी प्रदान करेगा जो बैंक द्वारा नीतिगत अंतःक्षेप में सहायता कर सकता है।
फिनटेक विभाग के उत्तरदायित्व
- फिनटेक क्षेत्र में रचनात्मक नवाचारों एवं इन्क्यूबेशन की सुविधा से संबंधित सभी मामले, जिनके वित्तीय क्षेत्र के लिए व्यापक प्रभाव हो सकते हैं एवं जो बैंक के दायरे में आते हैं, फिनटेक विभाग द्वारा निष्पादित किए जाएंगे।
- फिनटेक पर अंतर-नियामक समन्वय एवं अंतर्राष्ट्रीय समन्वय से संबंधित सभी मामलों को भी विभाग द्वारा निष्पादित किया जाएगा।
- विभाग एक पारदर्शी नियामक वातावरण स्थापित करने की दिशा में कार्य करेगा, जो बदले में इस क्षेत्र में नवाचार में सहायता करने का प्रयत्न करेगा।
फिनटेक क्या है?
- फिनटेक को आम तौर पर एक ऐसे उद्योग के रूप में वर्णित किया जाता है जो वित्तीय प्रणालियों एवं वित्तीय सेवाओं के वितरण को अधिक दक्ष बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।
- सूचना प्रौद्योगिकी पर निरंतर बढ़ती निर्भरता के साथ वित्तीय सेवा क्षेत्र में उदय होते तकनीकी नवाचारों का वर्णन करने हेतु फिनटेक का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
भारत में फिनटेक
- भारत में, फिनटेक एवं डिजिटल प्रतिभागी बड़े बैंकों, स्थानीय बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं सहकारी बैंकों सहित मध्यम आकार के बैंकों के साथ-साथ भारतीय वित्तीय प्रणाली के चौथे खंड के रूप में कार्य कर सकते हैं।
- इसमें वित्तीय परिदृश्य को मौलिक रूप से रूपांतरित करने की क्षमता है जहां उपभोक्ता प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर विकल्पों के व्यापक समुच्चय का चयन करने में सक्षम होंगे तथा वित्तीय संस्थान कम लागत के माध्यम से दक्षता में सुधार कर सकते हैं।
- भारत सर्वाधिक तीव्र गति से वृद्धि करते फिनटेक बाजार एवं विश्व में तीसरा सर्वाधिक वृहद फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है।
- वित्तीय सेवाओं में फिनटेक द्वारा लाए गए त्वरित एवं रूपांतरणकारी परिवर्तनों के निरंतर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की आवश्यकता है।
- नियामकों को अपने दृष्टिकोण के साथ रचनात्मक, कुशाग्र एवं तकनीक की समझ रखने वाला होना चाहिए।