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मिश्रित वित्त के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवा की पुनर्कल्पना

मिश्रित वित्त: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

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 भारत में मिश्रित वित्त: संदर्भ

  • हाल ही में, नीति आयोग ने किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार के लिए मिश्रित वित्त के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पुनर्कल्पना‘ (रिइमेजिनिंग हेल्थ केयर इन इंडिया थ्रू ब्लेंडेड फाइनेंस) पर एक श्वेत पत्र का अनावरण किया है।

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मिश्रित वित्त के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पुनर्कल्पना: प्रमुख बिंदु

  • अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम),  नीति आयोग तथा यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) ने सस्टेनेबल एक्सेस टू मार्केट्स एंड रिसोर्सेज फॉर इनोवेटिव डिलीवरी ऑफ़ हेल्थकेयर (समृद्ध) पहल के अंतर्गत एक नवीन साझेदारी की घोषणा की है।
  • उद्देश्य: टियर -2 तथा टियर -3 शहरों एवं ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्रों में अति संवेदनशील जनसंख्या के लिए किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार करना।
  • 2020 में, यूएसएआईडी, आईपीई ग्लोबल एवं भारत सरकार, अकादमिक तथा निजी क्षेत्र के हितधारकों ने बाजार-आधारित स्वास्थ्य समाधान निर्मित करने एवं त्वरित रूप से स्केल करने हेतु वाणिज्यिक पूंजी के साथ सार्वजनिक तथा लोकोपकारी निधियों को संयोजित करने हेतु नवोन्मेषी समृद्ध मिश्रित वित्त सुविधा विकसित की।
  • एआईएम तथा समृद्ध लघु एवं मध्यम स्वास्थ्य उद्यमों में व्यावसायिक निवेश के लिए बाधाओं को प्रतिसंतुलित करने  हेतु लोकोपकारी पूंजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के संसाधनों का लाभ उठाएंगे एवं स्वास्थ्य सेवा समाधानों में निवेश करेंगे।
  • रीइमेजिनिंग हेल्थकेयर भारत की सबसे कमजोर आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु नवोन्मेषी वित्तपोषण तंत्र का लाभ उठाने के दृष्टिकोण प्रदान करता है।
  • यह सहयोग कोविड-19 की जारी तीसरी लहर के लिए एक प्रभावी प्रतिक्रिया को आयोजित  करने  एवं भविष्य में संक्रामक रोगों के प्रकोप तथा स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी का निर्माण करने हेतु सामान्य लक्ष्य के साथ स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

 

मिश्रित वित्त क्या है?

  • मिश्रित वित्त, वित्त पोषण की दिशा में एक दृष्टिकोण है जहां सार्वजनिक एवं लोकोपकारी स्रोतों से उपप्रेरणात्मक वित्त पोषण (उदाहरण के लिए, अनुदान एवं रियायती पूंजी) का उपयोग सामाजिक लक्ष्यों  तथा परिणामों को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त निजी क्षेत्र के निवेश को जुटाने हेतु किया जाता है।
  • मिश्रित वित्त उन परियोजनाओं में रियायती पूंजी तथा निजी पूंजी का रणनीतिक उपयोग है जहां निजी प्रतिभागियों के अकेले भाग लेने हेतु अनुभव किए गए जोखिम बहुत अधिक हैं।

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मिश्रित वित्त  के लाभ

  • निजी निवेशकों की मुख्य बाधा को हल करता है: मिश्रित वित्त निजी निवेशकों की मुख्य बाधा को  हल करता है, जो कि निवेश के अवसर पर अनुभव किए गए उच्च जोखिम है एवं तुलनीय निवेश के सापेक्ष दिए गए जोखिम के लिए खराब प्रतिलाभ है।
  • सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक: सरकारी ऋण तथा सार्वभौम प्रत्याभूति पर निर्भरता को कम करके तथा व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य सामाजिक प्रभाव परियोजनाओं की एक पाइपलाइन का निर्माण करके।
  • मूल्यवान साधन: मिश्रित वित्त द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय एजेंसियों, लोकोपकारी संगठनों तथा व्यावसायिक सामाजिक उत्तरदायित्व (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी/सीएसआर) प्रतिष्ठानों के लिए एक मूल्यवान उपकरण है, जो पारंपरिक अनुदान-निर्माण के पूरक हैं तथा वित्तीय एवं सामाजिक प्रतिलाभ प्रदान करने वाली परियोजनाओं में ऋण/इक्विटी/प्रत्याभूति के रूप में अपने धन का निवेश करते हैं।

 

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