Home   »   Road Accidents in India 2020   »   Good Samaritan Laws

परोपकारिता को मान्यता देना- दयालु व्यक्ति कानून

परोपकारिता को मान्यता देना- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतःक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

परोपकारिता को मान्यता देना- पृष्ठभूमि

  • हाल ही में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भी सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने वाले दयालु व्यक्तियों को नकद पुरस्कार से सम्मानित करने की पहल प्रारंभ की है।
  • दुर्घटनाओं से भारत की चौंका देने वाली वार्षिक मृत्यु दर को कम करने हेतु, यह एक स्वागत योग्य प्रयास है।

Indian Polity

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

परोपकारिता को मान्यता देना- भारत में सड़क दुर्घटनाएं

  • वैश्विक तुलना: भारत सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले 20 देशों में तीसरे स्थान पर है।
    • अमेरिका एवं जापान की तुलना में भारत की स्थिति एक महत्वपूर्ण मापक- मामलों से मृत्यु अनुपात के मामले में कहीं अधिक खराब स्थिति में है, जहां अधिक दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं किंतु मौतें कम हुई हैं।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) डेटा: यहां तक ​​कि कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बाधित गतिशीलता अवधि के दौरान, सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लापरवाही के कारण 1,20,716 मामलों में 1,33,715 लोगों की मृत्यु हो गई।

परोपकारिता को मान्यता देना – भारत में दयालु व्यक्ति कानून

  • मोटर वाहन कानून एवं दयालु व्यक्ति:
    • इसके अंतर्गत, एक दयालु व्यक्ति बिना किसी भुगतान या इनाम की अपेक्षा किए, दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की स्वेच्छा से सहायता करता है।
    • कानून के तहत, अच्छे दयालु व्यक्तियों के पास मामले में अपनी संलिप्तता दर्ज करने या जांच में सहायता करने का कोई कानूनी दायित्व नहीं है।
    • विगत वर्ष, पुलिस बलों एवं अस्पतालों को दयालु व्यक्तियों के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु एक संशोधन के माध्यम से अधिनियम में एक अध्याय जोड़ा गया था।
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड: सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड को अधिसूचित किया है।
    • अधिदेश: अन्य बातों के अतिरिक्त, सुरक्षा एवं अभिघात प्रबंधन पर मानक तैयार करना, यातायात पुलिस के मध्य क्षमता का निर्माण करना, तथा दुर्घटना की जांच को वैज्ञानिक स्तर पर रखना।
  • संबद्ध चुनौतियां: विगत वर्ष अधिनियम में संशोधन के बाद भी, परोपकारिता अभी भी उत्पीड़न एवं कानूनी जटिलताओं की धारणा से दुष्प्रभावित है।

विश्व का सर्वाधिक लंबा एक्सप्रेस-वे: दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे

 

परोपकारिता को मान्यता देना – सड़क परिवहन मंत्रालय की दयालु व्यक्ति योजना

  • दयालु व्यक्ति योजना के बारे में: यह सामाजिक विचार वाले व्यक्तियों को, 5000 रुपए एवं जीवन रक्षा के लिए एक मान्यता प्रमाण पत्र के साथ पुरस्कृत करेगा जो तत्काल सहायता प्रदान करते हैं एवं पीड़ितों को कुछ प्रकार की आकस्मिक अभिघातों के साथ अस्पताल ले जाते हैं।
  • निधियन: राज्य सरकारें इस योजना के संचालन हेतु उत्तरदायी हैं, केंद्र एक प्रारंभिक अनुदान प्रदान करता है, किंतु केंद्रीय परिवहन मंत्रालय एक वर्ष में 10 सर्वश्रेष्ठ दयालु  व्यक्तियों को 1 लाख रुपए का अपना पुरस्कार प्रदान करेगा।

आगे की राह

  • सरकार को वैज्ञानिक सड़क डिजाइन एवं मानकों की शुरुआत करनी चाहिए एवं उल्लंघन के लिए शून्य सह्यता (जीरो टॉलरेंस) लागू करना चाहिए।
  • दयालु व्यक्ति योजना: इसे दुर्घटनाओं को कम करने एवं मौतों तथा अभिघातों के मामलों के अनुपात को कम करने के लक्ष्य के साथ लागू किया जाना चाहिए।
    • नौकरशाही बाधाओं को दूर करना: दयालु व्यक्तियों को पुरस्कृत करने हेतु पुलिस, अस्पतालों एवं आरटीओ द्वारा सहायता प्राप्त, नियत जिला समितियों को उनके योगदान की शीघ्र पहचान करनी चाहिए।

निष्कर्ष

  • दुर्घटना में शामिल सड़क उपयोगकर्ताओं की सहायता करने हेतु कई और लोग नितान्त परोपकारिता से प्रेरित होते रहेंगे, एवं सरकारों को उनके मार्ग से नौकरशाही बाधाओं को दूर करना चाहिए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) रिपोर्ट 2020

Sharing is caring!

परोपकारिता को मान्यता देना- दयालु व्यक्ति कानून_3.1