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प्रसंग
- 15 अगस्त, 2021 की पूर्व संध्या पर लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी अपने चरम पर है।
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लाल किले के बारे में मुख्य बिंदु
- निर्माण: मुगल सम्राट शाहजहाँ ने 1618 में लाल किले की आधारशिला रखी थी और 1647 में इसका उद्घाटन किया था।
- वास्तुकला: लाल किला तैमूर एवं फारसियों की स्थापत्य शैली का मेल है। लाल किले के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे।
- लाल किला परिसर में भारतीय-इस्लामी और मुगल स्थापत्य शैली मौजूद है।
- यह यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में सूचीबद्ध है। यह यमुना नदी के तट पर स्थित है।
- विशेषताएं:
- लगभग डेढ़ मील की परिधि में विस्तृत, किला एक अनियमित अष्टकोणीय है एवं इसके दो प्रवेश द्वार, लाहौरी द्वार एवं दिल्ली द्वार हैं।
- दीवान-ए-आम: यह जनता के लिए लाल किले का कक्ष था। मुगल बादशाह यहां दरबार लगाते थे एवं गणमान्य व्यक्तियों और विदेशी दूतों से मिलते थे। मंच के पीछे इटली की पिएत्रा-ड्यूरा कला कार्य भी दृष्टिगत होता है।
- दीवान-ए-खास: निजी दर्शकों का कक्ष था। यह श्वेत संगमरमर का एक मंडप है जो जटिल नक्काशीदार स्तंभों द्वारा आलंबित है। दीवान-ए-खास में कभी प्रसिद्ध मयूर सिंहासन था।
- 1739 में नादिरशाह द्वारा मयूर सिंहासन को लूटा गया था।
- स्वर्ग की धारा कहलाती है: इसके बागों एवं एक जलवाहिका के कारण।
- लाल किला एवं स्वतंत्रता दिवस परंपरा:
- लाल किले (ब्रिटिश शक्ति एवं पराक्रम का प्रतीक) को पुनः प्राप्त करने के लिए, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर पर भारतीय ध्वज फहराया।
- यह 15 अगस्त 1947 के अगले ही दिन हुआ जब इसे इंडिया गेट पर फहराया गया।
- यह तब से भारत की स्थायी स्वतंत्रता दिवस परंपरा बन गया।